Betul News: अमृत 2.0 के 15 करोड़ में से 4 करोड़ ताप्ती बैराज के मरम्मत पर होंगे खर्च
Betul News: Out of 15 crores of Amrit 2.0, 4 crores will be spent on the repair of Tapti Barrage

नपा ने ठेकेदार पर कार्रवाई करने के बजाए जलसंसाधन विभाग से मांगी थी अनुमति, अब काम शुरू करने की तैयारी
Betul News: बैतूल। इसे विडंबना ही कहे कि बैतूल नगरपालिका के अधिकारियों का ठेकेदारों के प्रति स्नेह कम नहीं हो रहा है। इसकी बानगी तो कई बार देखने को मिली है, लेकिन इस बार एक बड़ी राशि पानी में बहाकर ठेकेदार को बचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। मामला खेड़ी सांवलीगढ़ में बने ताप्ती बैराज से हुआ है। इसे छत्तसीगढ़ की मे.चंद्रा कंपनी ने बनाया था। बैराज बनने के बाद इसकी वाल्व क्षतिग्रस्त हुई तो इसे सुधारने के प्रयास नाकाम हो गए।
नपा ने ठेकेदार को कई नोटिस दिए, लेकिन नतीजा सिफर रहा, लेकिन आखिर में डेढ़ करोड़ की राशि अधिग्रहित कर ली गई। इसके बाद इस राशि में नपा ने बैराज की मरम्मत नहीं की। अब अमृत 2.0 की इस वर्ष मिलने वाली 14.98 करोड़ की राशि में से 4 करोड़ बैराज की मरम्मत पर खर्च करने के लिए जलसंसाधन विभाग से मंजूरी मिल गई। अब बैराज की मरम्मत का काम शुरू किया जा रहा है।
करीब 7 वर्ष पहले ताप्ती नदी पर 7 करोड़ से अधिक की लागत से 1.5 एमसीएम पानी के स्टोरेज वाला बैराज नपा ने निर्मित किया था। इसका टेंडर रायपुर की मेसर्स चंद्रा कंपनी ने सर्वाधिक बोली लगाकर लेने में सफलता हासिल की थी। कार्ययोजना के तहत कंपनी को बैराज बनाने और इसकी पांच साल तक मरम्मत की भी वारंटी दी गई थी। इस बीच पिछले चार वर्ष पहले बारिश में ताप्ती में बाढ़ आने के बाद बैराज की दाहिने तरफ की साइड वाल ने दम तोड़ दिया। नतीजा यह हुआ कि स्टोर करने के लिए बनाया गया बैराज मेें पानी थमना बंद हो गया। इन चार वर्षों में बैराज की क्षतिग्रस्त वाल्व को सुधारने की कई कवायद नपा ने पूरी की, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हो पाई है। आज भी कल-कल बहता पानी गर्मी में नपा के अधिकारियों की चेहरे की शिकन बढ़ा रहा है।
मरम्मत के लिए लाखों पानी में बहाया
पिछले चार वर्षों में नपा ने ताप्ती बैराज में क्षतिग्रस्त वाल्व की मरम्मत के लिए ठेकेदार द्वारा काम न किए जाने के बाद अपनी ही मद से लाखों रुपए बहा दिए। नपा ने यहां पर अपने ट्रेक्टर और कर्मचारियों को लगाकर साइड वाल्व को भरने के लिए बड़ी मात्रा में मुरम और पत्थर का भराव भी किया था। अपने खर्च पर यह राशि का फटका लगने की उस समय भी खूच आलोचना हुई, लेकिन जिम्मेदारों ने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी। यह जानकारी सभी को थी कि पत्थर और मुरम के भराव का बारिश की बाढ़ के बाद कोई असर नहीं होगा। इसके बावजूद भी लाखों रुपए फूंकर शासकीय धन का जबरदस्त दुरुपयोग किया गया। इसके बावजूद नतीजा सिफर निकला।
अब अमृत योजना पर टिकी निगाहें
बताया जाता है कि नगरपालिका ने जनवरी माह में जलसंसधान विभाग के प्रमुख अभियंता को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि अमृत 2.0 योजना के तहत बैतूल को 14 करोड़ 98 लाख की राशि में से 4 करोड़ रुपए ताप्ती बैराज की मरम्मत के लिए अनुशंसित किए जाए, ताकि इसके रिपेयर का काम और डिजाइन कर सके। यह भी बताया था कि ताप्ती बैराज से पानी लेकर बैतूल में पानी की सप्लाई की जाती है। बैराज के क्षतिग्रस्त होने से गर्मी के समय जलसंकट की स्थिति बनती है। प्रमुख अभियंता को पत्राचार के बाद बीते दिनों जलसंसधान विभाग के बैतूल कार्यालय में प्रमुख अभियंता का पत्र आया है। इसमें वर्षाकाल के पूर्व ताप्ती बैराज की मरम्मत े के लिए नपा का पत्र मिला है। पत्र में उल्लेख किया है कि इस संबंध में कार्रवाई कर उन्हें अवगत कराया जाए।
डेढ़ करोड़ अधिगृहित के बाद नतीजा सिफर
नपा के जिम्मेदार बैराज की मरम्मत करने पर बुरी तरह से घिरे हुए हैं। दरअसल बैराज की निर्माण कंपनी चंद्रा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मरम्मत न करने पर डेढ़ करोड़ की अमानत राशि नपा ने लंबे समय पहले अधिग्रहित कर ली। इस राशि में से कितने का बैराज की मरम्मत के लिए खर्च किया यह अधिकारी बताने में कतरा रहे हैं। अब अमृत 2.0 की 14.98 करोड़ राशि में शहर विकास की बजाए 4 करोड़ बैराज पर खर्च करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जलसंसाधन विभाग से बारिश के पूर्व बैराज की मरम्मत का आग्रह किया गया, जबकि बारिश को 3 माह का समय शेष है। अभी न तो डिपीआर बनी है और न ही टेंडर हुए हैं। पूरी प्रकिया में कम से कम 9 माह का समय लगेगा, लेकिन मनमानी के चलते फेल प्लान को सामने लाकर राशि का दुरुपयोग करने से नपा बाज नहीं आ रही है।
इनका कहना…..
ठेकेदार को कई बार नोटिस दिए जाने के बाद ताप्ती बैराज की मरम्मत नहीं हुई। इसी वजह अमृत 2.0 की राशि में से 4 करोड़ खर्च कर बैराज की मरम्मत की जाएगी। जल संसाधन विभाग से इस संबंध में चर्चा चल रही है।
नीरज धुर्वे , एई नपा बैतूल
इस संबंध में जल संसाधन के प्रमुख अभियंता का पत्र मिला है। मामले का अवलोकन कर ही कुछ बता पाएंगे।
विपिन वामनकर, ईई जलसंसाधन संभाग, बैतूल