Betul News: बैतूल में आज भी ग्रामीण करते हैं रावण के बेटे और बहू की पूजा, सिर पटकने से दूर होते है संकट, मन्नत हो जाती है पूरी, प्रसाद में मिले कद्दू से ठीक हो जाती है बीमारी

Betul News: Even today in Betul, villagers worship Ravana's son and daughter-in-law, troubles are removed by banging their heads, wishes are fulfilled, diseases are cured by pumpkin given in prasad

Betul News: घोड़ाडोंगरी (विनोद पातरिया)। बैतूल जिले के ग्रामीण आज भी रावण के बेटे मेघनाद और बहु सुलोचना की पूजा करते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि मेघनाद बाबा की पूजा करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं। मेघनाद बाबा के सामने सिर पटकने से मन्नत पूरी हो जाती है। जिसके चलते ग्रामीण होली के अगले दिन से अलग-अलग गांव में स्थापित मेघनाद बाबा के स्थल पर जाकर मेघनाद बाबा और उनकी पत्नी सुलोचना की पूजा अर्चना करते हैं।

वर्षों से चली आ रही परंपरा आज भी ग्रामीण निभा रहे हैं। होली के अगले दिन से अलग-अलग गांव में करीब 10 से 15 दिन तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में स्थिति में मेघनाद बाबा के स्थल पर ग्रामीण पूजा अर्चना करते हैं।

भगत रामदास वडकड़े ने बताया कि पुरातन से हमारे पूर्वज मेघनाद बाबा की पूजा करते आ रहे हैं। मेघनाद बाबा की पूजा के दौरान जेरी पर चढ़कर भगत कद्दू काटकर छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में नीचे फेंकते हैं। इस कद्दू से बीमारियां दूर हो जाती है।

मेघनाद के साथ सती हुई थी सुलोचना

बुजुर्ग मुन्नीलाल ने बताया कि रावण के पुत्र मेघनाद बाबा को लक्ष्मण ने तीर से वध किया था। इस दौरान मेघनाद की पत्नी सुलोचना उसके साथ सती हो गई थी। इसलिए आज इस कलयुग में भी हम लोग लकड़ी के जोड़े के रूप में मेघनाद बाबा और सुलोचना की पूजा करते हैं।

मेघनाद बाबा की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। हम लोगों पर कोई संकट आ जाता है तो हम मेघनाद बाबा के सामने जाकर सिर पटक देते हैं तो संकट दूर हो जाता है।

प्रसाद में मिले कद्दू से ठीक हो जाती है बीमारी

मेघनाद बाबा की पूजा के दौरान जरी पर चढ़कर भगत कद्दू काटकर छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में नीचे फेंकते हैं। इस कद्दू से बीमारियां दूर हो जाती है।

किसान अनंत महतो बताते हैं कि मेघनाद की पूजा करने बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान भी आते हैं। मेघनाद बाबा को कद्दू की बलि दी जाती है। इसके बाद इस कद्दू के छोटे-छोटे टुकड़े कर कर जेरी के ऊपर चढ़कर फेंका जाता है। लोग इस कद्दू के टुकड़े घर लेकर जाते हैं। जब भी जानवरों में किसी भी तरह की बीमारी आती है तो इस कद्दू के टुकड़े के पानी में डालकर उसे पिला देते हैं। जिससे बीमारी ठीक हो जाती है। किसान मेघनाद बाबा के पास अच्छी फसल की कामना लेकर आते हैं। फसल अच्छी होने पर दोबारा मेघनाद बाबा के पास आकर प्रसादी चढ़ाते हैं।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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