Betul News: गबन के आरोपी मोबिलाइजर को भाजपा ने बनाया मंडल महामंत्री

Betul News: BJP made the mobilizer accused of embezzlement the divisional general secretary

कथनी और करनी में अंतर, अब बटकी मोबिलाइजर पद से का इस्तीफा

Betul News: बैतूल। भाजपा अक्सर दावा करती हैं कि कथनी-करनी एक हैं, लेकिन जिले के आदिवासी क्षेत्र भीमपुर में यह दावा फिसड्डी साबित हो रहा हैं। दरअसल, लाखों के घोटाले में जांच के बाद दोषी पाए गए एक पंचायत के मोबिलाइजर को उपकृत करते हुए पार्टी ने उसे दामजीपुरा मंडल में सबसे महत्वपूर्ण पद महामंत्री बना दिया। विवादों और आरोपों में घिरे मोबिलाइजर ने महामंत्री बनते ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे साफ जाहिर हैं कि भाजपा की कथनी और करनी में कितना अंतर हैं। इसी मोबिलाइजर पर केकडिय़ाकला में पदस्थ रहने के दौरान सचिव जगदीश ठाकुर और सरपंच के साथ लाखों रुपए के गड़बड़झाले के आरोप जिला पंचायत सीईओ की जांच में उजागर हुए हैं।

दो दिन पहले भाजपा ने दामजीपुरा मंडल की कार्यकारिणी घोषित की हैं। इस कार्यकारिणी में वर्तमान में बटकी पंचायत के मोबिलाइजर को मंडल महामंत्री का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया हैं। 31 मार्च को घोषित इस कार्यकारिणी में वैसे तो कई दिग्गज नेताओं को स्थान दिया गया हैं, लेकिन मोरसे का नाम चौकाने वाला कहा जा सकता हैं। दरअसल, केकडिय़ाकला पंचायत में पदस्थ रहने के दौरान इसी भ्रष्ट मोबिलाइजर ने पंचायत को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आरोप हैं कि केकडिय़ाकला में पदस्थ रहने के दौरान दामजीपुरा मंडल के तथाकथित महामंत्रि मोरसे ने 15वें वित्त, 5वें वित्त, मनरेगा समेत विधायक निधि की राशि फर्जी वेंडर बनकर अपने खाते में डलवाई।

हालांकि इस मामले में जिला पंचायत सीईओ ने जांच करने के बाद मोबिलाइजर को भी दोषी माना हैं। जांच में स्पष्ट रूप से राजनैतिक पद और व्यापार में भी मोबिलाइजर संलग्न पाया गया। मोरसे ने वास्तविक वेंडर के बिल ना लगाकर फर्जी दादाजी कंस्ट्रक्शन के बिल लगाकर भुगतान ले लिया। बताया जा रहा हैं कि मामले में जांच के बाद जिला पंचायत सीईओ ग्राम पंचायत केकडिय़ाकला के सरपंच, सचिव समेत तत्कालीन मोबिलाइजर पर भी एफआईआर की तैयारी कर रही हैं। इस बीच उन्हें राजनैतिक हस्तक्षेप के बाद दामजीपुरा मंडल का महामंत्री बनाए जाने से पार्टी की जगहसाई हो रही हैं।

मंडल महामंत्री बनते ही पद से इस्तीफा

सूत्र बताते हैं कि राजनैतिक हस्तक्षेप के बाद मोरसे को मोबिलाइजर बनाना नियम विरूद्ध था। यह बात खुद जिला पंचायत सीईओ की जांच में स्पष्ट हो चुकी हैंं। पूर्व में भी दामजीपुरा मंडल में मोरसे ने दायित्व संभालते हुए मोबिलाइजर का पद भी हासिल किया हैं। जबकि राजनैतिक व्यक्ति को मोबिलाइजर नहीं बनाया जा सकता। इस बीच दो दिन पहले घोषित दामजीपुरा मंडल की कार्यकारिणी में महामंत्री बनाए जाने के बाद बटकी में मोबिलाइजर के पद से मोरसे ने इस्तीफा दे दिया हैं। इस्तीफा में उन्होंने निजी कारण का हवाला दिया हैं, लेकिन जानकार बताते हैं कि मंडल महामंत्री का मलाईदार पद मिलने के बाद उन्होंने यह इस्तीफा सौंपा हैं।

खुद को वेंडर बताकर फर्जीवाड़ा

सूत्र बताते हैं कि पंचायत में मोबिलाइजर के पद पर पदस्थ रहने के दौरान मोरसे ने अपनी राजनैतिक पकड़ का खूब उपयोग किया। मोबिलाइजर रहते हुए खुद को वेंड बताकर करोड़ों का लेनदेन होने की जानकारी भी सामने आ रही हैं। चूंकि जिपं की जांच में भी फर्जी वेंडर बनकर भुगतान लेने की बात सामने आ चुकी हैं। इसलिए बताया जा रहा हैं कि किसी भी समय एफआईआर होने के पहले पद से इस्तीफा देकर अपने राजनैतिक रसूख का उपयोग करने की तैयारी की जा रही हैं। सूत्र तो यह भी बता रहें कि मोरसे की तथाकथित वेंडर कंपनी के खाते में पिछले वर्षों में कितनी राशि डाली गई, इसका रिकॉर्ड निकाला जाएं तो असलियत सामने आ जाएगी।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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