Betul Samachar : मंडल अलग हुआ पर नहीं हुई राजनीतिक अपेक्षा कम

Betul Samachar: Mandal separated but political expectations did not reduce

▪️कालीदास चौरासे सारनी।

कार्यक्रम हाईजैक करने मंडल अध्यक्ष और पूर्व मंडल अध्यक्ष के बीच हुई जमकर बहस

Betul Samachar : जिले के प्रमुख मंडलों में से एक सारणी मंडल अध्यक्ष घोषित करने में जिला संगठन को पसीना छूट रहा है। दरअसल यहां इतनी ज्यादा गुटबाजी है कि समन्वय बनाने संगठन ने शहर को दो भागों में विभाजित तक दिया। इसके बाद भी सारणी मंडल अध्यक्ष बनने दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। हालत यह है कि जिस भी नेता से बात करे तो वह अपने आप को विधायक का सबसे करीबी और मंडल अध्यक्ष का प्रबल दावेदार मानने से इनकार नहीं करता। यही वजह है कि सारणी मंडल अध्यक्ष बनने एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता लाबी कर रहे हैं।

इधर संगठन द्वारा आयोजित हल्दी कुमकुम कार्यक्रम में अपनी उपेक्षा और अपेक्षा को लेकर मौजूदा मंडल अध्यक्ष और पूर्व मंडल अध्यक्ष के बीच हुई जमकर बहस राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम की जानकारी मौजूदा मंडल अध्यक्ष को नहीं दी गई। जबकि हाल ही में सारणी से अलग हुए बगडोना, शोभापुर ग्रामीण मंडल के नेता व पूर्व मंडल अध्यक्ष ने पाथाखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम को हाईजैक कर लिया। इसकी जानकारी लगते ही वर्तमान मंडल अध्यक्ष कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और नाराजगी व्यक्त की। कार्यक्रम स्थल पर विवाद बढ़ता देख बहस कर रहे नेताओं ने एक दूसरे से बाहर निकाल कर बात करने की बात कही। बहरहाल राजनीतिक रूप से अनुशासित संगठन के नेताओं के बीच कार्यक्रम हाईजैक करने को लेकर हुई बहस जन चर्चा का विषय है।

एससी वर्ग से बढ़ रहे दावेदार

पहली बार अनुसूचित जाति वर्ग से अचानक दावेदार बढ़ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि बैतूल जिले के 30 मंडलों में से 24 मंडल अध्यक्ष घोषित कर दिए गए हैं। लेकिन इनमें से एक भी अनुसूचित जाति वर्ग से मंडल अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया है। ऐसी स्थिति में जिला संगठन अनुसूचित जाति वर्ग को साधने सारणी मंडल अध्यक्ष एससी वर्ग से नियुक्त कर सकता है। दरअसल सारणी नगर पालिका और आमला विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। ऐसे में संगठन भी एससी वर्ग को साधने अनुसूचित जाति वर्ग से मंडल अध्यक्ष नियुक्त कर सकता है।

एससी वर्ग से नहीं बना मंडल अध्यक्ष

बैतूल जिले में जब से भारतीय जनता पार्टी ने सारणी मंडल बनाया है। तब से अब तक कभी भी अनुसूचित जाति वर्ग से कोई भी नेता सारणी मंडल अध्यक्ष नहीं बना है। इतना ही नहीं, स्थानीय नेता को भी मौका नहीं दिया गया। जबकि हमेशा से ही संगठन चुनाव में एससी वर्ग ने बढ़चढ़कर दावेदारी की है। लेकिन सारनी मंडल के इतिहास में कभी एससी वर्ग से मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया गया। जब भी एससी वर्ग से मंडल अध्यक्ष बनाने की बात रखी गई। तब तब नगर पालिका अध्यक्ष और अमला विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होना बताकर बात समाप्त कर दी गई। लेकिन इस बार एससी वर्ग के नेता मंडल अध्यक्ष बनने काफी सक्रिय हैं। खासबात यह है कि मंडल अध्यक्ष को लेकर सबसे ज्यादा असमंजस की स्थिति भी यहीं है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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