Betul Ki Khabar: कृषि भूमि पर बिसला कंपनी ने लगा लिया उद्योग

Betul Ki Khabar: Bisla company set up industry on agricultural land

जांच करने पहुंची पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने कहा- नहीं ली अनुमति

Betul Ki Khabar: सारनी। हरियाणा की बिसला कंपनी ने बिना अनुमति शहर में राख को रिफाइन करने उद्योग स्थापित कर लिया। इसका खुलासा राख प्रदूषण बढ़ने के बाद हुई शिकायत की जांच करने पहुंची पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा किया गया है। जांच अधिकारी द्वारा स्पष्ट तौर से कहा गया है कि पावर प्लांट से निकलने वाली राख को और ज्यादा फाइन कर सप्लाई करने कारखाना स्थापित करने संबंधित किसी भी तरह की कोई अनुमति बिसला कंपनी द्वारा नहीं ली गई है।

गौरतलब है कि शहर के वार्ड नंबर 36 में छतरपुर रोड किनारे बिसला कंपनी द्वारा कृषि भूमि पर उद्योग स्थापित कर कार्य संचालन किया जा रहा है। जिसके चलते आसपास के खेतों, वनों, स्कूल और रहवासी क्षेत्र में राख प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। इसकी लिखित शिकायत कश्मीरा सिंह और पास में ही संचालित निजी स्कूल प्रबंधक द्वारा सीएम हेल्पलाइन, पीएमओ कार्यालय और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के अलावा पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को की गई थी। शिकायत मिलते ही राजस्व विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई। इसके बाद पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने भी मौके का मुआयना कर जरूरी जांच की है। हालांकि राजस्व विभाग और नगर पालिका द्वारा की गई जांच उपरांत कारखाना बंद कर दिया गया है। इसके चलते वातावरण में राख प्रदूषण काम हो गया है। हालांकि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

25 किलो की है पैकिंग

बिसला कंपनी द्वारा बीते कुछ साल तक सभी समीपस्थ ग्राम पंचायत सलैया में उद्योग स्थापित किया गया था। लेकिन यहां बढ़ाते प्रदूषण के चलते ग्रामीणों की आपत्ति के बाद स्थान परिवर्तित कर छतरपुर रोड किनारे कारखाना स्थापित किया गया। यहां पावर प्लांट से निकलने वाली राख को माइक्रोफाइन सिलिका पोझिलिका एमएस – 300 एक्सपोर्ट क्वालिटी हाई परफार्मेंस मिनरल एडिटिव 25 किलोग्राम पैकिंग करके सप्लाई की जा रही है। राख को फाइन करने की पूरी प्रक्रिया में काफी मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है। जिसका असर वन्यजीवों पर्यावरण और मानव जीवन पर पढ़ रहा है। स्वास्थ्य खराब होने पर लोगों द्वारा प्रदूषण से संबंधित शिकायत संबंधित विभागों को की गई है।

इनका कहना….

नगरपालिका और शिकायतकर्ता के साथ उद्योग का संयुक्त निरीक्षण किया है। प्रथम दृष्टया राख को फाइन करने मशीनें पाई है। इसके लीगल डॉक्यूमेंट नहीं मिले। नगरपालिका से भी किसी प्रकार की कोई एनओसी कारखाना संचालक द्वारा नहीं ली गई है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से भी सम्मति नहीं है। कुल मिलाकर बिना अनुमति उद्योग संचालित करना पाया है। शहर में संचालित अवैध कारखानों की भी जांच कर नोटिस जारी कर परमिशन के दायरे में लाया जाएगा।

संजय राजपूत, रसायनज्ञ, क्षेत्रीय कार्यालय, मप्र पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, छिंदवाड़ा।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

Related Articles

Back to top button