Betul News: लाखापुर से माचना तक पाइप जोड़ने की योजना पानी में!
Betul News: Plan to connect pipe from Lakhapur to Machna in water!

सात वर्ष में भी पाइप लाइन नहीं पहुंची, ठेकेदार ने काम छोड़ा, फिर भी कर दिया भुगतान, कटघरे में अधिकारी
Betul News: बैतूल। बैतूल नगरपालिका और उनके अधिकारी अजब-गजब है, इसमें कोई नई बात नहीं है। ताजा मामला लाखापुर से माचना एनीकट तक बिछाई जाने वाले 14 किमी की पाइप लाइन में बड़ी चूक होने के बाद सामने आया है। दरअसल योजना की पाइप लाइन अभी भी शहर से पांच किमी दूर है, लेकिन नगरपालिका ने ठेकेदार को पूरा भुगतान कर डाला। अब भुगतान कैसे किया यह तो पूर्व के अधिकारी बताएंगे। चौकाने वाली बात तो यह है कि इस योजना में खर्च किए ढाई करोड़ रुपए पानी में मिल गए हैं, क्योंकि ठेकेदार काम छोड़कर जा चुका है। संभावना भी दिखाई नहीं दे रही है कि दोबारा इस पर काम होगा। नगरपालिका के करोड़ों रुपए पानी में जाने के बाद पूर्व और वर्तमान के अधिकारी जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि माचना एनीकट में हर वर्ष गर्मी के सीजन में पानी की किल्लत हुआ करती थी, इसलिए नगरपालिका ने करीब सात वर्ष पहले बैतूल से दूर 14 किमी लाखपुर से एनीकट तक पाइप लाइन डालकर लोगों की परेशानी दूर करने के प्रयास किए थे। इसके लिए करीब ढाई करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। टेंडर के बाद गुजरात की प्रोफेसनल कंपनी ने इसका ठेका लिया। पाइप लाइन बिछाने के काम में कई अड़ेंगे आए। जानकार बताते हैं कि पाइप लाइन उमरी में दरगाह के पास स्थित माचना नदी तक आ गई थी। एनीकट आने तक पहुंचने के पांच किमी पहले ही खेत मालिक ने अपने क्षेत्र में पाइप लाइन लगाने की अनुमति नहीं दी। यह विवाद उस समय काफी गरमाया, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला।
काम छोड़ निकल गई कंपनी
इधर उमरी के पास ढाई करोड़ योजना के पाइप लाइन लगाने का मसला नहीं सुलझने के बाद टेंडर लेने वाली गुजरात की प्रोफेसनल इंजीनियरिंग कंपनी ने बीच से ही काम छोड़ दिया। कहा जा रहा है कि कंपनी ने नपा को इस संबंध में कई बार पत्राचार भी किया, लेकिन पाइप लाइन का मसला नहीं सुलझ पाया। नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने काम करने से मना कर दिया और बोरियां बिस्तर बांध कर वापस चली गई। इसके बाद तीन वर्ष से अधिक का समय होने के बाद भी पाइप लाइन का काम उसी हालत में पड़ा हुआ है। अब तो अंडरग्राउंड पाइप भी कुछ स्थानों पर जवाब देने लगे हैं। इससे नपा को फटका लगा है। हालांकि गुजरात की कंपनी के काम छोड़े जाने के बाद नपा न तो टेंडर निकालकर किसी और को जिम्मेदारी सौंपी और न ही कोई सार्थक प्रयास किए।
सभी टाल रहे एक दूसरे पर जिम्मेदारी
लाखापुर से बैतूल तक 14 किमी बिछाई जाने वाली पाइप लाइन योजना के करोड़ों रुपए पानी में मिलने के बाद नपा के जिम्मेदार एक दूसरे पर टालमटोली कर रहे हैं। दरअसल यह मामला 6-7 वर्ष पुराना है। यही वजह है कि नए अधिकारी पूरा मामला पुराने अधिकारियों पर थोप रहे हैं। दरअसल यह पाइप लाइन का मामला अब तक पूरी तरह से दबा दिया गया था, लेकिन सांझवीर की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि कई जगह पाइप लाइन दबाकर पर्दा डालने का प्रयास किया है। इसमें पुराने सब इंजीनियरों की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
ताप्ती बैराज नहीं होता तो योजना लेती मूर्त रूप!
जानकार बताते हैं कि नपा आगे पाट, पीछे सपाट की तर्ज पर ताप्ती नदी पर बैराज बनने के बाद ढाई करोड़ की इस योजना को दिस्वप्र मानकर जैसे भूल ही गई है। यदि ताप्ती बैराज से शहर के लोगों को पानी नहीं मिलता तो लाखापुर से पाइप लाइन डालकर एनीकट तक आने वाली ढाई करोड़ की योजना अब तक मूर्त रूप ले लेती। चौकाने वाली बात यह है कि जनता के टैक्स के करीब ढाई करोड़ रुपए पानी में मिला दिए। योजना के शुरू होने से अब तक करीब चार सीएमओ बैतूल नपा में पदस्थ रहे, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि ताप्ती बैराज के चक्कर में इस महत्वपूर्ण योजना की बंदरबांट हो गई और जिले के जनप्रतिनिधियों तक इसकी जानकारी नहीं दी गई। इस मामले में बैतूल नपा के चर्चित एई नीरज धुर्वे को काल किया, लेकिन उन्होंने आदत के मुताबिक रिसीव नहीं किया, इसलिए उनका पक्ष सामने नहीं आया।
इनका कहना….
यह काफी गंभीर मामला है। लाखापुर से बैतूल तक पाइप लाइन नहीं डाले हैं और इसमें भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी जांच कराएंगे। जो भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई भी तय करेंगे। आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि नपा के अधिकारी जानकारी नहीं दे रहे या मोबाइल रिसीव नहीं कर रहे हैं, उनको लेकर भी सीएमओ से चर्चा की जाएगी। ऐसे मामलों में लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हेमंत खंडेलवाल, विधायक बैतूल
मैं अभी नया हूं। मुझे इस मामले में एई ने बताया कि योजना पुरानी है। सब इंजीनियर जैन और नगेंद्र वागद्रे के कार्यकाल में यह काम हुआ है। उनसे भी मेरी चर्चा हुई। यदि पाइप लाइन अधूरी है तो इसकी फाइल तलब की जाएगी। ठेकेदार को कितना भुगतान किया है इसके बारे में भी जानकारी ली जा रही है। एई को ताकीद दी गई है कि पत्रकारों के मोबाइल रिसीव कर हर मामले की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
सतीष मटसेनिया, सीएमओ बैतूल