Politics: राजनीतिक हलचल: पूर्व माननीय की बैठक से कौनसे अध्यक्ष नाखुश हुए?? श्रेय लेने की होड़ किस माननीयके लिए बनी गले की हड्डी???? किस पार्टी में गुटबाजी के बीच आराम फरमा रहे नेता????? पूरी खबर देखिए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में…..
Politics: Political stir: Which president was unhappy with the meeting of former honorable??

बैठक व्यवस्था से नाखुश अध्यक्ष
पिछले सप्ताह शहर के एक प्रमुख क्षेत्र में हजारों लोगों की मौजूदगी में बड़ा आयोजन किया गया। यह आयोजन एक समिति द्वारा हर वर्ष किया जाता है। इसमें सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के नेताओं को भी सम्मान से बुलाने की परंपरा है। इसके लिए बकायदा समाज के लोगों को बैठक व्यवस्था के लिए तैनात रखा जाता है और कुर्सियों पर भी संबंधित व्यक्ति का नाम लिखा रहता है, लेकिन इस बार एक बड़े मैदान में हुए आयोजन में विपक्षी पार्टी के एक पूर्व माननीय की बैठक पर नाराजगी सार्वजनिक हो गई।
दरअसल उसी पार्टी के जिला अध्यक्ष का नाम भी कुर्सी पर दाहिनी ओर लिखा था, लेकिन विपक्षी पार्टी के पूर्व माननीय सपत्नि कार्यक्रम में आ गए, इसलिए व्यवधान हो गया, क्योंकि बैठक व्यवस्था में एक सोफे पर तीन लोगों को बैठाया जाना था, लेकिन जैसे ही विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्हें अपना नाम नहीं दिखा तो वे बैरंग लौटने लगे। हालांकि समाज के लोगों ने उन्हें मानमनोवल कर पीछे बैठाया, लेकिन व्यवस्थापकों ने अपनी गलती से इंकार करते हुए पूर्व माननीय पर ठीकरा फोड़ दिया कि उनके लिए अकेले सोफा लगाया गया था, लेकिन वे परिवार सहित पहुंच गए। इससे व्यवस्था गड़बड़ा गई और पार्टी प्रमुख को नाराज होना पड़ गया। यह मामला पूरे एक सप्ताह से सुर्खियां बटोर रहा है।
श्रेय लेेने की होड़ बना गले की हड्डी
एक दिवंगत नेता की आत्महत्या का मामला इन दिनों खासी सुर्खियां बटोर रहा है। पहले तो विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दें को जबरदस्त तरीके से लपक कर दिवंगत के परिजनों को सांत्वाना देने में बाजी मार ली। फिर सोशल मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के एक के बाद एक बड़े नेता दिवंगत नेता के घर पहुंचकर सांत्वाना सहानुभूति देने से पीछे नहीं हटे। आत्महत्या करने वाले पार्टी नेता के आवास पर लगातार सांत्वाना दी जा रही है।
इस बीच एक माननीय भी यहां देरी से पहुंचे और मीडिया को देखकर मामला लपकने की कोशिश की। उन्होंने यहां तक कह दिया कि आरोपियों के न पकड़ाने पर वे एसपी कार्यालय के सामने धरना देंगे। जब यह मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो माननीय से वरिष्ठ नेता जवाब मांगने लगे, फिर उन्होंने हमेशा की पलटी मारते हुए कहा कि उन्होंने धरना देने की बात नहीं कहीं, केवल एसपी से मिलकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी। श्रेय लेने की होड़ में इन माननीय को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ गई और सोशल मीडिया पर ट्रोल भी होना पड़ा।
गुटबाजी के बीच आराम फरमा रहे नेता
एक पार्टी में विधानसभा से लेकर पंचायत चुनाव में सुपड़ा साफ होने से कहीं न कहीं खुश नजर आ रही है। इसकी वजह यह है कि इसी बाहने पार्टी के कार्यकर्ताओं को आराम करने का मौका मिल गया है। केवल संगठन चलाने के लिए प्रमुख मामलों में प्रदर्शन कर कटिंग भेजी जा रही है। जिसे संगठन चलाना है और काम दिखाना है वह तो खूब मेहनत कर रहे हैं,लेकिन शेष नेताओं के आराम फरमाने से संगठन खोकला होते जा रहा है।
चर्चा है कि चुनाव आने के पहले अचानक धूमकेतू की तरह नेता अपनी दावेदारी करने के लिए प्रकट हो जाएंगे। इसके पहले न तो संगठन को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं और न ही संगठन के किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। हालात यह है चौराहों की पान की दुकान पर पानी की पीक थूकते हुए नेताओं को देखा जा सकता है।