Betul Ki Khabar: तीसरी लाइन निर्माण में बड़े पैमान पर मुरम का खनन
Betul Ki Khabar: Large scale mining of Murom in third line construction

अनुज्ञा की आड़ में जहां-तहां हो रही खुदाई, प्रशासन के अधिकारियों की चुप्पी पर भी कई सवाल
Betul Ki Khabar: बैतूल। मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत तीसरी लाइन के निर्माण में ठेकेदार द्वारा मुरम का अवैध खनन किए जाने की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि आमला रेलवे स्टेशन के समीप रंभाखेड़ी और कुही में करीब 5 एकड़ के क्षेत्र में 10 फीट गहराई तक खनन कर मुरम निकाली जा चुकी है। अब इसके आगे खुदाई किए जाने की तैयारी की जा रही है। मशीनों की सहायता से खोदे गए बड़े-बड़े गड्ढे स्वयं ही खनन की कहानी बयां कर रहे हैं। इधर खनिज विभाग का कहना है कि तीसरी लाइन को लेकर ठेकेदार को सिर्फ परिवहन अनुज्ञा दी है, लेकिन यदि ठेकेदार अन्य जगहों पर मुरम की खुदाई कर रहा है तो जांच दल भेजकर सर्चिंग कराई जाएगी।
परिवहन की अनुमति की आड़ में चल रहा काम
रेलवे द्वारा इटारसी से नागपुर के बीच तीसरी रेलवे लाइन का काम कराया जा रहा है। अधिकांश जगहों पर रेल लाइन बिछाई जा चुकी है। वर्तमान में आमला रेलवे स्टेशन से कुछ किमी आगे लाइन बिछाने के लिए बैस तैय्यार किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मौखिक जानकारी के अनुसार ठेकेदार ने रंभाखेड़ी और कुही के कुछ किसानों की जमीन से मुरम का खनन की अनुमति ली है, लेकिन किसानों की जमीन के अलावा अन्य जगहों से भी मुरम का बेतहाशा खनन किया जा रहा है। लालावाड़ी ग्राम निवासी बुधराव धोटे की करीब 5 एकड़ जमीन से 10 फिट तक खुदाई कर सैकड़ों डंपर मुरम निकाली जा चुकी है।
अब कम्पनी इसके आगे खुदाई करने की तैयारी में है। सूत्रों का दावा है कि निजी जमीन से खुदाई कर मुरम परिवहन किए जाने की अनुमति खनिज विभाग से लिए जाने की बात जरूर सामने आ रही है, लेकिन जिस तरह से अंदरूनी इलाकों से मुरम की खुदाई की जा रही है। उससे पूरी संभावना निर्मित हो रही है कि परिवहन अनुज्ञा की आड़ में सरकारी जमीन से भी मुरम का बेतहाशा खनन किया जा रहा है। इसकी जांच खनिज विभाग के अधिकारियों को करनी चाहिए। साथ यह भी जरूरी है कि इस इलाके को सतत निगरानी में लिया जाए।
हरे-भरे पेड़ों को भी उखाड़ा जा रहा
सूत्र बताते हैं कि मुरम खनन के साथ हरे-भरे पेड़ों की बलि भी यहां ली जा रही है। एक किसान की निजी जमीन के बड़े हिस्से में खुदाई कर मुरम निकाली गई है। इसी जमीन पर दर्जनों हरेभरे पेड़ लगे हुए थे लेकिन मुरम खनन के चक्कर मे इन पेड़ों को निर्ममता से उखाड़ दिया गया है। जिसके अवशेष मौके पर देखे जा सकते हैं। जबकि निजी जमीन पर लगे हुए हरेभरे पेड़ों को काटने या हटाने के लिए भी वन विभाग की अनुमति लिए जाने का नियम है, लेकिन मुरम के चक्कर मे हरे-भरे पेड़ों को भी नेस्तनाबूत किया जाना प्रकृति के साथ खिलवाड़ से कम नहीं नजर आ रहा है।
रात में चल रही मशीनें और डम्फर
तीसरी रेलवे लाइन का काम जल्द पूरा किया जा सके, इसके लिए रात-दिन काम चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि मुरम खनन को लेकर जब ठेकेदारों के कर्मचारियों से पूछा गया तो उनका कहना होता है कि इसके लिए बाकायदा खनिज विभाग से अनुमति ली हैं। खनन का काम दिन में तो आंखों के सामने हो ही रहा है। रात में भी दूरदराज के इलाकों में मशीनें चलने की आवाजें सुनाई देती हैं। रात के अंधेरे में चमकती डंपरों की हेडलाइट आसानी से नजर आ जाती हैं। अब ठेकेदार कहां-कहां खुदाई कर मुरम का खनन कर रहा है, खनिज विभाग के लिए यह जांच का विषय है।
इनका कहना…..
तीसरी रेल लाइन के कार्य के लिए ठेकेदार को मुरम परिवहन की अनुज्ञा द है। मौके का निरीक्षण कराया जाएगा। सरकारी जमीन से यदि मुरम खनन किया जा रहा है तो ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।
मनीष पालेवार, उप संचालक खनिज विभाग बैतूल