Betul Today News : खेलते-खेलते खिलाड़ी को आया अटैक, सदमे में डूबी कोल नगरी
दो वर्ष पहले आज ही के दिन डब्ल्यूसीएल में हुई थी ज्वाइनिंग

Betul Today News : सारनी। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र में खिलाड़ी की मौत से शोक की लहर है। दरअसल महज दो साल में कोल इंडिया में 33 वर्षीय अजय झरबड़े ने अपना लोहा मनवा लिया था। फुटबॉल, बैडमिंटन के अलावा अजय कंपनी स्तर पर रनिंग की तैयारी कर रहा था। 3 अक्टूबर को अजय अपने खिलाड़ी साथियों के साथ शोभापुर वर्कस क्लब में बैडमिंटन खेल रहा था। खेलते खेलते अचानक पीछे की ओर गिरा। साथी खिलाड़ी कुछ समझ पाते। तब तक ह्रदयगति रुकने से अजय ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि खिलाड़ी साथियों ने गिरते ही अजय को संभाला। छाती दबाई और कार में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वेकोलि खिलाड़ी की मौत की खबर लगते ही पूरे डब्ल्यूसीएल में शोक की लहर दौड़ पड़ी। देखते ही देखते सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंचे और मौत का कारण जानते रहे।
दो साल पहले की थी नौकरी ज्वाइन
अजय झरबड़े ने दो साल पहले 4 अक्टूबर 2022 को डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा में नौकरी ज्वाइन की थी। कंप्यूटर और खेल गतिविधियों में रुचि रखने के चलते जनरल मजदूर होते हुए भी अजय महाप्रबंधक कार्यालय में अपनी सेवाएं दे रहा था। साथ ही खेल गतिविधियों में भी बढ़चढ़कर भाग लेता था और अक्सर अभ्यास करते रहता था। नई उम्र के खिलाड़ी की खेलते खेलते एकाएक हृदय गति रुकने से साथी खिलाड़ी भी हैरत में पड़ गए हैं। दरअसल नियमित खिलाड़ी होने के बावजूद हृदय गति से मौत होना सबको अचरज में डालने जैसा है।
अस्पताल में नहीं जरूरी सुविधाएं
क्षेत्रीय चिकित्सालय पाथाखेड़ा को भले ही बेहतरीन बना दिया गया है। लेकिन यहां आज भी जरूरी सुविधाए नहीं है। मरीज को ना तो समय पर ऑक्सीजन मिल पाती है और ना ही एक्सरे जैसी सुविधाएं मिल पाती है। एक करने वाले एक्सपर्ट भी अस्पताल में मौजूद नहीं रहते। यहां तक की जरूरी दवाई भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। घबराहट होने, चोट लगने, डेंगू, मलेरिया, पेट दर्द जैसी बीमारी के मरीजों को तक प्राथमिक इलाज के बाद पाथाखेड़ा से नागपुर रेफर कर दिया जाता है। यह जानकारी डब्ल्यूसीएल के आलाअसरों और यूनियन नेताओं को भलीभांति है। बावजूद इसके अस्पताल की व्यवस्था सुधारने कोई खास पहल नहीं की जा रही। जिसके चलते कोलकर्मियों और उनके परिवार को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा।
इनका कहना….
युवक की हृदयगति रुकने से मौत हुई है। समय पर जरूरी इलाज मिलता तो शायद जान बच सकती थी। पहले से कोई बीमारी रही होगी या हार्ट कमजोर रहा होगा। यह कहना ठीक नहीं होगा।
– डॉ संजीव शर्मा, बीएमओ, घोड़ाडोंगरी।