Betul News: जांच कमेटी- जिपं पर गबन के आरोपियों को बचाने के संगीन आरोप
Betul News: Investigation Committee- Serious allegations against Zila Parishad of protecting the accused of embezzlement

भाजपा नेता का कटाक्ष- पूरी जिला पंचायत आरोपी को बचाने में लगी , रिश्तेदारी पर भी सवाल
Betul News: बैतूल। यह बात तो साफ हो गई है कि चिचोली और भीमपुर जनपद पंचायत में 13 करोड़ से अधिक के गबन के मामले में जांच औपचारिक बनकर रह गई है। जिला पंचायत की जांच पर पहले ही सवाल उठ रहे थे, अब शाहपुर जनपद पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष विशाल सिंह ठाकुर ने दांवा किया है कि जांच तब तक नहीं होगी, जब तक जिला पंचायत से एक-एक कागज गायब न कर दिए जाए। उनके इस दांवे के बाद जांच टीम कटघरे में खड़ी हो गई है। उन्होंने तो पुलिस द्वारा बनाई गई एसआईटी पर सवाल उठाएं हैं। इससे 13 करोड़ के गबन के मामले में प्रशासनिक अधिकारी कटघरे में आ खड़े हुए हैं।
लगभग एक माह से चिचोली और भीमपुर में 13 करोड़ 21 लाख के गबन के मामले में सूर्खियां पूरे प्रदेश में चल रही है। इस बीच दांवों में जिला पंचायत ने कलेक्टर के निर्देश पर जांच भी करा ली, लेकिन मामले में मुख्य आरोपियों को बचाने पर यह जांच कटघरे में आ खड़ी हुई है। इस पर पहले से ही कई तरह के सवाल उठाएं जा रहे हैं। शाहपुर क्षेत्र के दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष विशाल सिंह ठाकुर ने फिर दोहराया है कि जिला पंचायत की जांच केवल औपचारिक बनकर रह गई है। यहां केवल जनपद और जिला पंचायत से फाइलों को गायब करने के तथाकथित प्रयास किए जा रहे हैं। इनका दांवा है कि लोगों को भूल जाने के उद्देश्य से तथाकथित प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने दोहराते हुए जिला पंचायत की जांच कमेटी पर सवाल उठाएं हैं कि यह टीम निर्दोष को आरोपी और आरोपी को क्लीनचिट दे सकती है।
यह भी लगाए संगीन आरोप
उन्होंने सांझवीर की खबर के बाद सोशल मीडिया पर वक्तव्य जारी करते दांवा किया है कि पुलिस द्वारा बनाई गई एसआईटी एक भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं करेगी। उनको तो किसी माननीय का पत्र चाहिए, जो किसी निर्दोष पर कार्रवाई कर सके। कमिश्रर के पास जिला पंचायत द्वारा फाइल भेजना उन्होंने इत्तेफाक बताया है। दिग्गज भाजपा नेता ने कहा कि जिला पंचायत खुले आम आरोपियों को बचाने के लिए काम कर रही है और एसआईटी सिर्फ औपचारिकता निभा रही है। यदि वास्तव में एसआईटी बनी है तो टीम को जांच कमेटी से पूछना चाहिए कि अब तक किस आधार पर कार्रवाई की है।
उन्होंने तो किस आधार पर कार्रवाई की है। पूरे प्रकरण में जांच टीम दोषी है, क्योंकि निर्दोष पर एफआईआर और आरोपी को क्लीनचिट दे दी गई है। उन्होंने कटाक्ष करते लिखा है कि ईश्वर से डरो, वह कभी माफ नहीं करेगा। ठाकुर ने आगे लिखा है कि जिला पंचायत आरोपी को बचाने में लगी है, किसी को कुछ नही दिख रहा है, क्योंकि जांच कमेटी की प्रमुख का मामले में एक करीबी रिश्तेदार है। पूर्व जनपद उपाध्यक्ष बार-बार जांच टीम की प्रमुख का मामले के सूत्रधार पर आरोप लगा रहे हैं। इसकी प्रशासन जांच ही नहीं कर रहा है। इसलिए उनकी बातों को काफी दम लग रहा है।
घोटालेबाजों में भय नहीं, उठ रहे कई सवाल
जिला पंचायत और एसआईटी की जांच की कछुवा चाल के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के कटाक्ष दिए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता भूषण कांति ने लिखा है कि जिसकी सरकार गली से दिल्ली तक है्र वह इस मामले में इस कार्रवाई से क्यों बच रहा है। क्या सत्ता पक्ष के नेता भी इस घेटाले में शामिल है। महेंद्र आर्य ने लिखा है कि कुछ नहीं होगा, सबको हिस्सा मिल रहा है। सब मामले को दबा देंगे। दो माह बाद हम सभी भूल जाएंगे।
स्क्रीनशाट लेकर रख लीजिए। लोकेश साहू ने लिखा है कि अधिकारी ही कर्मचारी को बचाते हैं , तब तो ऐसे घटाले करने वाले आम आदमी से प्रभावशाली व्यक् ित द्वारा पैसे मांगने पर अड़ीबाजी का केस दर्ज हो जाता है। ऐसे में ही इन कर्मचारियों पर पद का दुरुपयोग कर मामला दर्ज होना चाहिए।