Betul News: टॉवर लाइन के नीचे बना दी आधी टंकी गलती हुई तो दूसरी जगह निर्माण
Betul News: Half tank was built below the tower line, it was a mistake, then construction was done at another place.

आमला ब्लॉक की 65 पंचायतों में नल- जल योजना के बुरे हाल, साँझवीर की खबर के बाद विधायक ने खुद सम्भाला मोर्चा
Betul News: बैतूल। जिले के लगभग सभी ब्लाकों में करोड़ों रुपए नलजल योजना पर खर्च करने के बावजूद योजना बंद है। बताया जाता है कि नल जल योजना में ठेकेदार ने पलीता लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है, तभी तो योजना शुरू होने के पहले ही बंद हो गई।
ग्रामीण लगातार शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन कोई योजना को सफलीभूत किए जाने कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। मामला जिले के आमला ब्लाक में सामने आया हैं। यहां नल जल योजना की पाइप लाइन बिछा दी गई है। ग्रामीणों के घर किए गए नल कनेक्शनों से पानी सप्लाई नहीं की जा रही है। गांव-गांव में पेयजल की गंभीर समस्या निर्मित हो गई है।
बात करें आमला ब्लॉक की तो यहां पर 68 पंचायतों में से 65 पंचायतें ऐसी हैं, जहां योजना पर काम तो किया गया, लेकिन घटिया काम की वजह से यह योजना आज तक शोपीस बनी हुई है। मामला सामने आते ही आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे ने मोर्चा संभाल लिया है।
बुधवार उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों में पहुंचकर नलजल योजना की खामियों को अपनी आंखो से देखा और पंचायत सरपंच सहित ग्रामीणों से सीधी बात की। पीएचई के अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही का नमूना ग्राम माहोली में देखने को मिला, जहां ठेकेदार ने टावर लाइन के ठीक नीचे टंकी निर्माण के लिए काम शुरू कर दिया, लेकिन जब खतरे का एहसास हुआ तो टंकी निर्माण की जगह बदल दी।
टावर लाइन के नीचे बनाया टंकी का ढांचा
ग्राम माहोली में इस योजना को लेकर बरती गई लापरवाही धरातल पर ही नजर आ रही हैं। जब इस ग्राम में जल जीवन मिशन के तहत टंकी का निर्माण किया जाना शुरु किया तो ठेकेदार की लापरवाही भी खुलकर सामने आ गई।
दरअसल योजना के तहत जिस पानी की टंकी का निर्माण किया जाना चाहिए था, उस पर ना ही अधिकारियों ने और ना ही ठेकदार ने कोई विचार विमर्श करना उचित समझा और टंकी का निर्माण उस टॉवर लाईन के नीचे शुरू कर दिया, जिसके तारों में 24 घंटे हाई वोल्टेज करंट दौड़ता हैं। ठेकेदार ने टंकी निर्माण के लिए टॉवर लाईन के नीचे आधा से ज्यादा ढ़ांचा खड़ा कर दिया, लेकिन किसी भी अधिकारी ने मौके पर जाकर यह तक देखना मुनासिब नहीं समझा कि टंकी का निर्माण जिस जगह पर किया जा रहा हैं।
वह ग्रामवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ग्रामीणों के मुताबिक जब कुछ अधिकारी काम देखने मौके पर पहुंचे तो उन्हें इस खतरे का एहसास हुआ, लेकिन तब तक टंकी ढांचा आधे से ज्यादा खड़ा किया जा चुका था। खतरे को भांपते अधिकारियों ने टंकी निर्माण की जगह बदलने के निर्देश दिए, उसके बाद टंकी का निर्माण टावर लाइन से हटकर किया गया।
ग्राम वासी उमेश मर्सकोले ने बताया कि योजना में बरती जा रही लापरवाहियों की कई बार शिकायतें की गई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होने के बाद अब ग्रामीण खुद अपने पीने के पानी के लिए इधर-उधर व्यवस्थाओं की तलाश करने को मजबूर हैं।
68 में से 65 पंचायतों में नल जल योजना में लापरवाही
सांझवीर टाईम्स द्वारा आमला ब्लॉक में चल रही नल जल योजना के संबंध में जब जानकारी निकाली गई तो पता चला कि ब्लॉक की ब्लॉक की 68 ग्राम पंचायतों में से 65 ग्राम पंचायतें ऐसी है, जहां इस योजना पर काम तो शुरु किया गया, लेकिन आज भी ग्रामवासियों को निजी जलस्त्रोतों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
जानकारी मिली हैं कि अकेले आमला ब्लॉक में ही इस योजना के तहत लगभग 100 करोड़ रुपए के काम शुरु किए गए थे, लेकिन जिस उद्देश्य को लेकर जनता का यह पैसा जनता के लिए ही खर्च किया जाना था, उसकी पूर्ति नहीं हो पाई और पानी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया पैसा पानी में ही बहा दिया गया।
नोटिस के बावजूद विभाग नहीं दे रहा जवाब
ब्लॉक में जल जीवन मिशन के तहत शुरु किए गए कार्यों को लगभग 3 से 4 साल बीत चुके है, लेकिन आज भी ग्रामवासियों को पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिए कई किमी दूर खेतों में बने ट्यूबवेल और कुओं पर निर्भर होना पड़ रहा हैं। आमला ब्लॉक की ही ग्राम पंचायत झिटापाटी में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते नलजल योजना का काम अधूरा पड़ा हुआ है।
सूत्रों से जानकारी मिली हैं कि योजना के क्रियान्वयन के समय ही ठेकेदार को लापरवाही बरतने के आरोप में पीएचई अधिकारियों द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, जिसके खिलाफ ठेकेदार हाईकोर्ट पहुंच गया और वहां से उसे स्टे भी दे दिया गया।
सूत्र बताते हैं कि इसका जवाब देने के लिए विभागीय अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए, लेकिन ना अधिकारी कोर्ट में उपस्थित हो रहे है और ना ही इसका जवाब दिया जा रहा है। इसी तरह ग्राम देवपिपरिया में भी सम्पवेल बनाकर छोड़ दिया गया है और बताया जा रहा है कि इस ग्राम में भी पिछले एक वर्ष से नल-जल योजना का काम बंद पड़ा हुआ है।
इनका कहना….
मेरे द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्रों की सभी ग्राम पंचायतों से जानकारी ली है। पीएचई मंत्री को लापरवाही से अवगत कराया गया है। अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया गया है कि जल्द व्यवस्था में सुधार लाएं, अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें।
डॉ योगेश पंडाग्रे, विधायक आमला-सारणी