Kumbh: कुंभ का उत्साह: एक माह में टोल से 10 हजार वाहनों की आवाजाही बढ़ी

Kumbh: Excitement of Kumbh: Movement of 10 thousand vehicles increased due to toll in one month

जिले से हर पांचवें व्यक्ति ने प्रयागराज पहुंचकर लगाई डुबकी, ऐसा पहली बार हुआ

Kumbh: बैतूल। लगभग 144 वर्ष बाद विशेष संयोग लेकर आए प्रयागराज के कुंभ में आस्था की बाढ़ आई है। अब तक प्रयागराज में 60 करोड़ श्रद्धालुओं द्वारा आस्था की डुबकी लगाने की बात सामने आई है। ऐसे में बैतूल जिला कैसे पीछे रहेगा। कुंभ की समाप्ति को दो दिनों का समय शेष है, एक अनुमान के मुताबिक जिले से अब तक करीब 10 हजार वाहन अलग-अलग टोल से निकलकर कुंभ पहुंचे हैं। कई श्रद्धालुओं ने ट्रेन से भी प्रयागराज तक का सफर पूरा किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर पांचवें व्यक्ति में प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाई है।

पिछले माह जनवरी के दूसरे सप्ताह में कुंभ की ऐतिहासिक शुरुआत हुई थी, तब दावा किया जा रहा था कि यहां करीब 45 करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं, लेकिन इसके उलट इस बार जिस तरह 144 वर्ष बाद विशेष मुर्हूत में कुंभ के आने से श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही है। सोमवार तक उप्र के प्रयागराज में 60 करोड़ श्रद्धालुओं ने पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई है। यह आंकड़ा कुंभी में दो दिन बाद 62 करोड़ के पार जा सकता है। यह अद्भूत रिकार्ड के सभी इंतजार कर रहे हैं। इधर बैतूल जिले से कुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की बात करें तो हर दिन निजी वाहनों और ट्रेनों से सैकड़ों की संख्या में प्रयागराज जाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कहा जा रहा है कि हर पांचवां व्यक्ति कुंभ में डुबकी लगाकर आ चुका है। इस लिहाज से अकेले बैतूल में कुंभ जाने वालों की बात करें तो यह आंकड़ा 25 हजार के पार कहा जा सकता है। जिले के श्रद्धालुओं की बात करें तो यह आंकड़ा 1 लाख 50 हजार पर पहुंच जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। पहली बार ऐसा हो रहा है कि उज्जैन में हुए कुंभ से भी ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं।

वाहनों की धमाचौकड़ी बना रही रिकार्ड

एक अनुमान के मुताबिक जिले से मिलानपुर, चिखलीकला, घोड़ाडोंगरी होते हुए तीन टोल से कुंभ शुरू होने के बाद वाहनों की आवाजाही तेजी से बढ़ी है। उपलब्ध जानकारी पर यकीन करें तो तीनों टोल से होकर न सिर्फ बैतूल जिला बल्कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र समेत खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम जिले के श्रद्धालुओं ने भी जिले से होकर प्रयागराज जाने के रास्ते को चुना है। अधिकांश वाहन मुलताई, दुनावा होते हुए छिंदवाड़ा मार्ग से प्रयागराज पहुंचे हैं। नर्मदापुरम, इटारसी के वाहन घोड़ाडोंगरी, सारणी और परासिया होते छिंदवाड़ा मार्ग से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस डेढ़ माह में यदि तीनों टोल पर वाहनों की संख्या की बात करें तो 10 हजार वाहनों की आवाजाही बढ़ी है। यह वाहन इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि अधिकांश श्रद्धालु इन वाहनोंं से कुंभ में डुबकी लगाने पहुंचे हैं।

ट्रेनों में नो मोर के बाद आरक्षण के लिए लाइन

चौकाने वाली बात यह है कि बैतूल जिले से प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेनों में इस समय हालत बेकाबू है। कुछ अन्य ट्रेनों में भी नो-मोर की स्थिति है। इसके बावजूद ट्रेनों के सहारे प्रयागराज जाने वालों की होड़ मची है। आरक्षण में लंबी वेटिंग लिस्ट होने के बाद श्रद्धालु टिकट करवा रहे हैं। कई श्रद्धालु इटारसी से रीवा तक का आरक्षण करवा कर वहां से टैक्सी कर प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ट्रेन और निजी वाहनों से प्रयागराज पहुंचने वालों श्रद्धालुओं का आंकलन करें तो जिले से निश्चित रूप से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाई है। ट्रेनों में जिस तरह के हालात निर्मित हो रहे हैं, उससे श्रद्धालुओं की आस्था को बता रहा है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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