Betul News: मुलताई के तीन समूह ड्राप होने से रिनिवल पर बढ़ी 30 प्रतिशत ड्यूटी
Betul News: 30 percent duty increased on renewal due to drop of three groups of Multai

कई शराब ठेकेदारों की रिनिवल से तौबा, आबकारी के पास टेंडर ही आखरी विकल्प
Betul News: बैतूल। वित्तीय वर्ष 2024-2025 की समाप्ति के साथ ही सरकार ने नई आबकारी नीति घोषित कर दी है। आबकारी विभाग भी शराब दुकानों के समूहों को नए सिरे से शुरू कराए जाने की कवायद में जुट गया है। शासन स्तर पर शराब दुकानों के संचालन के लिए ठेकेदारों को पहला विकल्प रिनिवल और दूसरा विकल्प टेंडर का दिया गया है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखकर लग रहा है कि कई ठेकेदारों को रिनिवल का विकल्प रास नहीं आ रहा है। शुक्रवार रिनिवल फार्म जमा किए जाने की आखरी तारीख है, लेकिन मात्र दो ठेकेदारों ने ही रिनिवल को लेकर अपनी सहमति प्रदान की है। अधिकारी भी इससे सहमत दिख रहे हैं कि जिले के 56 समूहों में से अधिकांश समूहों के लिए टेंडर की प्रक्रिया ही अपनानी पड़ेगी।
69 से 56 हुए समूह, रिनिवल में मात्र दो ही फर्मों की रुचि
दरअसल जिले में अभी तक कुल 69 देशी और विदेशी शराब दुकान समूह अस्तित्व में थे, लेकिन मुलताई को पवित्र नगरी घोषित करने के चलते यहां के तीन समूह कम हो गए। अब जिला आबकारी विभाग के पास 60 में से मात्र 56 समूह ही बाकी बचे हुए हैं। नई आबकारी नीति घोषित होने के बाद आबकारी ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, लेकिन अधिकांश ठेकेदार रिनिवल के विकल्प में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अभी तक केवल पंखा समूह और बोरदेही समूह की शराब दुकानों के लिए ही रिनिवल फार्म जमा हो सके हैं। रिनिवल को लेकर मात्र दो ठेकेदारों ने ही रुचि दिखाई है। ऐसे में अधिकारी भी मान रहे हैं कि जिले के अधिकांश समूहों का निपटारा शायद टेंडर के माध्यम से ही किए जाने की संभावनाएं बन रही हैं।
20 से 30 प्रतिशत बढ़ी राशि, ठेकेदारों को आ रहा पसीना
नए शराब ठेकों को अगले एक साल के लिए अस्तित्व में लाया जाना ठेकेदारों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जानकारी के मुताबिक मुलताई को पवित्र नगरी घोषित किए जाने के बाद यहाँ शराब की बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। इसका असर दूसरे ठेकेदारों और समूहों पर पड़ रहा है, क्योंकि बाकी बचे 56 समूहों के लिए रिनिवल की राशि अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दी गयी है। सरकार ने जहां नीति के मुताबिक पिछले ठेके पर 20 प्रतिशत राशि बढाकर रिनिवल किये जाने की नीति घोषित की है, लेकिन मुलताई के तीन समूह कम होने से इन समूहों से मिलने वाले राजस्व को अन्य 56 समूहों पर लाद दिया है।
यानी कि रिनिवल के लिए प्रत्येक ठेकेदार पर 20 नहीं बल्कि 30 प्रतिशत अतिरिक्त राशि का बोझ डाल दिया गया है। जानकार सूत्र बताते हैं कि यही नीति ठेकेदारों को रास नहीं आ रही है और ठेकेदारों ने दुकाने रिनिवल कराये जाने के विकल्प को खारिज करते हुए अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। हालांकि आबकारी को तो नए वित्तीय वर्ष के लिए सेटअप जमाना ही है। अब यह सेटअप चाहे रिनिवल के जरिए जमे या फिर टेंडर के जरिये, लेकिन इस बात की संभावना पूरी है कि जिले के अधिकांश समूह टेंडर के माध्यम से ही फाइनल होंगे।
इनका कहना…..
आबकारी नीति के मुताबिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिनिवल की आज अंतिम तारीख है। दो समूहों ने इसमें रुचि दिखाई है। अन्य समूहों के लिए टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाकर ठेके फाइनल किये जायेंगे।
अंशुमान सिंह चढ़ार, जिला आबकारी अधिकारी बैतूल
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