Betul News: कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक अफीम की खेती के लिए अनुकूल है जिले का वातावरण

Betul News: According to agricultural scientists, the environment of the district is suitable for opium cultivation.

1 एकड़ में 599 अफीम के पौधे पुलिस की सक्रियता से बरामद हुए, करोड़ों रुपए पहुंच सकती है कीमत

Betul News: बैतूल। जिले के इतिहास में पहली बार अफीम की खेती करने का मामला सामने आने के बाद बैतूल एसपी निश्चल झारिया के मार्गदर्शन मे बड़े पैमाने पर अफीम के पौधे जब्त करने की कार्यवाही की गई है। तीन थानों के पुलिस बल सहित करीब दो दर्जन मजदूरों की सहायता से एक एकड़ रकबे में लहलहाते 5 सैकड़ा से अधिक पौधों की जब्ती बनाई गई, खेत मालिक को हिरासत में भी लिया गया है। अब पुलिस पूरा मन बना चुकी है कि मामले की तह तक पहुंच कर ही दम लिया जाएगा।

इधर जिलेवासियों के लिए यह खबर चौकाने वाली जरूर है, किंतु जिस तरह से यह मामला सामने आया है, उससे यह तो तय हो चुका है कि अफीम की खेती के लिए बैतूल जिले का वातावरण और जलवायु पूरी तरह अनुकूल है। सड़कवाड़ा के एक खेत मे लहलहा रही फसल को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफीम की खेती मालवांचल में ही नहीं, बल्कि बैतूल जिले में भी हो सकती है, लेकिन जोखिम को देखते इसे स्वीकारना काफी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

पुलिस ने जब्त किए 599 पौधे, कीमत लाखों में

घोड़ाडोंगरी ब्लाक के ग्राम सड़कवाड़ा में अफीम की खेती किए जाने की सूचना पुलिस को मिली थी। जिसकी तस्दीक के बाद तीन थानों के पुलिस बल ने मौके पर जब दबिश दी तो खेत में लहलहाती फसल देखकर एक बार पुलिस भी हैरान रह गई। तत्काल खेत मालिक को हिरासत में लेकर मजदूरों की सहायता से पौधों को उखाड़ना शुरू किया गया। पुलिस ने एक एकड़ क्षेत्र में लगे कुल 599 अफीम के पौधे जब्त कर नाटकोटिक्स एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। जानकारों का मानना है कि वर्तमान में ही फसल की कीमत करीब 10 लाख रुपए आंकी जा सकती है। यदि फसल पूरी तरह पक जाती तो इसकी कीमत करोड़ो में पहुंच जाती, लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने आरोपियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

अफीम की खेती के लिए उपयुक्त है जिले की जलवायु

इस मामले को लेकर जब कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने इसके फायदे और नुकसान दोनों स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि अफीम नीति बनाए जाने का कार्य केंद्र सरकार के अधीन है। वर्तमान में अफीम की खेती केवल मालवांचल के कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है। निश्चित रूप से खेती के लिए बैतूल जिले की जलवायु और वातावरण दोनों ही अनुकूल हैं। शासन को इस खेती के जरिए अच्छा खासा राजस्व भी प्राप्त होता है।

यदि जिला स्तर पर कृषि अधिकारी शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजे तो इस पर विचार भी हो सकता है, लेकिन इसका दूसरा नकारात्मक पहलू यह भी है कि अफीम का उपयोग नशे के अन्य साधन तैयार करने के लिए भी किया जाता है। जहां अफीम की अधिकृत खेती की जा रही है। वहीं कई किसान सरकार और सम्बन्धित अधिकारियो से कुल उत्पादन की जानकारी छिपा कर अवांछित लोगों से सौदेबाजी करने से भी परहेज नहीं करते, जिससे युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति भी बढ़ती है। बैतूल जिले में अफीम की खेती को बढ़ावा दिया तो जा सकता है।

अन्य संसाधनों से बढ़ सकती है किसानों की आय

अफीम की जिले में खेती को बैतूल विधायक हेमन्त खंडेलवाल ने भी सिरे से नकार दिया है। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में अफीम की खेती होती है उन जिलों में किसानों की आमदनी एक तरफ है, लेकिन जाने अनजाने में गलत गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है। ऐसे में इसे प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है। किसानों की आय बढ़ाने के दूसरे विकल्प भी हो सकते हैं। इधर कृषि अधिकारी आनंद बड़ोनिया का कहना है चूंकि यह फसल ड्रग्स से सम्बंधित है इसकी ज्यादा जानकारी उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ही दे सकते हैं।

इनका कहना…..

मामले की जांच अभी बाकी है। जांच पूरी होने के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी।

निश्चल एन झारिया, एसपी बैतूल

अफीम की खेती के लिए जिले की जलवायु अनुकूल है। लेकिन इसमें कई प्रकार के जोखिम भी हैं। किसानों और शासन का राजस्व बढ़े इसके लिए शासन को प्रस्ताव दिया जा सकता है।

विजय कुमार वर्मा, कृषि वैज्ञानिक

चूंकि अफीम की फसल ड्रग केटेगरी में आती इस संबंध में हार्टिकल्चर विभाग ही ज्यादा जानकारी दे सकता है। 

आनंद बड़ोनिया, उप संचालक कृषि बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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