Betul News: सामुदायिक केंद्रों में रैफर का बड़ा खेल: 6 माह में 208 प्रसूताएं जिला अस्पताल के भरोसे

Betul News: Big game of referral in community centres: 208 mothers depend on district hospital in 6 months

बड़ा सवाल: भारी तामझाम के बावजूद क्या काम करना नहीं चाहता स्टाफ

Betul News: बैतूल। आजादी के सात दशकों बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से कोसों दूर हैं। इससे अछूता बैतूल जिला भी नहीं है। जिले के 10 ब्लाकों में करोड़ों रुपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं। अच्छा खासा और प्रशिक्षित स्टाफ तक मौजूद है, लेकिन शायद स्टाफ काम ही करना नहीं चाहता। केंद्रों में पदस्थ डॉक्टर बड़ी संख्या में मरीजों को बिना देखे-परखे और रिस्क न लेते हुए जिला अस्पताल रैफर कर रहे हैं।

ऐसे में जहां जिला अस्पताल पर मरीजों और यहां के डॉक्टरों पर काम का दबाव बढ़ रहा है तो वहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर नकारा होने का टैग भी लगता नजर आ रहा है। रैफर होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या प्रसूताओं की है। पिछले 6 माह का रिकार्ड देखा जाए तो जिले के सभी 10 सामुदायिक केंद्रों से सैकड़ों की संख्या में प्रसूताओं को जिला अस्पताल रैफर किया गया है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्या सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं।

6 माह में 208 प्रसूताएं जिला अस्पताल रैफर

रैफर की कहानी स्वास्थ्य विभाग का रिकार्ड खुद बयां करता है। जून 2024 से नवम्बर 2024 तक सभी 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कुल 208 प्रसूताओं को जिला अस्पताल रैफर किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक जून माह में 34, जुलाई में 33, अगस्त में 30, सितंबर में 32, अक्टूबर में 36 तथा नबम्बर माह में 42 प्रसूताओं को प्रसव के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

जबकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाली प्रसूताओं को इन केंद्रों में बेहतर इलाज दिए जाने की सारी सुविधाएं सरकार ने दे रखी हैं। अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर सहित तमाम स्टाफ और संसाधन मौजूद रहने के बावजूद प्रसूताओं को जिला अस्पताल रैफर किए जाने का खेल बदस्तूर जारी है, लेकिन इस समस्या पर न ही जनप्रतिनिधियों के ध्यान है और न ही अधिकारियों और प्रशासन का।

जानकारी मिली है कि इनमें से कई प्रसूताएं ऐसी भी हैं, जिनका प्रसव आसानी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया जा सकता था, लेकिन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर इन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया और रैफर का खेल आज भी धड़ल्ले से चल रहा है।

जिला अस्पताल पर बढ़ रहा अनावश्यक दबाव

रैफर प्रसूताओं के रैफर के इस खेल का सीधा असर जिला अस्पताल प्रबंधन पर पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों से प्रसूताएं सैकड़ों की संख्या में जिला अस्पताल पहुंचती हैं। जहां मरीज की स्थित के मुताबिक सफल प्रसव महिला डॉक्टर करवा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर भी वहीं योग्यता रखे हैं जो योग्यता जिला अस्पताल में काम कर रही महिला डॉक्टरों के पास है।

जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में अलग-अलग श्रेणी में कुल 7 डॉक्टर उपलब्ध हैं। इनमें 4 प्रथम श्रेणी 3 द्वितीय श्रेणी की डॉक्टर हैं। इसी महीने वरिष्ठ चिकित्सक श्रीमती गोहिया सेवा निवर्त्त होने वाली हैं। एक डॉक्टर चाइल्ड केयर में अपनी सेवाएं दे रही हैं इनमे द्वितीय श्रेणी की 3 डॉक्टर भी यही पदस्थ हैं। बाकी बची दो वरिष्ठ डॉक्टर के भरोसे ही प्रसूताएं प्रसव करवाने पर निर्भर हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से जिस तरह थोक में प्रसूताओं को जिला अस्पताल रैफर किया जा रहा है, उससे जिला अस्पताल में काम का दबाव डॉक्टरों पर बेतहाशा बढ़ रहा है।

375 उपस्वास्थ्य केंद्र भी नाकाम साबित हो रहे

ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने के दावे पूरी तरह खोखले नजर आ रहे हैं। इसका पता इसी तथ्य से उजागर हो रहा है कि 375 उपस्वास्थ्य केंद्रों में प्राथमिक चिकित्सा तक से ग्रामीण महरूम हैं। कई उपस्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां पर्याप्त स्टाफ तक उपलब्ध नहीं है और जहां हैं, ऐसे केंद्र मनमर्जी से संचालित हो रहे हैं।

प्रत्येक ब्लॉक में बीएमओ के मौजूद रहने और करोड़ों खर्च करने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाओं की बत्तर स्थिति यह बताने के लिए काफी है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और दूर दराज क्षेत्रों में संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र सुविधा के नाम पर सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं और इसका सीधा नुकसान सरकार को हो रहा है।

इनका कहना

बड़ी संख्या में प्रसूताओं को रैफर क्यों किया जा रहा है। इसके लिए तथ्यों की जांच करेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रसव हो रहे हैं। कई बार प्रसूताओं के परिजन खुद भी रैफर बनवा लेते हैं।

रविकांत उइके , सीएमएचओ बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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