Betul Hospital News: प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बावजूद अस्पताल में टीएमटी और इंडोस्कोपी जांच शुरु नहीं

Betul Hospital News: Despite the approval of the Minister in charge, TMT and endoscopy tests have not started in the hospital.

मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर खर्च करनी पड़ रही मोटी रकम

Betul Hospital News: बैतूल। प्रभारी मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल के अनुमोदन के बावजूद भी जिला अस्पताल में टीएमटी और इंडोस्कोपी जांच शुरु नहीं हो पाई है। जांच कराने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद उनके पास में कोई लिखित आदेश नहीं आए है। जिला अस्पताल को टीएमटी और इंडोस्कोपी जांच के लिए मशीनें प्राप्त हुई है, लेकिन अस्पताल में अब तक जांच शुरु नहीं हो पाई।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल बैतूल के अंतर्गत रोगी कल्याण समिति की प्रभारी मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल की अध्यक्षता में सामान्य सभा की बैठक संपन्न हुई, जिसमें आईसीयू में भर्ती एपीएल श्रेणी के मरीजों से 500 रुपए प्रति दर, इंडोस्कोपी और टीएमटी जांच के लिए 500 रुपए, आईसीयू में सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों की व्यवस्था करने के लिए अनुमोदन किया गया। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बावजूद इस पर कोई अमल नहीं हो पाया है। अस्पताल मेंं इंडोस्कोपी और टीएमटी की जांच शुरु नहीं हो सकीं। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

निजी अस्पतालों में खर्च हो रही अधिक राशि

टीएमटी और इंडोस्कोपी के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ रहा है। इसमें गरीबों की जेब खाली हो रही है। टीएमटी जांच के लिए लगभग 1500 से अधिक और इंडोस्कोपी की जांच के लिए लगभग 3 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते है, जिसमें हृदय संबंधी बीमारी से ग्रसित मरीजों को टीएमटी भी करवाना पड़ता है, लेकिन अस्पताल में इसकी जांच नहीं हो रही है। पेट संबंधित गंभीर शिकायतें होने पर इंडोस्कोपी करवाई जाती है, लेकिन अस्पताल में यह सुविधा अभी शुरु नहीं हो सकीं। कई मरीज नागपुर-भोपाल तक जाने के लिए मजबूर है। अस्पताल में यह सुविधा प्रारंभ हो जाती तो मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रूख नहीं करना पड़ता।

इंडोस्कोपी के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में इंडोस्कोपी जांच शुरु होने के पहले डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ को ट्रेनिंग देना होगा। ट्रेनिंग के बाद ही इंडोस्कोपी जांच शुरु की जाएगी। इंडोस्कोपी की जांच के लिए स्थान का भी चयन किया जाना है। अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी के कारण भी परेशानी हो रही है। अस्पताल में कर्मचारियों की कमी के कारण भी कई सुविधाओं को शुरु में विलंब हो रहा है। नए अस्पताल में महिला वार्ड शिफ्ट हुआ है। नए अस्पताल में कर्मचारियों की कमी खल रही है।

इनका कहना…

प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद हमारे पास कोई लिखित आदेश नहीं आए है। लिखित आदेश आने के बाद टीएमटी और इंडोस्कोपी जांच शुरु की जाएगी। डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी के कारण भी कुछ दिक्कतें आ रही है।

जगदीश घोरे, सिविल सर्जन

जिला अस्पताल बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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