Betul News: जल जीवन मिशन योजना की कछुआ चाल, कलेक्टर भड़के
Betul News: Tortoise move of Jal Jeevan Mission Scheme, Collector angry

समीक्षा बैठक में योजनाओं को पलीता लगाने वालों को फटकार, अगली टीएल की बैठक में शत प्रतिशत काम पूरा करने की हिदायत
Betul News: बैतूल। गांव-गांव तक पानी की लाइन बिछाकर पीएचई ने कागजों पर सारी रिपोर्ट ओके कर कलेक्टर और कमिश्रर तक को भ्रमित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है कि सांझवीर टाईम्स में जल जीवन मिशन में करोड़ों के पलीता लगाए जाने के संबंध में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद पीएचई के तत्कालीन ईई आरएन सेकवार की जिले से रवानगी हो गई, लेकिन उनके अधीनस्थ 5 डिवीजन में आज भी वैसे ही हालात है।
योजना में हो रही लापरवाही की बानगी दो दिन पहले हुई टीएल की बैठक में भी देखने को मिली, जब पीएचई की समीक्षा बैठक में वर्तमान ईई अधूरी जानकारी के साथ पहुंचे तो कलेक्टर ने फटकार लगाते हुए उन्हें अगली की टीएल की बैठक तक नलजल योजना के सभी कामों की रिपोर्ट तलब कर ली है।
सूत्र बताते हैं कि पीएचई में जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव-गांव पाइप लाइन बिछाकर पानी की टंकियां बनाने के बाद लोगों को पानी उपलब्ध कराना था, इसके लिए बैतूल जिले की 556 पंचायतों में से अधिकांश के लिए निर्धारित राशि भी स्वीकृत कर दी गई। टेंडर होने के बाद अलग-अलग ठेकेदारों ने पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया, लेकिन पिछले चार वर्षों में पीएचई के नुमाइंदों और ठेकेदारों की मिलीभगत से पानी फिर गया है। हालात यह है कि योजना अमली जामा पहनने से पहले ही कई गांवों में दम तोड़ चुकी है।
यही वजह है कि सांझवीर टाईम्स ने जल मिशन योजना में हुए फर्जीवाड़े की खबरें सिलसिलेवार प्रकाशित की थी। इसके बाद बैतूल से भोपाल तक हड़कंप मचा और प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्कालीन ईई सेकवार को भोपाल कार्यालय अटैच कर दिया गया। पुरानी मछलियों पर कार्रवाई नहीं
भले ही प्रशासन ने ईई की लापरवाही मानते हुए उनकी रवानगी कर दी, लेकिन पुराने ईई के कार्यकाल से 5 डिवीजन में जमे अधिकारियों को अभयदान दे दिया गया। यही वजह है कि उन्हीं की देखरेख में अभी भी बची हुई नलजल योजना के काम की कछुआ चाल जारी है। पुरानी मछलियों को वर्तमान अधिकारियों का भी संरक्षण मिल रहा है। इसी वजह जिले के दर्जनों गांवों में योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई है। कहा जा रहा है कि गर्मी शुरू होने को ढाई माह का समय बचा है।
ऐसे में योजना मूर्त रूप नहीं ले पाती है तो इस वर्ष भी जल जीवन मिशन योजना में हुई लापरवाही का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ेगा। पानी के लिए हाहाकार मचने पर बावली, कुएं और हैंडपंप के सहारे ही कई गांवों में चार माह तक यही परेशानी झेलनी पड़ेगी।
कलेक्टर इसलिए हुए नाराज
टीएल की बैठक में कलेक्टर इसलिए नाराज हुए, क्योंकि जल जीवन मिशन में बंदरबाट होने के बावजूद अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। अब तक योजना का लक्ष्य सौ प्रतिशत पूरा करने के लिए लंबा समय लगेगा। कॉगजों पर तो अधिकारियों ने 80 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है, लेकिन हकीकत है कि आमला, शाहपुर, आठनेर, घोड़ाडोगरी ब्लॉक में जल जीवन मिशन की योजना का काम पूरा ठप पड़ा है।
इसके अलावा ब्लाक के कई गांवों में हालात बेकाबू है, इसलिए कलेक्टर जल जीवन मिशन योजना का 100 प्रतिशत काम पूरा नहीं होने ईई मनोज बघेल को जमकर फटकार लगाई। कलेक्टर ने ईई को दो टूक शब्दों में कहा कि अपने अधीनस्थ अधिकारियों को इस कार्य में लगाकर सभी जनपद सीईओ से समन्वय स्थापित कर अगली टीएल की बैठक के पूर्व शेष बचे नलजल योजना के कनेक्शनों का काम शत प्रतिशत पूरा किया जाए। कलेक्टर ने अगली बैठक तक नलजल योजना का काम पूरा न होने पर ईई को कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। कलेक्टर के सख्त रूप के बाद एक बार फिर पीएचई की लापरवाही सामने आ सकती है।
ठेकेदारों को अभयदान देने से बिगड़े हालात
नलजल योजना में गंभीर लापरवाही के बाद पुरानी ईई की रवानगी के बावजूद हालात नहीं बदले हैं। नई ईई की ज्वाइनिंग को 3 माह से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन जल जीवन मिशन योजना के बुरे हाल गांवों में आज तक नहीं बदले।
सूत्र बताते हैं कि योजना का काम करने वाले ठेकेदारों की अधिकारियों से निकटता के ही कारण नलजल योजना का काम शत प्रतिशत पूरा नहीं हो पा रहा है। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अधिकांश ब्लाकों में योजना ठप पड़ी है। सांझवीर टाईम्स अधूरे पड़े कामों की ग्राउंड रिपोर्ट एक बार फिर ठेकेदारों और अधिकारियों की मिली भगत को उजागर करने का प्रयास करेगा।
इनका कहना….
जल जीवन मिशन का काम अधूरा रहने पर पीएचई के अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। अगली टीएल की बैठक में नलजल योजना का पूरा काम करने की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल
मैं अभी प्रभारी मंत्री के दौरे के कार्यक्रम में व्यस्त हूं। इस संबंध में आपसे बाद में चर्चा करूंगा।
मनोज बघेल, ईई पीएचई बैतूल