Betul News: भाजपा में नया फार्मूला: दूसरी बार रिपीट नहीं होंगे जिला अध्यक्ष!
Betul News: New formula in BJP: District President will not repeat for the second time!

यदि ऐसा हुआ तो बबला का उत्तराधिकारी ढूंढना भाजपा की मजबूरी, कुछ बड़े नाम कतार में
Betul News: बैतूल। भाजपा के संगठन चुनावों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर तय की गाइडलाइन ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। जानकारी मिली है कि संगठन चुनावों में कोई भी जिला अध्यक्ष रिपीट नहीं किया जाएगा। यदि भाजपा संगठन इस गाइड लाइन का अक्षरश: पालन करता है तो बैतूल जिला भाजपा से वर्तमान अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला का पद हाथ से चला जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि बबला नहीं तो आखिर कौन ? क्योंकि जिला अध्यक्ष की दौड़ में वैसे तो कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन क्या संगठन कि मज़बूती और पूरे जिले की भाजपा को एक सूत्र में बांधने की क्षमता इन नेताओं में है, तो इसका जवाब है नहीं। बताया जा रहा है कि पार्टी द्वारा तय की गई गाइड लाइन में महिलाओं औऱ युवाओं को भी मौका दिए जाने पर काफी जोर दिया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो जिला भाजपा में वो कौन युवा नेता या महिला नेत्री होगी जिसे अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस पर भी मंथन शुरू हो चुका है, लेकिन गाइडलाइन का पालन होगा। इसकी गुंजाइश कम ही बताई जा रही है।
अध्यक्ष पद पर जिले में लगातार रिपीट हो चुके तीन नेता
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिला भाजपा में अभी तक इस नियम का पालन इसके पहले कभी देखने को नहीं मिला है। इतिहास गवाह है कि बैतूल जिला भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं को लगातार दो बार अध्यक्षीय कार्यकाल पूर्ण किए जाने का मौका दिया गया, लेकिन सिर्फ एक अध्यक्ष ही कार्यकाल पूर्ण कर पाए थे। सिर्फ रामचरित मिश्रा ही ऐसे अध्यक्ष रहे, जिन्होंने दोनों कार्यकाल पूर्ण किए हैं। इसके अलावा विधायक हेमन्त खण्डेलवाल, बाबा माकोड़े, जितेंद्र वर्मा, अनिल सिंह कुशवाह, जितेंद्र कपूर भी अध्यक्ष रहे हैं। पूर्व विधायक अलकेश आर्य और शिवप्रसाद राठौर को दो बार मौका मिला, लेकिन विधानसभा चुनावों की टिकिट मिलने पर इन्हें बीच मे ही अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। फिलहाल जिला अध्यक्ष के पद के लिए ऑटोमोबाइल व्यवसायी राजेश आहूजा, नागरिक बैंक अध्यक्ष अतीत पवार, जिला महामंत्री सुधाकर पवार, कमलेश सिंह, मधु पाटनकर की दावेदारी तो नजर आ रही है, लेकिन साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अध्यक्ष तो बबला शुक्ला को ही बनाया जाएगा। किसी दूसरे नेता को अध्यक्ष बनाए जाने के चांस सिर्फ 10 प्रतिशत ही हैं।
मौका देखकर चौका लगाने में भाजपा माहिर
हाल ही में अध्यक्ष रिपीट नहीं होने की गाइडलाइन चर्चा का विषय जरूर बनी हुई है, लेकिन भाजपा को काफी करीब से जानने वाले राजनीतिक समीक्षकों का कुछ और ही सोचना है। जानकार बताते हैं कि भाजपा मौका देखकर चौका लगाने में माहिर है। गाईड लाइन बनाई तो जाती है, लेकिन रणनीति में गाइड लाइन फिट नहीं बैठने पर इसे दरकिनार भी कर दिया जाता है। मंडल अध्यक्षों के चुनाव में भी उम्र की सीमा और आपराधिक रिकार्ड जैसी गाइड लाइन दरकिनार कर दी। इसका मतलब यह नहीं कि अध्यक्ष के रिपीट नहीं होने को लेकर तय की गई गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया ही जा सकेगा। हालांकि इधर संगठन चुनाव में सहप्रभारी की भूमिका संभाल रहे पूर्व जिला अध्यक्ष बाबा माकोड़े ने जहां ऐसी किसी भी गाइड लाइन के तय होने से इनकार किया है तो वहीं चुनाव प्रभारी सुदर्शन गुप्ता के पार्टी मीटिंग में होने से चर्चा नहीं हो पाई है।
इनका कहना…..
मैं अभी पार्टी की मीटिंग में हूं। इस मामले में बाद में चर्चा कर पाऊंगा।
सुदर्शन गुप्ता, संगठन चुनाव प्रभारी, जिला भाजपा बैतूल
अध्यक्ष रिपीट नहीं होने जैसी कोई गाइड लाइन नहीं आई है।
बसंत माकोड़े, चुनाव सह प्रभारी, भाजपा बैतूल