Betul News: भाजपा में जिला अध्यक्ष बने व्यक्ति को विधायक बनने का मौका मिला

Betul News: The person who became district president in BJP got a chance to become MLA.

इसलिए जिला अध्यक्ष बनने के लिए लंबी फेहरिस्त, कोई पर्दे के पीछे तो कोई खुलकर कर रहा दावेदारी

Betul News: बैतूल। भाजपा संगठन में अनुशासन का ध्यान रखकर जिला अध्यक्ष के लिए रूपरेखा बनाने का काम जारी है। इस माह के अंत तक बैतूल को भी नया जिला अध्यक्ष मिल जाएगा, लेकिन हकीकत यह है कि अब तक नए जिला अध्यक्ष के लिए जिस तरह से उठा-पटक चल रही है, इससे साफ हो गया है कि इस पद पाने के लिए कई दिग्गज एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। चूंकि इस पद पर पहुंचे अधिकांश व्यक्ति को विधायक-सांसद बनने का मौका मिला है। यह परंपरा पिछले 25 वर्षों से लगभग भाजपा में चली आ रही है। इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए लो प्रोफाइल वरिष्ठ कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस तरह की बातों का संगठन के कई जिम्मेदारों ने निराधर बताते हुए कहा है कि पार्टी में छोटे कार्यकर्ताओं को भी बड़ा पद मिल सकता है, इसलिए कोई बड़े पद के दावेदार को जिला अध्यक्ष बनाने का सवाल ही नहीं उठता।

संगठन महापर्व की प्रक्रिया के तहत 30 में से 23 मंडल अध्यक्ष चुने जाने के बाद भाजपा में फिलहाल नए जिला अध्यक्ष को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। यह प्रक्रिया नियमों से जिला निर्वाचन और सहनिर्वाचन अधिकारी आगे बढ़ाने में लगे है। इसके लिए बकायदा प्रदेश से आई गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है। भले ही प्रक्रिया के बाद जिला अध्यक्ष भोपाल से चुना जाए, लेकिन कागजों में प्रक्रिया का काफी महत्व रहेगा। यही वजह है कि बैतूल में नए जिला अध्यक्ष को लेकर जिस तरह माथापच्ची के अलावा कुछ लोग बेवजह महिमा मंडन कर अध्यक्ष बनने के मामले में तूल दे रहे हैं।

जरूरी नहीं जिला अध्यक्ष की अगली चाह क्या?

सूत्र बताते हैं कि टिकट के कुछ संभावित दावेदार अफवाह और तथाकथित मीडिया-सोशल मीडिया का सहारा लेकर जोर लगा रहे हैं कि भाजपा में अगला जिला अध्यक्ष सांसद-विधायक के दावेदार को मौका मिलेगा। जबकि ऐसी वास्तविकता बड़े पदों में भी देखने को मिल चुकी है। तर्क दिया जा रहा है कि बीते वर्ष विधानसभा चुनाव में जिस तरह संगठन ने मप्र में डॉ मोहन यादव, राजस्थान में भजनलाल शर्मा और छत्तीसगढ़ में विष्णु देव शाय जैसे चौकाने वाले नामों पर मोहर लगा दी गई। इसी तरह जिला अध्यक्ष के लिए भी संगठन ने क्राइट एरिया तय कर रखा है कि जिसे संगठन में सबसे ज्यादा पसंद करेंगे, वही जिला अध्यक्ष चुना जाएगा। इसके लिए जरूरी नहीं है कि किसी भाजपा नेता का जनाधार है या किसी बड़े पद पर रहा है। केवल पार्टी जिसे मौका देगी। वह आसानी से जिला अध्यक्ष बन जाएगा। वैसे भाजपा के नए अध्यक्ष के चयन में जिले के सांसद के अलावा पांचों विधायक, जिपं अध्यक्ष- उपाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों की भी निर्णायक भूमिका रहेगी।

इन जिला अध्यक्षों को मिला बड़ा अवसर

सांझवीर टाईम्स की पड़ताल में सामने आया है कि भाजपा जिला अध्यक्ष, इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस पद को हासिल करने वाले भाजपा नेता की लॉटरी लगी है। उदाहरण के तौर पर विजय खंडेलवाल भाजपा जिला अध्यक्ष बनने के बाद चार बार संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। इसके बाद भगवत पटेल को भी जिला अध्यक्ष बनने के बाद विधानसभा टिकट मिली और वे जीतकर सदन में पहुंचे। फिर शिवप्रसाद राठौर भी जिला अध्यक्ष बने तो उन्हें पार्टी ने विस चुनाव लड़वाया।

हालांकि अगले चुनाव में उनकी टिकट होल्ड कर दी गई। पूर्व जिला अध्यक्ष रहे अलकेश आर्य को भी विस टिकट से नवाजा और उन्होंने भी जीत हासिल की। बात की जाए हेमंत खंडेलवाल की तो उन्होंने भी जिला अध्यक्ष रहने के बाद तीन बार विस चुनाव लड़ा और दो बार विधायक बने हैं। खंडेलवाल के पक्ष में एक और बात है कि वे बिना किसी महत्वपूर्ण पद रहे उपचुनाव में सांसद भी बने है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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