Betul News: भाजपा के पास बबला जैसा सशक्त विकल्प नहीं

Betul News: BJP does not have a strong option like Babla

इसलिए दोबारा जिला अध्यक्ष बनना तय, केवल पार्टी गाइड लाइन आड़े आई तो ही अवसर मिलने की संभावना नहीं

Betul News: बैतूल। इस माह के अंत तक भाजपा को नया जिला अध्यक्ष मिल जाएगा। फिलहाल शेष बचे सात मंडल अध्यक्षों के अलावा पूरे जिले के हजारों कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा है कि अगला जिला अध्यक्ष किसे बनाया जाएगा, लेकिन भाजपा के अंदरखाने से आ रही खबर पर यकीन करें तो पार्टी के पास ऐसा युवा और सशक्त होने के अलावा मजबूत पकड़ वाला कोई वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद नहीं है, जो वर्तमान जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला का स्थान ले सके। यही वजह है कि 3 वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद भाजपा में सिर्फ एक ही विकल्प दिखाई दे रहा है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो प्रदेश संगठन द्वारा जारी पहली सूची में बबला शुक्ला को दोबारा जिला अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हो सकती है। केवल पांच प्रतिशत संभावना यह दिखाई दे रही है कि एक ही अध्यक्ष को दूसरी बार मौका देने का संगठन का निर्णय का सख्ती से पालन हुआ तो बबला की लॉटरी नहीं लगेगी। इसके बाद ही बैतूल में नया जिला अध्यक्ष चुना जाएगा।

सूत्र बताते हैं कि भाजपा में अध्यक्ष को लेकर इस समय कई गंभीर नामों पर मैराथन मंथन चल रहा है। वैसे संगठन को ही नया अध्यक्ष चुनना है, लेकिन इसमें क्षेत्र के सांसद, विधायक, प्रादेशिक नेताओं के अलावा मंडल अध्यक्ष की रायशुमारी काफी मायने रखती है। बंद लिफाफे में जिला अध्यक्ष के लिए भी रायशुमारी में आए नाम को तवज्जों मिली तो वर्तमान जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला का दूसरी बार जिला अध्यक्ष बनना सौ प्रतिशत तय माना जा रहा है। बबला के पक्ष में इस समय सांसद के अलावा पांचों विधायक और अधिकांश मंडल अध्यक्ष समर्थन में आ जाएंगे। यदि ऐसा हुआ तो उनकी राह काफी आसान हो जाएगी। अन्य दावेदारों के नाम बबला का नाम फुल एंड फाइनल होने के बाद ठंडे बस्ते में चले गए हैं।

भाजपा के पास फिलहाल सशक्त विकल्प नहीं

भाजपा के अपुष्ट सूत्रों ने बताया कि वैसे तो जिला संगठन के चुनाव में अध्यक्ष के लिए कई दावेदारों के नाम चर्चा में है, लेकिन कहीं न कहीं खामी सामने आने के बाद उनके नाम पीछे चल रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बबला फ्रंटफुट पर इस समय ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे हैं। संगठनात्मक चुनाव के बावजूद उनकी सक्रियता में कोई कम नहीं आई। यही वजह है कि भाजपा के पास अभी जिन दावेदारों का विकल्प मौजूद है, वह बबला से कई पीछे हैं। जिला अध्यक्ष के लिए पूर्व विधायक अलकेश आर्य का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है, लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि वे प्रादेशिक नेता है।

उनके नाम पर संगठन इसलिए राजी नहीं होगा, क्योंकि उन्हें संगठन की कई महत्वपूर्ण जवाबदारी समय-समय पर सौंपी जाती है, इसलिए उनको अध्यक्ष बनाना कमजोर कड़ी माना जा रहा है। बहुसंख्यक कुंबी समाज की बात की जाए तो मधु पाटनकर का नाम मजबूती से सामने आ रहा है। पाटनकर सांसद और बैतूल विधायक के करीबी होने के साथ जिले में सक्रिय है, लेकिन उनके पक्ष में पार्टी के मंडल अध्यक्षों के अलावा वरिष्ठ नेता एक राय नहीं हुए तो दावेदारी कमजोर हो जाएगी। कहा तो यह भी जा रहा है कि पाटनकर जिला अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं है, लेकिन दूसरा तर्क यह भी दिया जा रहा है कि संगठन ने उन्हें जिम्मेदारी दी तो वे इसके लिए तैयार हो सकते हैं।

इसी समाज से बाबा माकोड़े और मुन्ना मानकर का नाम सामने आ रहा है, लेकिन बाबा माकोड़े की उम्र अधिक होने और संगठन के दूसरे कामों के कारण संगठन उन्हें जिम्मेदारी नहीं देना चाहेगा, जबकि मुन्ना की दावेदारी मजबूत है, लेकिन उन्हें भाजपा ज्वाइन किए कुछ वर्ष ही बीते हैं, इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल नहीं ले सकते। इसी तरह आटो मोबाइल्स व्यवसायी राजेश आहूजा, जिला महामंत्री सुधाकर पवार, कमलेश सिंह के नाम भी जिला अध्यक्ष के लिए चर्चा में है, लेकिन संगठन इनका नाम तय करे संशय है।

बबला के पक्ष में ट्रिपल प्लस फैक्टर भी हावी

जानकार सूत्र बताते हैं कि बबला के दूसरे बार अध्यक्ष बनने की राह उनके ट्रिपल प्लस फैक्टर के कारण पूरी होते दिखाई दे रही है। पहला यह कि जिले के चुने हुए सांसद और पांचों विधायक बबला के नाम पर सहमत है। यह सहमति अन्य दावेदारों के नाम पर बट जा रही है। यदि बबला को अध्यक्ष बनाया जाता है तो सभी 6 वरिष्ठ नेता उनके पक्ष में जाएंगे।

दूसरी ओर 30 में से घोषित 23 मंडलों में घोषित अध्यक्ष भी बबला के साथ काम कर चुके हैं, इसलिए उनका पक्ष भी एकतरफा मिलने से बबला सशक्त हो गए। तीसरा फैक्टर बबला के साथ यह जा रहा है कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में दमदार प्रदर्शन कर प्रदेश नेतृत्व को मुरीद बना दिया है। यदि ट्रिपल प्लस फैक्टर बबला के पक्ष में चला तो भाजपा में बबला के अलावा दूसरा कोई अध्यक्ष मिले, इसकी संभावना बिलकुल न के बराबर है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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