Betul News: भाजपा के 70 प्रतिशत मंडल अध्यक्षों को दोबारा मौका!
Betul News: 70 percent of BJP's Mandal Presidents get second chance!

बैतूल विधानसभा के सभी 6 मंडल अध्यक्ष की फिर लगेगी लॉटरी, दो दिनों में तस्वीर हो जाएगी साफ
Betul News: बैतूल। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा मिलने के बाद पहले सदस्यता अभियान में लोगों का जुड़ाव सिर चढ़कर बोला। अब संगठन महापर्व मेें वरिष्ठ और कनिष्ठ कार्यकर्ता अपने आप को पदाधिकारी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस समय सबसे अधिक चर्चा भाजपा के महापर्व में जिले के 30 मंडल अध्यक्षों को लेकर हो रही है। इस तीस पदों पर सैकड़ों दावेदार कतार में है, लेकिन मौका केवल एक को मिलेगा। इस बीच भाजपा सूत्रों से छनकर आ रही खबर पर यकीन करें तो सभी तीस मंडलों में अधिकांश जगह मंडल अध्यक्ष को दोबारा मौका दिया जाना तय माना जा रहा है। केवल 45 वर्ष की उम्र पार करने वाले और कुछ निष्क्रिय मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। लगभग 70 प्रतिशत मंडल अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया जा रहा है। बैतूल विधानसभा के सभी 6 मंडल अध्यक्षों के की दोबारा लॉटरी लगना तय माना जा रहा है।
जानकार सूत्र बताते हैं कि पिछले 3-4 वर्ष के कार्यकाल के दौरान जिले के 29 मंडल अध्यक्षों (अब 30) अध्यक्षों ने बीते वर्ष विधानसभा चुनाव और अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव में अपना सर्वश न्यौछावर करते हुए पार्टी को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। इसी का नतीजा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का क्लीन स्वीप करते हुए 5-0 से फतह हासिल की थी। यह मंडल अध्यक्षों और उनकी टीम के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं कहा जा सकता है। भले ही भाजपा की जीत में लाड़ली बहना फैक्टर चला हो, लेकिन मंडल अध्यक्ष ने अपनी टीम के साथ बूथ तक नहीं पहुंचते तो शायद भाजपा को धमाकेदार जीत मिलना संभव नहीं था। अब चूंकि संगठन महापर्व की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है, तो ऐसे में मंडल अध्यक्षों को लेकर सबकी टकटकी लगी हुई है।
पद से हटाने पर जाता अलग मैसेज
भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जिले के 30 संगठनात्मक मंडल अध्यक्षों में यदि हटाकर नए को मौका देते तो ऐसे में पुराने कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज जाता। सूत्रों के अनुसार भाजपा में केवल हाईकमान के 45 वर्ष से अधिक उम्र पार कर चुके मंडल अध्यक्षों को बदलने का निर्णय लिया है। बैतूल जिले में भाजपा के 30 मंडलों में इस क्राइटएरिया में 5 से 7 मंडल अध्यक्षों के नाम सामने आए हैं। इतना जरूर है कि कुछ मंडल अध्यक्षों की कार्यप्रणाली और शिकायतों के बाद यहां पर बदलाव जरूर किया जा रहा है। इनमें आमला, मुलताई, भैंसदेही, भीमपुर, घोड़ाडोंगरी के कुछ मंडल अध्यक्षों के नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
हालांकि स्थानीय विधायक और पार्टी के पदाधिकारी यहां पर भी सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आने पर इन क्षेत्रों के मंडल अध्यक्षों को बदला जाना लगभग तय है, लेकिन भाजपा ने सैद्वांतिक सहमति बनाकर सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे की तर्ज पर 45 वर्ष से अधिक की उम्र पार कर चुके और कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बाद हटाए जाने वाले अध्यक्षों को जिला संगठन में जिम्मेदारी देने के लिए रणनीति बना ली है। भाजपा ने जो संदेश दिया है, इस लिहाज से कार्यकर्ताओं में मंडल अध्यक्षों को हटाए जाने पर गंभीरता से लिया है।
बैतूल में पुरानों की लॉटरी लगना लगभग तय
इधर भाजपा से जुड़े जानकार सूत्रों की माने तो जिला मुख्यालय की सबसे प्रमुख बैतूल विधानसभा में 6 मंडल अध्यक्षों को लेकर अधिक चर्चा है। इस बीच भाजपा सूत्रों से छनकर आ रही खबरों पर यकीन करें तो बैतूल विधानसभा के सभी 6 मंडलों में पुराने अध्यक्षों को दोबारा मौका मिलना तय माना जा रहा है। संगठन चुनाव के लिए प्राधिकृत अधिकारी ने बंद लिफाफे में सभी के नाम भोपाल ले गए हैं। यही से सभी की घोषणा होना है। सूत्र बताते हैं कि इसमें बैतूल नगर के गंज मंडल से विकास मिश्रा, कोठीबाजार विक्रम वैध, बैतूलबाजार से सुनील पवार, बड़ोरा से उमाशंकर पटेल, बैतूल ग्रामीण(खेड़ीसांवलीगढ़) से नीतिन बारस्कर और आठनेर नगर से गोवर्धन राने की लॉटरी लगना लगभग तय माना जा रहा है। जानकार बताते हैं कि बैतूल विधानसभा के सभी मंडल अध्यक्षों का पुराना कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है, इसलिए उनके नाम पर दोबारा सहमति बन गई है।