Politics: राजनीतिक हलचल: किन 2 संगठनों की लड़ाई सड़क पर आई, शब्दबाण खूब चल रहे?? आखिर सम्मेलनमें क्यों भिड़े 2 पार्षद??? जन्मदिन के बहाने कैसे दिखाई ताकत???? किस नेता की अपने समर्थकों ने ही उतारी लू????? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में…..
Politics: Political stir: The fight of which two organizations came on the streets, verbal attacks are going on?

संगठनों की लड़ाई सड़कों पर
हिंदू संगठन के नाम अपनी नेतागिरी और रसूख बताने वाले हिंदूवादी नेताओं की महत्वकांक्षा अधिक बढ़ने के कारण इन दिनों लड़ाई सड़कों पर आ गई है। अपने को श्रेष्ठ बताने के लिए संगठन के तथाकथित स्वंभू नेता निजी स्वार्थ के लिए लांछन लगा रहे हैं। इससे सरगर्मियां बढ़ गई हैं। एक दूसरे को उलझाने के लिए कई चाले चलकर एक दूसरे को नीचा दिखाने के खूब निहित प्रयास हो रहे हैं। चर्चा है कि गौवंश तस्करी को लेकर चल रही टशन दिखावे में साबित हो गई है। एक धड़ा टोल के पास तो दूसरा एक मोक्षधाम के पास अधिक सक्रिय देखा जा रहा है। खुलकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाने से गौतस्कर भी खुश नजर आकर अब इनकी लड़ाई का फायदा उठाने के लिए आतुर दिख रहे हैं।
सम्मेलन में पार्षदों की भिंड़त
एक निकाय में पिछले दिनों हुए सम्मेलन में राजनैतिक महत्वकांक्षा सार्वजनिक हो गई। लंबे समय बाद हुई इस निकाय की बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्षद पहुंचे थे। बैठक शुरू होते ही सत्ता पक्ष की एक महिला पार्षद और विपक्ष की पार्षद- पूर्व अध्यक्ष के मध्य जिस तरह तू-तू-मैं-मैं हुई, यह परिषद से निकलकर पूरे शहर में आग की तरह फैल गई। चर्चा है कि दोनों पार्षदों के बीच पावर दिखाने के चक्कर में जमकर शब्द बाण चले। आखिर अध्यक्ष ने मोर्चा संभालते हुए दोनों को अलग कराया, लेकिन बैठक से बाहर निकलकर दोनों ही पार्षद बोलने से नहीं चूकी कि वे भारी पड़ गई। हालांकि राजनीति गलियारों में दोनों पार्षदों के बीच विवाद को लेकर जमकर चटकारे लगाए जा रहे हैं। बताते चले कि यह निकाय एक पवित्र नगरी से जुड़ी है।
जन्मदिन के बहाने दिखा पावर
एक पार्टी के प्रमुख का पिछले दिनों जन्मदिन खासा चर्चा में रहा। कहा जाता है कि यह अध्यक्ष न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर की तरह सभी से सामंजस्य स्थापित कर चलते हैं। उनकी छवि भी पूरे जिले में एक ऊर्जावान और शालीन के रूप में होते हैं, इसलिए वे दिखावे के चक्कर में बिलकुल नहीं पड़ते। हालांकि पिछले दिनों उनके समर्थकों ने इस मर्तबा धूमधाम से जन्मदिन मनाने की जिद की तो वे टाल नहीं सके। इस बहाने उनके समर्थकों ने जिले भर के शीर्ष नेताओं और दिग्गजों को बुलाकर साबित कर दिया हे कि जिले की राजनीति में जिस गुट से माने जाते हैं, उसका दबदबा आज भी बरकरार है।
समर्थकों ने ही उतार दी अपने नेता की लू
बीते दिनों लल्ली चौक पर एक नेता की खुद उनके ही समर्थकों ने लू उतार दी। चर्चा है कि यह वही समर्थक थे, जो अपने नेता की एक आवाज पर एक जगह एकत्रित हो जाते थे, बल्कि अपने काम से ज्यादा तवज्जो नेता को दिया करते थे। बात करीब 5 से 6 दिन पुरानी है, जब रात्रि के समय समर्थकों का जमावड़ा नेता के बीच लगा हुआ था। इसी बीच किसी बात को लेकर अचानक बहसबाजी शुरु हो गई और समर्थक अपने ही नेता से भिड़ गए। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक समर्थकों ने नेता को जमकर खरी- खोटी सुनाते हुए यह तक कह दिया कि उक्त नेता ने सिर्फ हम समर्थकों का केवल उपयोग ही किया है।
इसके बदले समर्थकों का कोई भी भला न किया गया औऱ न ही कभी इस बारे में सोचा, लेकिन हकीकत अब हमारी समझ मे आ गई है। नेताजी आप हमारी भावनाओं से न ही खेल पाएंगे बल्कि, आइंदा हमसे कोई उम्मीद भी नही करना। हालांकि घटना रात के वक्त की है। मौके पर इक्का- दुक्का नेता मौजूद भी थे। इस मामले में उक्त नेता की जमकर थू- थू न हो इसलिए वाक्या दबा दिया गया। बावजूद इसके खबर बाहर आ ही गई औऱ चटकारे लगाकर सुनी भी जा रहीं हैं।