पुरानी दुकानें हैंडओवर नहीं, अब पूरे प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ खर्च करने की तैयारी
गंज मंडी काम्प्लेक्स के लिए नपा फिर से कर रही निविदा आमंत्रित, दुकानदारों को करना होगा और अधिक इंतजार

बैतूल। गंज स्थित मल्टीकाम्प्लेक्स निर्माण में दुकानदारों को दुकानें आवंटित करने का मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाईदे रहा है। दरसअल नगरपालिका ने इस प्रोजेक्ट पर दोबारा 17 करोड़ की राशि खर्च करने का नया प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके लिए 11 दिसंबर को परिषद के सम्मेलन में प्रस्ताव लाया जाएगा, और डीपीआर के संबंध में चर्चा होगी। कुल मिलाकर दुकानों के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे दुकानदारों के लिए यह बुरी खबर है कि नपा की प्लानिंग के मुताबिक पूरा काम्प्लेक्स तैयार होने के बाद ही उन्हें दुकानें आवंटित होगी। इसके लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
अब 17 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी
अधूरे पड़े गंज मंडी काम्प्लेक्स को पूरा करने और काम्प्लेक्स के द्वितीय फेस को शुरू करने के लिए नगरपालिका ने नई डीपीआर तैयार की है। करीब 17 करोड़ 13 लाख 42 हजार रुपए की डीपीआर को मंजूरी के लि 11 दिसंबर को परिषद की बैठक में रखा जाएगा। नगरपालिका के मुताबिक पुराने काम्प्लेक्स और नए निर्माण को एक प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। अब नए सिरे से पूरा काम्प्लेक्स का निर्माण होगा। इस नए प्रोजेक्ट में विस्थापित दुकानदारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इधर, विस्थापित दुकानदार प्रोजेक्ट के पुन: शुरू होने से उत्साहित तो हैं, लेकिन उनका कहना है कि पहले की तरह पुन: प्रोजेक्ट में कोई अडंगा न आ जाए, क्योंकि छह साल का लंबा इंतजार करने के बाद भी अभी तक हमें दुकानें नहीं मिली है।
गंज मल्टी काम्प्लेक्स छह साल से अधूरा पड़ा
दस करोड़ की लागत से गंज में बनने वाला मल्टी काम्प्लेक्स का निर्माण विगत छह सालों से अधूरा पड़ा है। जिसके कारण काम्प्लेक्स की लागत भी बढ़कर दोगुनी हो गई है। बताया गया कि गंज काम्प्लेक्स की ड्राइंग डिजाइन में बार-बार फेरबदल किए जाने के कारण काम्प्लेक्स का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो सका है। शुरूआत में काम्प्लेक्स में दुकानों के साइज और संख्या को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। जिसके कारण काम्प्लेक्स का निर्माण बीच में रोकना पड़ा था। तब से अब तक काम्लेक्स का काम अटका पड़ा है।
दस करोड़ की लागत से बनना था काम्प्लेक्स
गंज मंडी काम्प्लेक्स का निर्माण दस करोड़ की लागत से किया जाना था। जिसमें तीन सौ के लगभग दुकानें अलग-अलग साइजों की बनाई जाना थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों और विस्थापित दुकानदारों के बार-बार हस्ताक्षेप की वजह से काम्प्लेक्स का निर्माण पूरा नहीं हो सका। बीच में सामंजस्य स्थापित कर काम्प्लेक्स का निर्माण शुरू किया गया और इसे तीन मंजिला तक बनाया गया, लेकिन काम्प्लेक्स निर्माण के सेकंड फेस को लेकर विवाद सामने आने के बाद जो काम चल रहा था वह भी बंद हो गया।
विस्थापित दुकानदारों से जमा करा ली राशि
नगरपालिका ने काम्प्लेक्स में अधूरी बनी दुकानों का लॉटरी के माध्यम से आवंटन कर दिया। प्रत्येक दुकानदारों से 1 लाख 9 हजार 200 रुपए प्रथम किस्त के रूप में जमा कराए गए। करीब 70 दुकानदारों से राशि जमा करा ली गई। राशि चार किस्तों में जमा की जाना थी। जिसके बाद दुकानें आवंटित होना थी, लेकिन पहली किश्त जमा करने के बाद भी नगरपालिका ने दुकानों का कोई काम नहीं कराया। जिसके कारण दुकानदारों की राशि भी अटक गई है। दुकानदारों का कहना था कि वे पूरी राशि जमा करने के लिए तैयार हैं लेकिन नगपालिका उन्हें दुकानें बनाकर नहीं दे रही हैं।
दुकानों के लिए कई बार कर चुके प्रदर्शन
नगरपालिका द्वारा राशि जमा कराए जाने के बाद भी विस्थापित दुकानदारों को आज तक दुकानों का आवंटन नहीं किया गया है। जिसे लेकर कई बार विस्थापित दुकानदार जनसुनवाई में फरियाद लगा चुके हैं। सीएम हेल्पलाइन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को अपनी समस्या से अवगत करा, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। ऐसे में विस्थापित दुकानदार खासे परेशान है। बताया गया कि सर्वे में कुल 121 विस्थापित दुकानदारों को निर्माण लागत पर काम्प्लेक्स में दुकानों को आवंटन किया जाना हैं, लेकिन इनमें से महज 70 दुकानदारों ने ही दुकानों के लिए राशि जमा कराई थी, जबकि शेष दुकानदार बड़ी दुकानें चाहते हैं इसलिए उन्होंने राशि जमा करने से इंकार कर दिया था।
इनका कहना
– गंज मंडी काम्प्लेक्स के शेष बचे कार्य को पूर्ण करने और काम्प्लेक्स के नए फेस का काम शुरू करने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस एक प्रोजेक्ट में ही काम्प्लेक्स का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए 17 करोड़ 13 लाख की डीपीआर तैयार की गई है। जिसे स्वीकृति के लिए परिषद की बैठक में रखा जाना है। विस्थापित दुकानदारों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
सतीश मटसेनिया, सीएमओ नगरपालिका बैतूल।