Betul News: रंजीत, प्रकाश को हाईकोर्ट से फिर राहत नहीं, संपत्ति कुर्की की होगी कार्रवाई
Betul News: No relief to Ranjit, Prakash from High Court, action will be taken to attach property

जेल में बन्द दीपक शिवहरे और फरार शमीम नाजिया को हाइकोर्ट से जमानत
Betul News: बैतूल/सारनी। सारनी के चर्चित रविन्द्र देशमुख आत्महत्या मामले में फरार चल रहे भाजपा से निष्काषित और विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह एवं पूर्व मंडल महामंत्री प्रकाश शिवहरे, करण सूर्यवंशी को राहत नहीं मिली है। मंगलवार को तीनों की तरफ से हाईकोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो गई है। हालांकि फरार चल रही नाजिया बानो को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है। इस तरह पुलिस अब फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए न्यायालय पहुंचने वाली है।
गत 7 अक्टूबर को भाजपा नेता रविन्द्र देशमुख ने गोली मारकर हत्या कर ली थी। उनके सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने 10 आरोपियों प्रमोद गुप्ता, दीपक शिवहरे, अभिषेक साहू, भोला सिंह, शमीम रजा, नसीम रजा, रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, नाजिया बानो और करण सूर्यवंशी पर मामला कायम किया था। पुलिस ने इनमें से 6 आरोपियों को पहले ही पकड़ लिया, लेकिन चार आरोपी रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, नाजिया बानो और करण सूर्यवंशी फरार चल रहे थे। फरार आरोपियों पर पुलिस ने पहले 5 फिर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। उधर, चारों फरार आरोपियों ने दूसरी मर्तबा मंगलवार को उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था। उच्च न्यायालय ने तीनों आरोपियों में से रंजीत और प्रकाश शिवहरे की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है, लेकिन महिला होने के नाते नाजिया बानो को अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया है। एक अन्य आरोपी प्रमोद गुप्ता ने अपनी ओर से अग्रिम जमानत की याचिका नहीं लगाई थी।
पुलिस अब आरोपियों की संपत्ति कुर्की के लिए पेश करेगी आवेदन
सारनी टीआई देवकरण डहेरिया ने बताया कि उच्च न्यायालय का आदेश मिल गया है। जिन आरोपियों की जमानत निरस्त हुई है, उनकी संपत्ति कुर्क करने के लिए जिला न्यायालय में आवेदन लगाया जाएगा। चूंकि अदालत में 4 दिसंबर तक फरार चल रहे चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए थे। अब 1 को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है, लेकिन फरार तीन आरोपियों रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे और करण सूर्यवंशी ने आत्मसमर्पण नहीं किया है। पुलिस अब आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए न्यायालय में आवेदन देगी। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है।