Betul CMHO Office : स्टॉक में पर्याप्त दवा होने के बावजूद अस्पतालों में टोटा
Betul CMHO Office: Despite having sufficient

नए को जिम्मेदारी देने से सीएमएचओ कार्यालय में बिगड़ रहे हालात
Betul CMHO Office : बैतूल। क्षेत्रीय विधायकों की नाराजगी के बाद स्वास्थ्य विभाग में अटैच किए गए कई कर्मचारियों की उनकी मूल पदस्थापना पर भेज दिया गया है। इसके बाद विभाग में स्थिति बिगड़ते जा रही है। सीएमएचओ कार्यालय के अधीन आने वाले दवाइयों के स्टोर प्रभारी भी भैंसदेही से बैतूल आए है। उन्हें काम का उतना अनुभव नहीं है। लिहाजा सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाइयों के पर्याप्त स्टॉक ना होने से व्यवस्थाएं बिगड़ रही है।
सूत्र बताते है कि कई सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त दवाएं नहीं होने से मरीज परेशान हो रह है, लेकिन स्टॉक प्रभारी का दावा है कि कहीं भी ऐसी स्थिति नहीं है। बताया जाता है कि जिले के कई सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इस समय मौसमी बीमारियां पाव पसार रही है। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीजों की दस्तक होने के बाद उन्हें नाममात्र की दवाएं मिल रही है। कई मरीजों की शिकायत है कि उन्हें जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पर्याप्त दवाएं नहीं मिल रही है। मजबूरी में प्राइवेट या जिला अस्पताल आकर इलाज कराना पड़ रहा है। यह समस्या पिछले एक पखवाड़े से लगातार बनी हुई है।
डिमांड पर स्टॉक देने का दावा झूठा
इधर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कह रहे है कि संबंधित अस्पतालों से स्टॉक के अनुसार डिमांड की जाती है। डिमांड के आधार पर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाएं भेजी जा रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि भेजी गई दवाओं की इंट्री भी हो रही है। कई प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाओं का टोटा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का दावा झूठा होते जा रहा है। सवाल यह उठ रहे है कि यहां से भेजी गई दवाएं स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं पहुंच रही तो जा कहां रही? स्टोर प्रभारी भी नया आने के कारण व्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे। इसी वजह से जिले के कई प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में बढ़ रहे मरीज
भले ही स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाइयों पर्याप्त मात्रा में मौजूद है, लेकिन इन स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों की दूरी इस बात का सबूत है कि कहीं ना कहीं कमी होने के कारण ही अपने जेब से पैसा खर्च कर जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंच रहे है। यदि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध होती तो जिला अस्पताल में अंचल के मरीज पहुंचते ही नहीं। यही प्रत्यक्ष प्रमाण विभाग की लापरवाही की पोल खोलने के लिए काफी कहे जा सकते हैं।
इनका कहना…
दवाइयों को डिमांड के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में भेजा जाता है। सबका स्टॉक मौजूद है। मरीज दवाई ना मिलने की बात को लेकर झूठ भी बोल सकते है। इसके बावजूद यदि कहीं शिकायत आती है तो स्टॉक जांच कर दवाइयां भिजवाएंगे।
डॉ. रविकांत उइके, सीएमएचओ बैतूल