Betul News: रेत रायल्टी, बिजली ट्रांसफार्मर की अव्यवस्था पर बिफरे प्रभारी मंत्री
Betul News: Minister in charge upset over sand royalty, power transformer disorganization

अधिकारियों को तालमेल स्थापित कर काम करने की हिदायत, जनप्रतिनिधियों को तवज्जों देने के भी निर्देश
Betul News: बैतूल। प्रभारी मंत्री बनने के बाद दूसरी बार बैतूल पहुंचे नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों की लगभग 2 घंटे मैराथन बैठक ली। इस दौरान प्रभारी मंत्री का सबसे अधिक फोकस रेत रायल्टी की राशि अधिक काटने पर रहा। उन्होंने शिकायत के बाद खनिज और जिला परिवहन विभाग के अधिकारियों को कहा कि तालमेल स्थापित कर डंपर की क्षमता के अनुसार रायल्टी ली जाए। इसके अलावा प्रभारी मंत्री ने रबी की फसल के दौरान बिजली समस्या सामने आने पर बिजली विभाग के अधिकारियों को दो टूक शब्दों में ट्रांसफार्मर बदलने की हिदायत दे डाली। बैठक में प्रभारी मंत्री ने मंडी की व्यवस्थाओं पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए किसानों को होने वाली परेशानियों से अधिकारियों को निजात दिलाने के लिए कहा है।
बैठक में प्रभारी मंत्री ने शुरू में सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। कुछ विभागों से उनके एजेंडे पर भी चर्चा की। बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री के संज्ञान में रेत रायल्टी की अधिक राशि वसूलने का मामला सामने आया। इस पर उन्होंने परिवहन और खनिज विभाग के अधिकारियों को तलब करते हुए जानकारी ली। इसके बाद दोनों ही विभाग प्रमुखों को कहा कि तालमेल स्थापित कर डंपर की क्षमता के अनुसार रायल्टी की राशि ली जाए। चूंकि दोनों विभाग राज्य शासन के हैं, ऐसे में रायल्टी के पेंच के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। मंत्री पटेल ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि 15 क्यूबिक मीटर से अधिक रेत किसी भी डंपर चालक को न दी जाए और इससे अधिक की रायल्टी भी नहीं कटेगी। घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा बाई समेत कुछ जनप्रतिनिधियों ने बैठक में बिजली कंपनी द्वारा रबी के सीजन में कनेक्शन काटने और ट्रांसफार्मर नहीं बदलने की समस्या से अवगत कराया।
इस पर प्रभारी मंत्री ने तत्काल विद्युत कंपनी के अधिकारियों को तलब कर कहा कि रबी के सीजन में किसी भी किसान को परेशानी न हो। जहां पर ट्रांसफार्मर बदलने की जरूरत है वहां पर बदलकर उसकी रिपोर्ट दे। प्रभारी मंत्री ने हिदायत दी कि ट्रांसफार्मर न बदलने की शिकायत रबी के सीजन के दौरान न मिले। बैठक में विधायक हेमंत खंडेलवाल, डॉ योगेश पंडाग्रे,चंद्रशेखर देशमुख, महेंद्र सिंह चौहान, गंगा बाई उइके, जिपं अध्यक्ष राजा पवार, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, जिपं सीईओ अक्षत जैन, एसपी निश्चल एन झारिया समेत जिले के जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
कृषि मंडी की अव्यवस्था और खाद का मुद्दा भी उठा
बैठक में जिला पंचायत के तेज तर्रार अध्यक्ष राजा पवार ने कृषि मंडी में हो रही अव्यवस्था का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रभारी मंत्री को बताया कि कृषि मंडी में बहुत घटिया काम चल रहा है। किसानों को पांच दिनों तक उपज बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कई बार व्यवस्था बनाने के बाद टूट रही है। प्रभारी मंत्री पटेल ने इस गंभीर मामले में कलेक्टर को शीघ्र व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। इसी के बाद जनप्रतिनिधियों ने कई ब्लाकों में कृषि विभाग की लापरवाही से खाद की कालाबाजारी का मुद्दा उठाया। दाम अधिक होने से किसानों की जेब हल्की हो रही है। प्रभारी मंत्री ने तत्काल कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर सोसायटी में खाद के दामों की लिस्ट चस्पा की जाए, ताकि किसानों से इससे अधिक की राशि न वसूल सके।
इन मुद्दों पर भी चर्चा
सूत्र बताते हैं कि अधिकांश विभागों की समीक्षा कर प्रभारी मंत्री ने व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए। बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा के दौरान मामला सामने आया कि कई बैंक शासन की योजनाओं के दस हजार रुपए तक ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चर्चा के दौरान तर्क सामने आया कि बंैंक दस हजार के ऋण पर भी गारंटी देने वालों की मांग करते हैं। इस पर प्रभारी मंत्री ने खुद कहा कि वे और विधायगण खुद गारंटी लेंगे। विधायकोंं ने भी कहा कि हितग्राही समय पर ऋण न चुकाए तो राहत दी जाएगी। कुछ विधायकों ने कहा कि यह राशि हमसे वसूल की जाए, ताकि शासन का दिया लक्ष्य भी पूरा हो सके।
जनपद अध्यक्ष बिफरे, बोले- अधिकारी बैठकों में नहीं आ रहे
प्रभारी मंत्री की बैठक में जिले के सभी जनपद अध्यक्ष मौजूद थे। कई जनपद अध्यक्षों ने प्रभारी मंत्री को बताया कि ब्लाक स्तर पर होने वाली बैठकों में अधिकारी गायब रहते हैं। कई विभागों के अधिकारियों के न आने से संबंधित समस्याओं के निराकरण में काफी देरी हो रही है। इस गंभीर मुद्दें पर प्रभारी मंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते जिला पंचायत सीईओ से अधिकारियों को सख्त निर्देश देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य मेंं जनपद अध्यक्षों की बैठक में अधिकारी शामिल नहीं होते हैं तो जिला पंचायत सीईओ को जानकारी दें। संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी मंत्री के ठोस आश्वासन के बाद बैठक से निकलकर जनपद अध्यक्षों के चेहरे की मुस्कान लौट आई।