Betul news: ना धाकड़ ना घोरे, राजधानी से होगी नए सिविल सर्जन की आमद!

Betul news: Neither strong nor white, there will be influx of new civil surgeons from the capital!

30 नवम्बर को सेवानिवृत्त होंगे सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, नई पदस्थाना के लिए शासन के पाले में गेंद

Betul news: बैतूल। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अगला सीएस कौन होगा इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वजह यह है कि पिछले लंबे समय से सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ डॉ अशोक बारंगा अस्पताल के जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वे 30 नबम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इसके बाद यह पद भी खाली हो जाएगा।

हालांकि जिला अस्पताल में अगले सीएस के लिए डॉ प्रदीप धाकड़ और डॉ जगदीश घोरे का नाम सामने आ रहा है। दोनों ही डॉक्टर अपने अपने स्तर पर प्रयासरत भी हैं, लेकिन कहानी कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है।

विभागीय सूत्रों ने बताया कि सीएस के पद के लिए लॉबिंग जरूर की जा रही है, लेकिन पिछले पांच दिनों में काफी कुछ हवा बदल चुकी है। सूत्र बता रहे हैं कि ना धाकड़ और ना घोरे सीएस के लिए अब सीधे राजधानी भोपाल से ही किसी डॉक्टर की आमद होने की संभावनाएं ज्यादा नजर आ रही हैं, क्योंकि एक डॉक्टर का जहां तगड़ा विरोध है तो वहीं दूसरे डॉक्टर की बेअसर कार्यप्रणाली के चलते उन्हें भी यह जिम्मेदारी मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय शासन को ही लेना है।

स्थानीय स्टॉफ में डॉ धाकड़ का पुरजोर विरोध

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हमेशा विवादों में रहे डॉ प्रदीप धाकड़ सीएस के पद के लिए पात्रता तो रखते हैं ,लेकिन उनकी विवादित कार्यप्रणाली और कर्मचारियों से किया जाने वाला व्यवहार उनके आगे बढ़ने का रास्ता रोक रहा है। सूत्र बताते हैं कि डॉ धाकड़ को सीएस का पद दिए जाने के विरोध में कर्मचारियों द्वारा शासन को लिखित स्पष्टीकरण भी भेजा जा चुका है।

नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में डॉ धाकड़ अस्पताल में सीएस के पद पर रह चुके हैं। अस्पताल के सीनियर अधिकारियों समेत कर्मचारी इस कटु अनुभव से गुजर चुके हैं। ऐसी घटनाएं भी सामने आई, जिससे समस्त अस्पताल स्टॉफ को शर्मिंदगी तक झेलनी पड़ी। यही वजह की डॉ धाकड़ का विरोध भी खुलकर सामने आ रहा है।

डॉ घोरे दुरुस्त, लेकिन बेअसर कार्यप्रणाली आ रही आड़े

जिला अस्पताल में सीएस के पद के लिए शांत और सौम्य व्यक्तित्व के धनी डॉ जगदीश घोरे भी सीएस के पद की लाइन में दूसरे नम्बर पर हैं। सूत्र बताते हैं कि घोरे के नाम पर अस्पताल स्टाफ को भी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारी भरकम लाव लश्कर वाले जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं संभालने में डॉ घोरे अपना उत्कृष्ट योगदान दे पाएंगे, इसकी संभावनाएं काफी कम नजर आ रही हैं।

पूर्व में भी सीएस के अवकाश आदि अवसर पर डॉ घोरे प्रभारी रहते हुए अस्पताल में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, लेकिन तमाम समस्याओं के बीच सीएस के पद का जिस तरह निर्वहन होना चाहिए, उसमें डॉ घोरे की अपरिपक्वता खास तौर से नजर आई है। इन सभी कारणों के चलते डॉ घोरे को पात्रता होने के बावजूद सीएस के पद से नवाजा जाएगा, इसकी संभावना भी कम ही नजर आ रही है।

भोपाल के हमीदिया से हो सकती है आमद

जिला अस्पताल में सीएस के पद को लेकर मची खींचतान की गूंज राजधानी भोपाल तक पहुंच चुकी है। सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में शासन-प्रशासन के उच्च पदस्थ जनप्रतिनिधि और अधिकारी फीडबैक भी ले रहे हैं और स्थानीय स्तर पर जिस तरह का फीडबैक राजधानी जा रहा है, इससे प्रबल संभावनाएं बन रही हैं कि शासन स्तर पर भोपाल के हमीदिया अस्पताल में पदस्थ किसी पात्र और सीनियर डॉक्टर को जिला अस्पताल सीएस की जिम्मेदारी देकर बैतूल भेजा जा सकता है।

हालांकि अब गेंद शासन के पाले में पहुंच चुकी है। देखना है कि जिला अस्पताल में सीएस पद के लिए आखिर किसकी लॉटरी खुलती है। वैसे कहा जा रहा है कि जिले के जनप्रतिनिधि भी किसी नए डाक्टर को ही यह जवाबदारी सौंपने के लिए प्रयासरत है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

Related Articles

Back to top button