Betul Samachar: आरोपी भाजपा नेताओं रंजीत- प्रकाश पर कसा और शिकंजा
Betul Samachar: Tightening the noose on accused BJP leaders Ranjit-Prakash

वाणिज्यकर और इंकम टैक्स के आंकड़े भी जुटा रही पुलिस, दो वर्ष पहले भी मिल चुका है वाणिज्यकर से नोटिस
Betul Samachar: बैतूल। सारणी के चर्चित और ऊर्जावान नेता रविंद्र देशमुख आत्महत्या कांड में आरोपी बनाए गए पार्टी के ही मास्टर माइंड और पूर्व विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह पर शिकंजा कसता जा रहा है। मामले के दूसरे आरोपी पूर्व मंडल महामंत्री प्रकाश शिवहरे के भी पूरे रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। इस बीच जानकारी सामने आई है कि बैतूल वृत के सहायक आयुक्त राज्य कर ने सारणी नपा सीएमओ को पत्र लिखकर मेसर्स रंजीत सिंह के पेन नंबर के आधार पर पांच वर्षों से की जा रही निविदा कार्य और भुगतान की संपूर्ण जानकारी करीब डेढ़ वर्ष पूर्व मांगी गई थी। इस आधार पर भी जांच को आगे बढ़ाने की खबर सामने आ रही है। सूत्र बताते हैं कि यदि इस संबंध में गड़बड़ी मिलने पर दोबारा नोटिस भेजा जा सकता है।
किसी समय रंजीत सिंह की भाजपा की सारणी राजनीति में तूती बोला करती थी, लेकिन समय का फेर ऐसा हुआ कि अपनी ही पार्टी के जुझारू और सक्रिय मंडल उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह को प्रताड़ित करना और उनके द्वारा आत्महत्या जैसा कदम उठाना उनके लिए महंगा पड़ गया है। मामले में मुख्य मास्टर माइंड माने जा रहे रंजीत सिंह अपने राजनीति रसूख का उपयोग कर मामला बनाए जाने के बाद पत्रकारिता को भी बदनाम करने से पीछे नहीं हटे।
दरअसल विधायक प्रतिनिधि होने के साथ वे एक पत्रकार संगठन के जिला अध्यक्ष भी है, इसलिए भाजपा नेता की आत्महत्या के मामले में सुसाइड नोट में नाम आने की संभावना को देखते हुए भोपाल की दौड़ लगा ली और राजनीति के साथ पत्रकारिता को आड़े लाकर अपने आप को बचाने के तमाम हथकंडे अपनाएं, लेकिन एक ऊर्जावान कार्यकर्ता को खोने से स्थानीय विधायक ही नहीं बल्कि जिला संगठन भी रंजीत सिंह की कार्यप्रणाली से नाराज हो गए और उन्हें विधायक प्रतिनिधि पद से हटा दिया गया। अब पार्टी उन पर किसी भी समय निलंबन की गाज गिरा सकती है।
वाणिज्यकर विभाग पूर्व में भेज चुका है नोटिस
भाजपा नेता रंजीत सिंह सारणी नपा में बड़े पैमाने पर टेंडर लेकर अपना रसूख देखाते आए हैं। चूंकि उन पर अपनी ही पार्टी के भाजपा नेता के आत्महत्या के मामले में मामला दर्ज हुआ है, इसलिए उन पर शिकंजा कसता जा रहा है। वर्तमान में पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए तीन हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया है। अब तक उनका सुराग नहीं लगा है। इस बीच सहायक आयुक्त वाणिज्यकर बैतूल ने सारणी नपा को करीब डेढ़ वर्ष पहले मेसर्स रंजीत सिंह की निविदा कार्यों और किए गए भुगतान की जानकारी मांगी गई थी। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने इस बारे में भी दोबारा वाणिज्यकर विभाग से इस संबंध में जानकारी मांगी है। यदि वाणिज्यकर का भुगतान न किए जाने का मामला सामने आता है तो इसमें भी भगोड़े नेता रंजीत सिंह पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
जांच में बड़े खुलासे की संभावना, पुलिस की तैयारी पूरी
इधर अपुष्ट लेकिन जानकार सूत्रों ने बताया कि पुलिस भाजपा नेता आत्महत्या मामले में जिस तरह की जांच कर रही है, यह न केवल भगोड़े भाजपा नेता रंजीत सिंह और प्रकाश शिवहरे की बल्कि अन्य फरार 6 आरोपियों की भी परेशानी बढ़ा सकती है।
सूत्र बताते हैं कि बैंक से रंजीत सिंह,प्रकाश शिवहरे सहित अन्य आरोपियों की डिटेल निकाली जा चुकी है। संपत्ति की जांच सोमवार तक पुलिस के पास पहुंच जाएगी। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि पुलिस जांच में बड़े पैमाने पर बैंक में नकद राशि समेत चल-अचल संपत्तियों का खुलासा हो सकता है। चूंकि मामले में एसपी स्वयं मामले को लीड कर रहे हैं, इसलिए चल-अचल संपत्ति, आय के स्त्रोत, वाणिज्य और इंकम टैक्स रिटर्न की जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसी वजह सूत्र बताते हैं कि आर्थिक लेनदेने के इस मामले में पुलिस भगोड़े भाजपा नेता रंजीत सिंह और प्रकाश शिवहरे पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
इनका कहना….
अभी मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल आर्थिक लेनदेन के आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
निश्चल एन झारिया, एसपी बैतूल