Betul Ki Khabar: बड़ा सवाल: 20 वर्षों बालिका छात्रावास में कैसे काम कर रहा था रसोइया?
Betul Ki Khabar: Big question: How was the cook working in the girls hostel for 20 years?

जनजातीय कार्य विभाग के स्थानीय अधिकारी भी कटघरे में
Betul Ki Khabar: बैतूल। भैंसदेही ब्लॉक के ग्राम थपोड़ा में आदिवासी कन्या छत्रावास में कैमरा कांड बाहर आने के बाद अब स्थानीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली और कर्यव्य निष्ठा सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है किं पुरुष कर्मचारी जो छत्रावास में रसोइया के काम सहित चौकीदारी भी कर रहा था, वह पिछले 20 वर्षों से यहां काम कर रहा था। जबकि नियम अनुसार कन्या छात्रावास में छात्राओं और महिला अधीक्षिका के अलावा पुरुषों का गेट के अंदर जाना प्रतिबंधित है। बिना अनुमति के छात्राओं के पालक तो दूर कोई भी पुरुष छात्रावास में प्रवेश नहीं कर सकता, लेकिन बावजूद इसके पुरूष कर्मचारी यहां काम करता रहा और स्थानीय अधिकारी चुपचाप देखते रहे।
नियमों की उड़ती रही धज्जियां
मामले को लेकर जब भैंसदेही बीईओ से सवाल किया गया तो चौकाने वाला जवाब सुनने को मिला। बीईओ ने खुद स्वीकार किया कि उक्त पुरूष चौकीदार पिछले 20 वर्ष से छात्रावास में काम कर रहा था। वो भी बिना किसी विभागीय अनुमति और आदेश के। एक बार इस पर नियमों का हवाला देते आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन तत्कालीन अधीक्षिका ने काम प्रभावित होने का हवाला क्या दिया, पुरूष कर्मचारी को लेकर कार्यवाही बीच मे ही रोक दी गई। बावजूद इसके छात्रावास में महिला रसोइया को नहीं रखा गया। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि पुरूष कर्मचारी सिर्फ चौकीदारी के लिए ही रखा गया था। इसका खुलासा खुद छात्राओं ने किया कि पुरुष रसोइया खाना बनाने का काम भी कर रहा था यानी कि कर्मचारी को नियम विरुद्ध तरीके से पूरे छात्रावास में घूमने कि अनुमती दे दी थी। इसका परिणाम यह निकला कि छात्राओं को अपनी सुरक्षा को लेकर खुद सामने आना पड़ा।
इनका कहना…..
पुरुष कर्मचारी की उपस्थिति को लेकर आपत्ति ली थी, लेकिन काम प्रभावित होने की वजह से अधीक्षिका द्वारा उसे नहीं हटाया गया था। ब्लाक के अन्य छात्रावासों के निरीक्षण कर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
जीसी सिंह, बीईओ भैंसदेही