Betul Samachar: डिब्बे में हाथ डालते ही केचुए ने महिला को काटा, हालात गंभीर
Betul News: Earthworm bites woman as soon as she puts her hand in the box, condition critical

विशेषज्ञ बोले- केचुए के काटने के बाद भी नहीं होता बड़ा नुकसान, डाक्टर भी हैरान
Betul Samachar: बैतूल। बारिश की वजह से बिलों में छिपे जहरीले सांपों द्वारा आम इंसानों को अपना शिकार बनाने की घटनाएं तो बहुतायत सुर्खियां बनी हुई हैं, लेकिन जिला अस्पताल में सांप के काटे जाने की एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे देख और सुनकर परिजनों के अलावा अस्पताल के डॉक्टर भी हैरान हैं। दरअसल एक महिला को केंचुए ने डस लिया और इस महिला को गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। आमतौर पर कभी ऐसा देखा और सुना नहीं गया कि किसी केंचुए ने किसी आम इंसान को डस लिया हो। परिजन ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराये जाने के साथ साथ उस केंचुए को भी पकड़कर अस्पताल ले आये जो हूबहू केंचुए की ही तरह दिख रहा है, लेकिन ये समझ से बाहर है कि आखिर यह केंचुआ है किस प्रजाति का जो इंसानों को डस भी सकता है।
सांप के काटते ही महिला गम्भीर
दरअसल निपानेर गांव की रहने वाली महिला प्रेरणा बावने अपने ही घर मे एक प्लास्टिक की कुप्पी साफ कर रही थी। इसी कुप्पी में यह केंचुआ भी छिप कर बैठा हुआ था। जैसे ही महिला ने कुप्पी में अंदर हाथ डाला महिला के दाहिने हाथ की अंगुली में उसे किसी जीव के काटे जाने का अहसास हुआ। जब कुप्पी में देखा गया तो अंदर केंचुआ घूम रहा था। थोड़ी ही देर बाद जब महिला की हालत गम्भीर होने लगी तो परिजन महिला के साथ साथ केंचुए को भी अपने साथ अस्पताल ले आए। हालांकि महिला की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।,लेकिन केंचुए के काटने की घटना को लेकर परिजनों समेत स्वयं डॉक्टर भी हैरत में हैं। वही परिजनों का कहना है कि यह केंचुआ नहीं बल्कि सांप ही है पर किस प्रजाति का है उन्हें भी नहीं पता। इसके पूर्व भी इसी परिवार के एक यूवक को भी इसी प्रकार का एक सांप पहले भी काट चुका है, लेकिन इलाज के बाद उसकी जान बच गई
विशेषज्ञों की यह राय
पूरे मामले को लेकर सतपुड़ा बायो डायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष आदिल खान ने पर्दा उठाते हुए बताया कि केंचुओं में अनेक प्रकार की प्रजाति होती है। जिस केंचुए की बात की जा रही है। फोटो में इसके सिर का हिस्सा थोड़ा बड़ा नजर आ रहा है। शरीर के हिस्से में लाइनिंग भी दिखाई दे रही है। यह केंचुआ हैमर हेड प्रजाति का होता है जो काटता भी है, लेकिन यह केंचुआ जहरीला नहीं होता इसके काटने से संबंधित को थोड़ी घबराहट और जिस जगह पर काटा गया है, उस जगह पर जलन जरूर होती है। आमतौर पर इसी बात से लोग ज्यादा घबरा जाते हैं, लेकिन इसका काटना जान लेवा नहीं होता।
हैमरहेड को यह नाम उसके हैमर जैसे मुंह की वजह से मिला है। हैमर को हिंदी में हथोड़ा कहते हैं और इसका मुंह बिल्कुल हथौड़े जैसा है। कहते हैं कि इस जीव के शिकार करने के तरीके को आप सुनेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। दरअसल यह जीव ज्यादातर केंचुओं का शिकार करता है। जब भी यह किसी केंचुए का शिकार करने जाता है तो सबसे पहले यह अपने अंदर से एक चिपचिपा पदार्थ निकाल कर अपने शिकार पर छिड़क देता है। इस चिपचिपे पदार्थ में टेट्रोडॉटोक्सिन केमिकल होता है, जब शिकार के ऊपर यह पड़ता है तो यह पदार्थ उसके शरीर को गला कर एकदम पिलपिला कर देता है। जैसे ही शिकार इस अवस्था में पहुंचता है वैसे ही यह हैमरहेड उसे पूरी तरह से चूस कर अपनी भूख मिटा लेता है।
केंचुओं के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा
आदिल बताते हैं कि हैमरहेड केंचुओं के शिकार पर ही जिंदा रहता है । यह जीव इतनी तेजी से केंचुओं का शिकार कर रहा है कि अब जहां भी यह पाया जा रहा है वहां धीरे-धीरे केंचुओं के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. जाहिर सी बात है केंचुआ पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, क्योंकि यह जमीन को बेहद उपजाऊ बनाते हैं । वहीं यह हैमरहेड केंचुओं के लिए काल तो है ही इसके साथ-साथ यह पेड़ पौधों का भी दुश्मन है।