Betul Samachar: Video: चट्टान पर आराम फरमाती रही एसडीआरएफ, ग्रामीणों ने किया रेस्क्यू
Betul News: SDRF kept resting on the rock, villagers rescued them

दो दिन बाद अपने दम पर बाहर निकाली नदी में गिरी टवेरा, चालक की तलाश अभी भी अधूरी
Betul Samachar: बैतूल। जिले के भीमपुर ब्लॉक में रहने वाले कुछ ग्रामीणों ने एक घटना में अपनी काबलियत स्टेट डिजास्टर फोर्स के सामने साबित कर दी। पिछले एक सप्ताह से नदी में गिरे टवेरा वाहन को जब फोर्स के जवान नहीं ढूंढ पाए तो ग्रामीणों ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अपने हाथों में ले लिया और नदी में गिरे टवेरा वाहन को ढूंढ निकाला। वहीं चालक को अब ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है।
दरअसल भीमपुर ब्लॉक के ग्राम मोहटा के पास पिछले रविवार खंडू नदी में टवेरा समेत चालक के बह जाने की घटना सामने आई थी। सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंच कर तलाशी अभियान शुरू किया लेकिन गुरुवार तक टीम ना ही वाहन ढूंढ पाई और ना ही चालक का शव। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शुक्रवार ग्रामीणों ने ऑपरेशन अपने हाथों में ले लिया और एसडीआरएफ की टीम पत्थर की चट्टान पर बैठी आराम फरमाती रही।
बताया जा रहा है कि कुछ ही घण्टो के अथक प्रयास के बाद ग्रामीणों ने टवेरा वाहन की खोज कर ली, लेकिन लापता युवक का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जानकारी मिली है कि ग्राम दामजीपुरा निवासी अनिल मावस्कर (42) रविवार की रात टिटवी से अपने गांव दामजीपुरा लौट रहा था। जब वह अपने घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की थी। मंगलवार को पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करा दी गई थी।
बताया जा रहा है कि एसडीआरएफ की टीम मौके पर तो पहुंची लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। जबकि टीम का हर मेम्बर इस तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पूर्ण रूप से प्रशिक्षित होता है। लिहाजा गुमशुदा और वाहन की बरामदगी को लेकर खुद ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला और नदी में गोते लगाकर गहरे पानी में फंसी टवेरा को ढूंढ निकाला। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने गहरे पानी मे ही रहकर रस्सी बांधकर वाहन को खींचकर नदी से निकालने का प्रयास किया लेकिन चट्टानों के बीच फंस जाने से शुक्रवार शाम तक टवेरा को बाहर नहीं निकाला जा सका था।इधर पीड़ित परिजनों का कहना है की पूरा एक सप्ताह होने को आया है, लेकिन अनिल का कहीं पता नहीं चल पाया है।
साजो सामान से सुसज्जित टीम उसके बाद भी फेल
जिस तरह से एसडीआरएफ की टीम की मौजूदगी के बावजूद ग्रामीणों ने उफनती नदी के गहरे पानी मे पहुंचकर टवेरा वाहन को तलाश किया था। उसके बाद टीम मैनेजमेंट पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बाढ़ आपदा की ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए ही टीम मेम्बरों को पूर्ण रूप से प्रशिक्षित किया गया है। कहीं से भी सूचना मिलने के बाद टीम को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। घटना स्थल पर किसी प्रकार की कोई समस्या निर्मित ना हो इसके लिए टीम के पास सर्च लाइट सहित बहते पानी मे चलने वाली नौकाओं सहित तमाम संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन इस मामले में टीम पूरी तरह फेल साबित नजर आई है।
बताया जा रहा है कि, ग्रामीणों ने सिर्फ गोते लगाकर ही टवेरा वाहन को खोज निकाला बल्कि गहरे पानी मे फंसी टवेरा में रस्सी बांधकर उसे बाहर तक खींच लिया। जबकि एसडीआरएफ की टीम में भी प्रशिक्षित गोताखोर मौजूद हैं। आखिर अपने फर्ज को अंजाम देने की कोशिश क्यों नहीं कि गई। फोटो विडिओ में स्पष्ट नजर आ रहा है कि टीम मेम्बर चट्टान पर बैठकर तमाशा देखते रहे और ग्रामीण पानी और पत्थरों के बीच फंसे वाहन को बाहर खींचने के लिए कड़ी मशक्कत करते रहे।