Betul News: चातुर्मास के बाद मुलताई में दिखेगी धर्म की बयार!
Betul News: After Chaturmas, the wind of religion will be seen in Multai!

ताप्ती ट्रस्ट को मिल सकती है 500 एकड़ जमीन, पुरी के शंकराचार्य समेत मोहन भागवत के भी भव्य कार्यक्रम में आने की संभावना
Betul News: बैतूल। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो 11 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच मां ताप्ती के उद्गम स्थल मुलताई में जिले के इतिहास में धर्म की सबसे बड़ी बयार बहेगी। चातुर्मास खत्म होने के बाद कार्यक्रम की तिथि तय हो जाएगी। धर्म की इस बयार में ताप्ती ट्रस्ट को करीब 500 एकड़ जमीन मिलने के साथ ही दिग्गजों के बीच बड़ी सौगात मिल सकती है। इस कार्यक्रम को संघ का धार्मिक रूचि रखने वाला एक धड़ा अंतिम रूप देने में लगा है। हालांकि यह खबर इतनी गोपनीय रखी गई कि संघ के ही कई पदाधिकारियों समेत भाजपा के नेताओं को भी नहीं पता है, लेकिन यह सच है कि चातुर्मास के बाद मुलताई में होने वाले कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत पुरी के शंकराचार्य का आना लगभग तय है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस भव्य आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्यौता भेजा रहा है।
जानकार लेकिन अपुष्ठ सूत्रों ने बताया कि धर्म और मां ताप्ती के उद्गम नगरी मुलताई में आगामी दो माह बाद भव्य धार्मिक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस के लिए वैसे तो कई माह से खाका तैयार किया जा रहा है, किंतु सूत्रों ने बताया कि दो माह पहले संघ के धार्मिक आयोजन से जुड़े पदाधिकारियों ने इसका खाका तैयार किया है। बताया जा रहा है कि मुलताई में वृहद और भव्य आयोजन के लिए संघ के बड़े पदाधिकारियों को विश्वास में लेकर तैयारियां शुरू की गई हैं। वहां से इशारा मिलते ही धार्मिक आयोजन की तैयारियों के लिए लगातार बैठक होने के बाद इसको अंतिम रूप दिया जा रहा है।
ताप्ती ट्रस्ट को मिलेगी 500 एकड़ जमीन
सूत्रों ने बताया कि पूर्व में ताप्ती नगरी स्थित कई पुराने मंदिरों को जमीन मिली है। इसका सरकारी रिकार्ड में भी समावेश है। वर्तमान स्थिति में मंदिरों को सौंपी गई जमीनों का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इसके लिए संघ के पदाधिकारी मुलताई क्षेत्र में दर्जनों मंदिरों को पूर्व में मिली भूमि को ताप्ती ट्रस्ट को सौंपने के लिए मंदिर प्रमुखों से संपर्क में लगे हैं। अब तक 150 एकड़ से अधिक जमीन ताप्ती ट्रस्ट के नाम किए जाने की खबर है। आगामी दो माह में लगभग 500 एकड़ जमीन ताप्ती ट्रस्ट के नाम सौंपकर नया इतिहास रचने की तैयारी की जा रही है। यदि ऐसा हुआ तो मुलताई प्रदेश में संभवत पहला नगर हो सकता है, जहां बड़ी संख्या में मंदिरों को मिली जमीन किसी ट्रस्ट को सौंपी जाएगी।
आयोजन को भव्य रूप देने की तैयारी
जानकार सूत्रों ने बताया कि पांच सौ एकड़ जमीन ताप्ती ट्रस्ट को सौंपकर इतिहास रचने के अवसर को यादगार और भव्य रूप देने की तैयारियां की जा रही है। इस आयोजन में 12 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच की तिथि तय हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि 12 सितंबर को संघ की बैठक में तिथि फाइनल होने की संभावना है। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती की मौजूदगी में आठ दिवसीय प्रवचन या कथा का भी आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में संघ प्रमुख मोहन भागवत का आना भी लगभग तय माना जा रहा है। चूंकि धार्मिक आस्था से जुड़ा यह बड़ा कार्यक्रम है, इसलिए प्रयास यह भी किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्यौता भेजा जाएगा। यदि उनसे समय मिल गया तो मुलताई में नवंबर-दिसंबर माह में धर्म की बड़ी बयार देखने को मिल सकती है।
इसलिए सीएम ने नहीं की ताप्ती लोक की घोषणा!
करीब ढाई माह पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मुलताई में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। उस समय क्षेत्रीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने अपने स्वागत उद्बोधन में ताप्ती लोक और उद्गम स्थल के लिए कई मांग की थी, लेकिन विधायक की यह मांग उस समय पूरी नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि नवंबर -दिसंबर में होने वाले आयोजन में मुख्यमंत्री खुद मुलताई आकर ताप्ती लोक बनाने समेत अन्य बड़ी घोषणा कर सकते हैं, इसलिए उस समय यह घोषणा नहीं की गई थी। इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद कई दिग्गज भी मुलताई के लिए यदि खजाना खोले तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।