Betul Samachar: वनविभाग में पिछले 2 सालों में 28 से 30 करोड़ की वित्तीय अनियमितता!

Betul Samachar: Financial irregularities of Rs 28 to 30 crore in the forest department in the last 2 years!

वन विभाग में 2 वर्षो में 30 करोड़ की अनियमितता!

Betul Samachar: बैतूल। वनवृत बैतूल के उत्तर वन मण्डल और सामाजिक वानिकी में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमित्ता किए जाने का आरोप लगाते वन विभाग के ही एक रिटायर्ड कर्मचारी को आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ा है। रिटायर्ड कर्मचारी प्रेम शंकर मिश्रा का आरोप है कि वन विभाग के सामाजिक वानिकी मे पिछले दो सालों में खाद , गोबर, मुरम , रेत , गिट्टी सहित अन्य सामग्रियों की खरीदी में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमिताएं की गई हैं। विभाग से इन दस्तावेजों की प्राप्ति के लिए आरटीआई भी दाखिल की गई, लेकिन आज तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। आवेदक प्रेम शंकर मिश्रा का कहना है कि आरटीआई पर जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई, लेकिन जांच होना तो दूर अभी तक बैठक भी नहीं कि जा सकी है। लिहाजा मुझे आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है।

500 किमी दूर से की गई रेत, मुरम, गिट्टी की खरीदी, फर्जी बिल लगाने का आरोप

वनवृत बैतूल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते मिश्रा ने बताया कि वन विभाग ने आरटीआई के कानून को खत्म कर दिया है। उनकी 5 अपील सीसीएफ कार्यालय में धूल खा रही हैं। सूचना आयोग के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उत्तर वन मंडल की केश बुक में दर्ज इंद्राज में लगभग 3 करोड़ रुपए राशि से रेत, गिट्टी, मुरम, गोबर खाद आदि की खरीदी किया जाना दर्ज हैं। यह सभी सामग्री इंदौर, भोपाल और मंदसौर जिले से खरीदी गई हैं। जबकि यह सभी सामग्रियां बैतूल जिले में उपलब्ध हैं। फिर क्या वजह है कि दूसरे जिलों से यह सामग्रियां खरीदी गई। मिश्रा ने पूरी खरीदी पर ही सवाल खड़े करते हुए इसे फर्जी खरीदी बताते हुए कहा कि जब उनके द्वारा आरटीआई में दस्तावेज मांगे गए तो अधिकारी लगातार गुमराह कर रहे हैं। मिश्रा का आरोप है कि यदि वनवृत के वन पिछले दो सालों के रिकार्ड की जांच की जाए तो वनवृत के विभिन्न वन मंडलों में 28 से 30 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हो जाएगा।

कमेटी बनाकर भूले अधिकारी, 15 दिन बाद दी सूचना

वन विभाग में हुए करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमित्ता के आरोप के बाद अधिकारियों के भी हाथ पांव फूले हुए हैं। मिश्रा ने बताया कि वन अधिकारियों के कृत्य की शिकायत उन्होंने कलेक्टर जनसुनवाई में की थी। इसके पश्चात सीसीएफ बैतूल ने 22 जुलाई को पत्र जारी कर शिकायत में उल्लेखित बिंदुओं का परीक्षण करने के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी में वनमंडल अधिकारी दक्षिण, वन मंडलाधिकारी उत्पादन, एसडीओ आमला सामान्य एवं सहायक वन संरक्षक वन विद्यालय बैतूल को शामिल किया था, लेकिन सीसीएफ द्वारा कमेटी के संबंध में दिए गए निर्देशों से उन्हें 5 अगस्त, करीब 15 दिन बाद देकर 9 अगस्त को दक्षिण वनमंडल में उपस्थित होने के लिए कहा गया, लेकिन बावजूद इसके अभी तक जांच कमेटी ने ना बैठक ली और ना दस्तावेजों का परीक्षण किया। यही वजह है कि उन्हें मज़बूर होकर अधिकारियों द्वारा किए भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है।

इनका कहना….

उत्तर वनमंडल में लगाई गई दो आरटीआई के दस्तावेज आवेदक को दे दिए गए हैं। आमरण अनशन को लेकर जानकारी नहीं है।

सुधांशु शेखर, डीएफओ उत्तर वन मण्डल, बैतूल

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Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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