Betul News: प्रशासनिक कोना: बीमारी के बाद चकरघिन्नी बने एक साहब… आरआई की करतूत ने कौनसे साहब को कर रखा परेशान??1 थानेदार लाइन अटैच हुए या बड़ा थाने में जाने के प्रोपेगैंडा???? पढ़िए विस्तार से हमारे चर्चित कॉलम प्रशासनिक कोना में…..

Betul News: Administrative corner: After illness, a sir became a chakarghini...

बीमारी के बाद चकरघिन्नी बने साहब

पानी से जुड़े से एक अमले के अधिकारी हादसे के शिकार के बाद बीमार क्या पड़े, सारी परिस्थितियां ही बदल गई। महीनों बाद जब वे अपने दफ्तर पहुंचे तो बीमारी के कारण काम ठीक से नहीं कर पाए। अब हालात में सुधार हुआ तो पुरानी पेंडेंसी निपटाने के लिए चकरघिन्नी बन गए हैं। उनके विभाग में पानी की कई लंबित योजनाएं धरातल पर नहीं उतरने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के तेवर तीखे होने के बादर साहब लगतार बैठकों का दौर कर रहे हैं, लेकिन उनके चकरघिन्नी होने के बाद व्यवस्थाएं नहीं सुधर रही है। दफ्तर में बैठे रहने के दौरान वे वीसी में बिजी रहने की बात करते हैं। बाहर से आए लोगों को भी मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। अधीनस्थ अमला भी उनके तेवर से काफी परेशान हो चुका है कि आखिर साहब की पुरानी यादाशत कब आएगी और विभाग के दिन फिर जाएंगे।

आरआई की करतूत से बड़े साहब मुसीबत में

एक चर्चित आरआई की करतूत से इन दिनों उनके बड़े साहब खासे मुसीबत मेें है। बड़े साहब ने उन्हें अवैध कालोनियों की कार्रवाई का जिम्मा सौंप रखा है, लेकिन अवैध कालोनियों का काम देख रहे आरआई साहब को काफी हल्के में ले रहा है। पहले भी वे साहब के फरमान को अनसुना कर चर्चा में आया था। फटकार के बाद काम तो शुरू किया, लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं आया। कालोनियों की फाइल निकालकर साहब के टेबल तक नहीं पहुंची। छोटे साहब ने इसी वजह बड़े साहब को फाइल नहीं पहुंचाई। हद तो यह है कि तहसील वाले बड़े साहब के आदेश मानना तो दूर फोन तक रिसीव नहीं कर रहा है। इससे साहब आरआई को रूखस्त करने के लिए बड़े साहब से मिलने वाले हैं।

थानेदार नपे या नई जिम्मेदारी मिलेगी

एक थाने के चर्चित थाने के साहब को महज जिम्मेदारी देने को एक माह भी नहीं बिता था और उनकी रवानगी हो गई। चर्चा है कि साहब के क्षेत्र में बड़ा जुआ घर संचालित किया जा रहा था, इसलिए कप्तान ने शिकायत मिलने पर उनकी विदाई कर दी। एक छोटे से मामले में उनकी लाइन में विदाई किसी के गले नहीं उतर रही है। वैसे कई थानेदारों की बड़ी शिकायतें भी नजरअंदाज कर दी जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि साहब को एक नए थाने में भेजने के लिए सुनियोजित लाइन अटैच किया गया है। कुछ समय बाद होने वाले बदलाव में उन्हें एक माननीय की पसंद पर अपने क्षेत्र में थानेदार बनाया जा सकता है।

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Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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