फायर सेफ्टी- अवैध बैसमेंट के नोटिस देकर कार्रवाई करना भूली नपा
एक पखवाड़े में दो दर्जन शॉपिंग काप्लेक्स को और दिए नोटिस, अधिकांश के नपा तक जवाब ही नहीं पहुंचे

बैतूल। शहर में नपा केवल नाममात्र की ही रह गई है। यह बात इसलिए दांवे के साथ कहीं जा रही है, क्योंकि अधिकारी ही खुद ही नियम बना रहे हैं और खुद ही इसे तोड़ रहे हैं। ताजा मामला फायर सेफ्टी की प्रक्रिया के अलावा अवैध बैसमेंट से जुड़ा हुआ है। अब तक नगरपालिका एक सैकड़ा से अधिक ऐसे कांप्लेक्स और दुकानों को चिन्हित कर नोटिस दे चुका है, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इनमें से एक-दो बार कार्रवाई करने के बाद पूरा अभियान ठंडे बस्ते में चला गया है। एक पखवाड़े पहले नपा ने दो दर्जन नए ऐसे प्रतिष्ठान संचालकों को नोटिस दिए हैं , लेकिन इनमें से भी किसी ने नोटिस का जवाब देना उचित नहीं समझा और नपा के नोटिस को कचरे की बाल्टी में डाल दिया।
देश में कही पर भी बड़ी घटना होने के बाद नपा के अधिकारी नींद से जागते हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद पूरा काम ठंडे बस्ते में चला जाता है। राजधानी नई दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के बैसमेंट में कुछ विद्यार्थियों की पानी भरने के बाद मौत हो गई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर बैतूल नपा ने भी फायर सेफ्टी और अवैध बैसमेंट के खिलाफ अभियान छेड़कर नोटिस जारी कर दिया। पिछले चार माह में एक सैकड़ा से अधिक ऐसे संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।
सभी से कहा गया था कि अपनी दुकानों में फायर सेफ्टी सिस्टम न लगाकर नपा अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन किया गया है। इसी तरह अवैध बैसमेंट का व्यवसायिक उपयोग करने पर भी नपा ने थोक में नोटिस जारी कर दिए। हालात यह है कि नपा को अब खुद नहीं पता है कि कितने लोगों को नोटिस जारी किया, लेकिन इतना जरूर पता है कि इनमें से इक्का-दुक्का ने ही नोटिस का जवाब दिया है।
इन्हें थमाएं नोटिस
नपा द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी पर यकीन करें तो एई नीरज धुर्वे के अवकाश पर जाने के पहले और कुछ बाद में अवैध बैसमेंट और फायर सेफ्टी को लेकर दो दर्जन लोगों को नोटिस थमाएं गए और उनसे एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था, लेकिन एक माह का समय होते आ रहा है किसी ने भी जवाब देना उचित नहीं समझा। यानी नपा के नोटिस को शहर के बुद्धिजीवी और व्यवसायी कितने हल्के में ले रहे हैं। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
नपा सूत्रों के अनुसार जिन्हें नोटिस दिए गए थे, इनमें अलकेश बंजारे एलआईसी के पास, अनुज कुमार गणेश वार्ड, कला बाई धोटे विकास वार्ड, अमित पटेल विकास वार्ड, मंदरे आटोमोबाइल्स विकास नगर, राजेश सूर्यवंशी कालापाठा, राजेंद्र अवस्थी एलआईसी आफिस, अभिषेक कुमार शिवाजी वार्ड, श्री भावसार, स्मार्ट पाइंट मुर्गी चौक, विशाल मेगामार्ट कोठीबाजार, प्रवीण कुमार कोठीबाजार आदि शामिल हैं। इनमें से किसी ने भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है।
दो कर्मचारियों को पूरे शहर की जिम्मेदारी, इसलिए बिगड़ रहे हालात
लोक निर्माण शाखा में कर्मचारियों का काफी टोटा है। केवल दो दैवेभो कर्मचारियों के भरोसे पूरे शहर में अवैध बैसमेंट और फायर सेफ्टी के नियमों का पालन नहीं करने पर नोटिस जारी करवाएं जाते हैं। इनमें एक कर्मचारी विवेकानंद वार्ड स्थित तरणताल के प्रशिक्षक रामबरन पाल है और एक अन्य दैवेभो उनकी मदद करते हैं, लेकिन विनोबा और शंकर वार्ड में पिछले दिनों अभियान की शुरुआत की गई, तब भी इन्ही दो कर्मचारियों से नोटिस जारी करवाएं गए। ऐसे में फायर सेफ्टी और अवैध बैसमेंट के नोटिस की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। दो कर्मचारियों के भरोसे सैकड़ों नोटिस जारी करने के बाद जवाब नहीं मिलना आम बात हो गई है। इसे लोग भुल भूलइया से जोड़कर देख रहे हैं। यही वजह है कि व्यापारियों को नपा के नोटिस से जरा भी डर नहीं लग रहा है।
इनका कहना….
अवैध बैसमेंट और फायर सेफ्टी के अलावा अतिक्रमण करने वालों को नियमित रूप से नोटिस जारी कर रही है। जिन लोगों के नोटिस समय पर नहीं आ रहे हैं। इन पर अभियान चलाकर कार्रवाई तय हो रही है। इनके नाम चिन्हित किए जा रहे हैं। नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई निश्चित रूप से होगी।
सतीष मटसेनिया, सीएमओ नपा, बैतूल