Trending News: सब्जी बेचने वाला बना करोड़पति, कहानी जान आप भी हो जाओगें हैरान
Trending News: Vegetable seller became a millionaire, you will be surprised to know the story

Trending News: कहते हैं आदमी की किस्मत कब करवट बदल ले, कुछ कहा नहीं जा सकता. किस्मत के चलते ही इंसान पल भर में जमीन से आसमान पर तो आसमान से जमीन पर आ जाता है. कुछ ऐसा ही वाकया सब्जी बेचने वाले एक दुकानदार के साथ हुआ जिसके बाद उसकी किस्मत बदल गई है। सड़क पर ठेला लगाकर फल और सब्जी बेचने वाला एक शख्स रातों-रात करोड़पति बन गया है।
उसके पास आज के वक्त में 3.8 करोड़ रुपये (लगभग 460,000 डॉलर) का बंगला है। लेकिन सवाल ये है कि एक आम सब्जी दुकानदार के पास करोड़ों का घर आया कहां से। तो आपको बता दें कि दुकानदार की कोई लॉटरी नहीं लगी है। दुकानदार के एक ग्राहक ने उसे करोड़ों रुपये का बंगला दे दिया है। सिर्फ बंगला ही नहीं ग्राहक ने अपनी सारी संपत्ति दुकानावाले के नाम कर दी है।
वसीयत में दुकानदार के नाम की संपत्ति(Trending News)
88 वर्षीय व्यक्ति ने अपने जीवन के आखिरी दिनों में अपनी संपत्ति अपने परिवार के सदस्यों के बजाय सब्जी और फल बेचने वाले दुकानदार को देने का फैसला किया। मृतक बूढ़े व्यक्ति की वसीयत पर तब सवाल खड़े हो गए जब नोटरी अधिकारियों को पता चला कि उसने अपनी पूरी संपत्ति और करोड़ों का बंगला अपने परिवारों को नहीं बल्कि एक अनजान शख्स को दे दिया है। उसकी तीन बहनें उसके साथ रहती थीं लेकिन उनमें से किसी को भी हिस्सा नहीं मिला। उनके परिवार के सदस्यों ने भी मृत व्यक्ति की वसीयत को चुनौती देने का फैसला किया। लेकिन दुकानदार ने उन्हें कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है।
ऐसे शुरू हुई थी ये पूरी कहानी(Trending News)
ये कहानी है कि चीन के शंघाई की है जहां एक ‘मा’ नाम का बुजुर्ग व्यक्ति रहता था, जिसकी अब मौत हो चुकी है। 88 वर्षीय ‘मा’ ने अपनी सारी संपत्ति पास के बाजार में एक फल-सब्जी बेचने वाले दुकानदार ‘लियू’ को दे दी है। बुजुर्ग व्यक्ति ‘मा’ और दुकानदार ‘लियू’ की मुलाकात सालों पहले हुई थी। ‘लियू’ का घर जर्जर था, इसलिए ‘मा’ ने उसे और उसके परिवार को अपने फ्लैट में रहने के लिए बोला था। बुजुर्ग व्यक्ति ‘मा’ के इकलौते बेटे के निधन के बाद लियू ही उनकी देखभाल किया करता था।
कोर्ट ने दुकानदार के पक्ष में सुनाया फैसला(Trending News)
बुढ़ापे में बुजुर्ग व्यक्ति ‘मा’ के परिवार का कोई भी सदस्य उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया था। फिर उन्होंने 2020 में दुकानदार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके बारे में उनके परिवार को उनकी मृत्यु के बाद ही पता चला। जब मृत व्यक्ति ‘मा’ के परिवार को पता चला कि उसने अपनी संपत्ति दुकानदार को दे दी है तो उन्होंने विरोध किया। जिसके बाद लियू उन्हें अदालत में ले गया। हालांकि शंघाई अदालत ने बुजुर्ग व्यक्ति ‘मा’ के रिश्तेदारों की चुनौती के सामने वसीयत को वैध मानते हुए दुकानदार लियू के पक्ष में फैसला सुनाया। उन्होंने आरोप लगाया था कि मा मानसिक रूप से बीमार हैं और वसीयत की वैधता पर सवाल उठाए थे। इस दावे को नोटरी अधिकारियों ने खारिज कर दिया है।