Betul Samachar : नियमों में उलझा यूनीपोल लगाने का मामला, नपा के विज्ञापन नियम में स्पष्ट उल्लेख 5 लाख वाली जनसंख्या में ही लगेंगे, बैतूल में खुलेआम अनदेखी

Betul Samachar : बैतूल। बैतूल में पहली मर्तबा नगर पालिका ने टेंडर में उच्चतम बोली लगाने वाले निवदाकार को यूनीपोल लगाने की अनुमति देकर विवाद खड़ा कर दिया है। नपा पर आरोप लग रहे है कि टेंडर लेने वाले को उपकृत करने के लिए नियम विरूद्ध यूनीपोल लगाने की अनुमति दे दी गई, जबकि वर्ष 2017 में नगरीय निकाय एवं आवास विभाग ने डोर विज्ञापन नियम के क्र. 26 में स्पष्ट उल्लेख किया है कि 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में यूनीपोल लगाएं जाएंगे, लेकिन बैतूल की आबादी महज 1 लाख से अधिक है। इसके बावजूद नपा ने निविदाकार को यूनीपोल लगाने की अनुमति देकर मामला गरमा दिया है। इस मामले को लेकर कई लोग हाईकोर्ट में भी याचिका लगाने की तैयारी कर रहे है।
नगर पालिका ने कुछ माह पहले शहर में होर्डिंग्स लगाने के लिए टेंडर जारी किए थे। गंज की एक फर्म ने उच्चतम बोली लगाकर होर्डिंग्स लगाने का आधिपत्य हासिल कर लिया। इसके बाद शहर में होर्डिंग्स लगाने का काम भी शुरू कर दिया, लेकिन जैसे ही शहर के कुछ चौराहों पर निविदाकार ने यूनीपोल लगाने का काम शुरू किया, विवाद बढ़ गया। दरअसल दूसरे होर्डिंग संचालकों ने इस पर आपत्ति ली।
सबसे पहले शुरूआत होर्डिंग नीलामी में शर्त क्रमांक 9 के अनुसार एक वर्ष का टैक्स 25 लाख रूपए जमा करना निर्धारित किया था, लेकिन नपा द्वारा 6 लाख जमा करवाने के आरोप लगाए। बाकी राशि 3 माह में 3 किस्तों में जमा करने की छूट दे दी गई। निकाय के नियमों के अनुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन दावा किया जा रहा है कि तथाकथित राजनीतिक दबाव के बाद निविदाकार को छूट दे दी गई। इसके पूर्व 2012-2013 में टेंडर हुए थे तब शर्त के अनुसार संबंधित से 1 वर्ष की राशि नपा ने अग्रिम जमा करवाई थी। यदि नपा अपना रिकार्ड चेक करें तो स्थिति स्पष्ट हो जाएंगी। इसके बावजूद नपा के जिम्मेदार 12 लाख रूपए जमा करने और ती किस्तों में शेष राशि के चेक लेने का दावा कर रहा है। यह कहा तक सहीं है? जांच के बाद स्पष्ट हो जाएंगा।
34 शर्तों में यूनीपोल शब्द का उपयोग ही नहीं
चौकाने वाली बात यह है कि नगर पालिका वर्ष 2017 में नगरीय निकाय एवं आवास विभाग द्वारा बनाए गए नियमों का हवाला देकर संबंधित को यूनीपोल लगाने की अनुमति दे दी गई, लेकिन हकीकत यह है कि नपा ने 13 सितम्बर 2024 को नगरीय क्षेत्र में कुल 91 होर्डिंग्स लगाने के लिए जिन 34 शर्तों का उल्लेख किया था, उसमें यूनीपोल शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं किया। आखिर नपा ने किन शर्तों के तहत यूनीपोल लगाने की अनुमति दी? इसका जवाब नपा का कोई भी जिम्मेदार ठीक से नहीं बता पा रहा है। हालात यह है कि एक दूसरे पर टालमटोली कर मौके पर जाकर निरीक्षण करने की बात कहीं जा रही है। वास्तविकता यह है कि नियमों का मखौल उड़ाकर नपा ने यूनीपोल लगाने के लिए संबंधित को फ्रीहेंड दे दिया इसी के बाद नाराजगी लगातार बढ़ते जा रही है।
पीआईसी-परिषद की अनुमति के बिना कैसे लग रहे यूनीपोल?
एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है कि यूनीपोल लगाने के लिए यदि नगर पालिका को उच्चतम बोली लगाने वाले निविदाकार को मौका देना था तो इसके लिए बकायदा पीआईसी और परिषद के सम्मेलन में अनुमोदित करना था। इसके बावजूद नपा ने ना जाने कौन से राजनीतिक दबावक के बाद बिना पीआईसी और परिषद में यह मामला रखे बिना संबंधित को यूनीपोल लगाने की अनुमति दे दी। सूत्र बताते है कि नपा के अधिकारियों के इस भाई-भतीजा वाद से पीआईसी के सदस्यों के अलावा पार्षद भी नाखुश बताए जा रहे है। कई पार्षदों ने यूनीपोल लगाने के लिए परिषद की बैठक में निर्णय ना लेने पर नाराजगी बताई है। दूसरी ओर कांग्रेस पार्षद तो इस मामले में खासे मुखर बताएं जाते है। कुछ पार्षद इस मामले में कलेक्टर को भी शिकायत करने वाले है।
इनका कहना
यूनीपोल लगने के लिए पूरे नियमों से काम किया गया है। यदि कोई भी काम नियम विरूद्ध हो रहा है तो इसे रूकवाया जाएगा। राजस्व अधिकारियों को मौके पर भेजा जा रहा है। आपके द्वारा उपलब्ध कराएं गए नियमों की भी बारिकी से देखा जा रहा है। यदि कमी मिलती है, तो यूनीपोल लगाने का कार्य बंद करवा दिया जाएगा।
सतीष मटसेनिया
सीएमओ, नपाप बैतूल




