Betul News: साल दर साल बढ़ रहा ट्रेफिक का दबाव, मात्र 22 कर्मी संभाल रहे व्यवस्था
Betul News: Traffic pressure is increasing year after year, only 22 personnel are managing the system

बल की कमी आ रही आड़े, हजारों की संख्या में वाहन रजिस्टर्ड
Betul News: बैतूल। पिछले कुछ वर्षों में शहर में ट्रेफिक का दबाव अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। इसकी वजह यह है कि प्रतिवर्ष वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ यातायात पुलिस में बल की कमी होने से इसका सीधा असर बेतरतीब यातायात पर नजर आ रहा है। पर्याप्त बल न होने के कारण जिस हिसाब से यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं हो पा रही है।
चौक-चौराहों पर लगातार वाहनों के गुजरने के चलते कब कौन किससे भिड़ जाए, इसका कोई भरोसा भी नहीं है। अधिकारी भी मानते हैं कि बल की कमी साफ महसूस की जा रही है, लेकिन मजबूरी है कि सीमित स्टाफ के सहारे काम करना अब दैनिक दिनचर्या में शामिल हो चुका है। आने वाले समय स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है।
दर्जन भर चौराहों पर बेतरतीब यातायात
शहर में यातायात की व्यवस्था किस स्तर की है इसका नजारा चौक चौराहों पर आसानी से देखा जा सकता है। जिन चौराहों पर यातायात का भारी दबाव रहता है उनमें लल्ली चौक, पेट्रोल पंप, अंबेडकर चौक, कारगिल, गेंदा चौक, बडोरा, अशोक साबले चौक, मेकेनिक चौक, कालेज चौक, मुर्गी चौक समेत थाना चौक शामिल हैं। सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे से रात 7 बजे तक इन चौराहों पर यातायात का भारी दबाव रहता है।
चारों तरफ से दोपहिया, चौपहिया वाहनों का लगातार आना-जाना लगा रहता है, लेकिन इन चौराहों पर ट्रेफिक कंट्रोल किए जाने के लिए एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रहता। ऐसे में जिसको जहां जगह मिलती है अपने वाहन निकालने की कोशिश की जाती है। कई बार वाहन भी आपस मे टकरा जाते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि प्रतिवर्ष वाहनों की संख्या तो बढ़ रही है, किंतु यातायात व्यवस्था उसी पुराने ढर्रे पर ही संचालित हो रही है। इसे पटरी पर लाने के कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
51 के मुकाबले मात्र 22 पुलिसकर्मी संभाल रहे व्यवस्था
शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारी भी बल की कमी को ही इसका जिम्मेदार बता रहे हैं। यदि यातायात पुलिस के पास पर्याप्त बल हो तो काफी हद तक व्यवस्था में सुधार हो सकता है। वर्तमान में यातायात थाने में कुल स्वीकृत बल की संख्या 51 है। इसके मुकाबले मात्र 22 पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं, जो गश्ती-चालानी कार्यवाही, चौक-चौराहों की व्यवस्थाएं बमुश्किल संभाल पा रहे हैं।
इनमें 1 उपनिरीक्षक, 4 सहायक उपनिरीक्षक, 5 प्रधान आरक्षक, 2 महिला आरक्षक, 1वाहन चालक और 6 सिपाही शामिल हैं। ऐसे में शहर के दर्जनों चौराहों पर ट्रेफिक संभालना वाकई में टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इसके अलावा अन्य थाना क्षेत्रों में हालात और भी ज्यादा खराब हैं। इन थानों में यातायात का स्टाफ न होने के चलते लोकल स्टाफ के भरोसे ही यातायात संचालित करना पड़ रहा है।
इनका कहना…..
यातायात पुलिस में बल की कमी लम्बे समय से बनी हुई है, लेकिन सीमित स्टाफ के साथ व्यवस्था बनाना मजबूरी है। स्टाफ पर्याप्त हो तो व्यवस्था ठीक हो सकती है।
गजेंद्र केन, यातायात प्रभारी, बैतूल