Betul Samachar: 13 करोड़ घोटाले की गूंज मुख्यमंत्री तक पहुंची
Betul News: The echo of 13 crore scam reached the Chief Minister

कांग्रेस नेता मनोज की शिकायत पर पूर्व सीएम दिग्गी ने सीएम को पत्र लिखकर अधिकारियों पर एफआईआर की रखी मांग
Betul Samachar: बैतूल। जिले के भीमपुर और चिचोली जनपद में हुए 13 करोड़ की वित्तीय अनियमित्ता की राजधानी भोपाल तक पहुंच गई है। कुछ दिनों पहले चिचोली मेंं पत्रकारवार्ता कर इस घोटाले में गंभीर आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता मनोज आर्य ने बीती रात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से मुलाकात कर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को तत्काल पत्र लिखकर स्वच्छ भारत मिशन में चिचोली- भीमपुर में हुए घोटाले की जांच कर आहरण एवं वितरण अधिकारी पर भी एफआईआर करने की मांग की है। इसके बाद संभावना दिखाई दे रही है कि मुख्यमंत्री स्तर पर जांच होने पर कई और लोगों पर एफआईआर हो सकती है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि मनोज आर्य ने पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को जिले की दो जनपदों में हुए घोटाले की मंगलवार को विस्तार से जानकारी दी। दोनों ही नेताओं ने इसे गंभीर माना। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने तत्काल इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर इस घोटाले में जांच की मांग कर अन्य दोषियों पर एफआईआर का अनुरोध किया है। पूर्व सीएम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि कांग्रेस नेता मनोज आर्य ने उन्हें अवगत कराया है कि बैतूल जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद पंचायत एवं जनप्रतिनिधियों ने सांठगांठ कर बड़ा गबन किया है।
गबन की राशि का आरोपियों के निजी बैंकों में ट्रांजेशन हुआ। इसी आधार पर कलेक्टर के निर्देश पर चिचोली थाने में 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि र्दुभाग्य यह है कि जिस आहरण और वितरण अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर से राशि निकाली गई उसका एफआईआर में नाम नहीं लिखा है। उनका आरोप है कि इतना बड़ा घोटाला आहरण एवं वितरण अधिकारी की सहमति से और इच्छा के बगैर नहीं हो सकता है।
भाजपा पर भी लगाए गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दिग्गी ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिनका नाम एफआईआर में दर्ज है, उनमे अधिकतर भाजपा के मंडल अध्यक्ष, युवा मोर्चा सहित अनेक पदों पर कार्य करने वाले पदाधिकारी है। इसलिए एफआईआर होने के एक माह बाद भी किसी भी आरोपी को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ नहीं की गई है। आशंका प्रबल होती है कि इस घोटाले के तार प्रशासन और शासन तक जुड़े हुए हैं और आरोपियों को जानबूझकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने जनपद पंचायत चिचोली के सीईओ के खिलाफ भूमाफियाओं से सांठगांठ कर अमृत सरोवर मरम्मत कार्य में भी घोटाले पर घेरते हुए इसकी भी जांच का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस आर्थिक अनियमित्ता की जांच ईओडब्ल्यू से कराए जाने, आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर जांच निष्पक्षता से करने, संबंधित जिला पंचायत और जनपरद पंचायत के अधिकारियों को वहां से अन्यत्र पदस्थ करने का अनुरोध किया है, ताकि जांच से छेड़छाड़ न की जाए। पत्र की प्रतिलिपि प्रदेश के पंचायत एवं विकास मंत्री प्रहलाद पटेल को भी भेजी गई है।