Betul SBM Ghotala: जनपद सीईओ वर्मा ने भाई की कंपनी के नाम किया करोड़ों का भुगतान
कांग्रेस ने मोर्चा खोला, चिचोली जनपद में करोड़ों के और घोटाले के संगीन आरोप

Betul SBM Ghotala: बैतूल। जिले की बहुचर्चित जनपद पंचायत चिचोली में बड़े पैमाने पर शासकीय राशि का दुरुपयोग हुआ है। शिकायत के बाद 13 करोड़ 21 लाख का स्वच्छ भारत मिशन में घोटाला सूर्खियां बटोर रहा है। इस बीच कांग्रेस ने शनिवार को एक पत्रकारवार्ता आयोजित कर जो गंभीर आरोप लगाए हैं। यह किसी चौकाने वाले तथ्य से कम नहीं है।
दरअसल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव मनोज आर्य ने आरोप लगाए हैं कि चिचोली में पदस्थ रहे जनपद सीईओ अभिषेक वर्मा ने मनरेगा में अपने भाई की कंपनी बनाकर फर्जी बिल से करोड़ों का भुगतान कर लिया है। यदि इसकी जांच की जाए तो कई फर्जीवाड़े सामने आ सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाए हैं कि जनपद पंचायत में इसके अलावा भूमि बेचकर रजिस्ट्री की कापी तक जला दी है और रिकार्ड नष्ट कर दिए गए हैं। यह सब भाजपा नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। उनके इस आरोप से राजनैति में भूचाल आ गया है।
स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए आर्य ने बताया कि चिचोली जनपद में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 13 करोड़ का घोटाला हुआ है। इसमें सभी आरोपियों की फिर से गिरफ्तारी की जरूरत है। उनका आरोप है कि जितना भी भुगतान डीएसबी से हुआ है, इसके लिए उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन और संरक्षक भी है। घोटाले के जिम्मेदार अधिकारियों को फिर से निष्पक्ष जांच कर गबन की राशि वसूली की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि चिचोली जनपद पंचायत में भूमि स्वामी वाली पहन 11, खसरा नंबर 21 की जमीन घोटाले की भेंट चढ़ गई। भाजपा नेताओं से सांठगांठ कर जनपद पंचायत में एक सभापति के आस्तित्व के बाद से ही भूमि स्वामित्व की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जो भूमि स्वामी है और वे नप के पदों पर भी आसीन है, उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों की जमीन जनपद की प्रस्ताव के बगैर दान दे दी गई। यह जमीन अब शासन के नाम डाली जा रही है। यह करोड़ों का घोटाला है।
यह भी लगाए आरोप
उन्होंने आरोप लगाए हैं कि करोड़ों की जमीन दान दी गई है। उक्त जमीन की रजिस्ट्री अधिकारियों द्वारा जानबूझकर जला दी गई। इसके रिकार्ड भी नष्ट कर दिए गए। उनका आरोप है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। इस मामले में अधिकारियों पर भी एफआईआर कर चिचोली जनपद की जमीन पुन अपने नाम रिकार्ड में आए।
आर्य ने बताया कि महिला बाल विकास के अंतर्गत 2020 एवं 2021-22 में आंगनबाड़ी क्षतिग्रस्त मरम्मत की राशि 32 लाख 90 हजार मात्र पुताई के लिए निकाल लिए गए। इस मामले में भी दोषियों पर कार्रवाई कर राशि वसूल की जाए। वर्ष 21 से 24 में अमृत सरोवर की राशि के नाम भी बड़ा घोटाला हुआ है।
तालाब मरम्मत के लिए करोड़ों की राशि आई थी। मनरेगा में भी आरईएस के 112 कार्यों की राशि 7 करोड़ का घोटाला हुआ है। यह राशि अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा कर निकाल ली है और काम कुछ भी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि संपूर्ण मामले के दस्तावेज उनके पास मौजूद है। भोपाल जाकर ईओडब्ल्यू और सीबीआई से जांच के लिए मांग की जाएगी।
पूर्व सीईओ भाई को फायदा पहुंचकर घिरे
पत्रकारवार्ता में कांग्रेस नेता मनोज आर्य ने सनसनीखेज आरोप लगाकर जनपद पंचायत में पदस्थ रहने के दौरान अपने भाई की कंपनी बनाकर फर्जी बिल से करोड़ों का भुगतान किया गया। भाई की कंपनी में लगातार भुगतान कर शासकीय राशि खाते में डाली गई। यह सिलसिला कई वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। इसी वजह पद का दुरुपयोग करते हुए जनपद पंचायत के पूर्व सीईओ अभिषेक वर्मा के भाई की कंपनी को फायदा पहुंचाकर बड़ा घोटाला किया गया। इसकी जांच कर सीईओ अभिषेक वर्मा पर भी एफआईआर की मांग की गई है।