Prashasnik Kona : प्रशासनिक कोना: थानेदार आखिर शराब ठेकेदार से परेशान होकर कहां से कर रहे शौक पूरा?? साहब के बदले स्वरूप के आखिर क्या है मायने??? आखिर चर्चित एई शादी के बाद इतने कैसे बदल गए???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम प्रशासनिक कोना में…..

Prashasnik Kona: Administrative Corner: Where is the police station in-charge fulfilling his desires after being troubled by the liquor contractor??

ठेकेदार बदलने से थानेदार परेशान

जिले में 1 अपै्रल से शराब ठेके में आमूलचूल परिवर्तन होने से एक थानेदार साहब भी खासे परेशान हो गए। साहब जिस समुदाय से आते है, इसमें वैसे 5 लीटर तक शराब रखने की छूट दी गई। ऐसे में साहब भी पुराने सुरा प्रेमी कहे जाते है। पुराने शराब ठेकेदार से साहब का अच्छा याराना था तो लिफाफे के साथ अपना शौक पूरा करने के लिए बोतल भी मिलजाया करती थी, लेकिन नए ठेकेदार ने अपना क्राईटएरिया बताते हुए कह दिया है कि या तो सिस्टम वाला लिफाफा ले लो या फिर माह में दो बोतल, इससे अधिक कुछ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं थानेदार को कड़क मिजाज ठेकेदार ने यह भी कह दिया कि ज्यादा चाहिए तो यह लिफाफा भी छोड़ दो। इसी वजह थानेदार काफी दुखी है और वह अपना शौक पुरा करने के लिए बैतूल और इटारसी के बीच एक प्रमुख शराब दुकान से गला तर करने के लिए पेय बुला रहे है। चर्चा है कि ना सिर्फ थानेदार बल्कि आबकारी के नुमाइंदे शराब ठेकेदार की शक्ति के आगे बेबस नजर आ रहे है। यह थानेदार बैतूल अनुविभाग के थाने में पदस्थ बताए जाते है।

साहब के बोल के निकल रहे मायने

एक बड़े साहब ने पिछले दिनों हर सप्ताह ली जाने वाली बैठक में अधीनस्थों को दो टूक शब्दों में कह दिया कि मुझे जिले में एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है। काम नहीं करने वाले अधिकारी अब मेरा बदला हुआ रूप देखेगें। बड़े साहब ने लापरवाहों के लिए बात तो कह दी, लेकिन अफसर टेंशन में है कि साहब अब कौनसा रूप दिखाने वाले है? साहब के बदल रूप को लेकर अधिकारी एक दूसरे से मोबाईल पर जानकारी लेकर चर्चा कर रहे है। हालाकि अब तक साहब का बदला रूप सामने नहीं आया है। प्रशासनिक गलियारे में चर्चा है कि साहब ने यह बात बढ़त रोल दिखाने के लिए कही थी।

फोन उठाने में इन्हें आ रही शर्म

एक निकाय के एई इन दिनों विवाह के बाद बदले-बदले से नजर आ रहे है। हालाकि विवाह के समय उन्होंने लंबा अवकाश ले लिया था। इसके बाद आकर ज्वाईनिंग ले ली, लेकिन एक दम बदले-बदले से नजर आ रहे। स्टॉफ भी उनके रवैये से खासे परेशान है। साहब ना तो अपनी निकाय में दिखाई देते है ना ही फील्ड पर बची कसर मोबाईल पर कॉल करने के बाद रिसीव नहीं करने पर पूरी हो जा रही है। विवाह के बाद साहब में आए परिवर्तन से इस निकाय का जूनियर इंजीनियरों की कमी के कारण काम ठप पड़ा है। ऊपर से एई साहब की बेरूखी से फाईलों की पेडेंसी इतनी अधिक हो गई है कि सीएमओ भी खासे नारज बताए जा रहे है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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