Betul News: ढाबों पर अब नहीं बिकेगी अवैध शराब, टीम को मिले सबूत तो खैर नहीं!
Betul News: Illegal liquor will no longer be sold at dhabas, if the team finds evidence then there will be trouble!

दिखने लगा सिंडिकेट का असर, बैठक में ढाबा संचालकों को अन्तिम चेतावनी
Betul News: बैतूल। शराब के ठेकों में सिंडिकेट हावी होने का असर अब दिखने लगा है। करोड़ों के ठेके लेने के बाद ठेकेदार अब वो हर पैंतरा आजमा रहे हैं, जिनसे उनको नुकसान भी नहीं हो और उनकी धमक भी कायम रह सके। जानकारी के मुताबिक शहर के आसपास स्तिथ ढाबों के संचालकों को बुलाकर एक ठेकेदार ने दो टूक अल्टीमेटम दे दिया है कि किसी भी ढाबे में शराब की बिक्री बर्दाश्त नहीं कि जाएगी । मतलब साफ है कि शराबी बिकेगी तो सिर्फ ठेकेदार की लाइसेंसी दुकान से ही। चेतावनी यह भी दी गई है कि हमारी दबिश टीमें लगातार इसकी निगरानी भी करेंगी। यदि किसी ढाबे पर शराबी बिक्री के प्रमाण मिले तो समझ लें, उसकी खैर नहीं। हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू देखा जाए तो ठेकेदार का यह फरमान कहीं से कहीं तक गलत भी नहीं है। क्योंकि ढाबों पर शराब की बिक्री टोटल अवैध बिक्री की श्रेणी में आती है। अब ढाबों के संचालक इस पसोपेश में फंस चुके हैं कि बिना शराब बिक्री के धंधा आखिर कैसे चलेगा।
बैठक में संचालकों को अल्टीमेटम
जानकारी के मुताबिक शहर के आसपास शराब के ठेके होने के बाद सिंडिकेट ने बाकायदा पूरी रणनीति के तहत बिसात बिछानी शुरू कर दी है। बैतूल बाजार, खेड़ी, कोठीबाजार, गंज और और प्रताप वार्ड में अब एक रेट में शराब बेची जाएगी न कम न ज्यादा। इसी के चलते करोड़ो के ठेके में नुकसान को देखते हुए ढाबों पर होने वाली शराब बिक्री को भी टारगेट पर लिया गया है। जानकारी मिली है कि एक ठेकेदार ने इस अवैध बिक्री पर लगाम लगाने के लिए शहर के आसपास संचालित करीब दो दर्जन से ज्यादा ढाबा संचालकों को अपने ऑफिस में तलब किया था। बैठक में संचालकों को दो टूक कहा गया कि किसी भी कीमत पर ढाबे से शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
इसकी मॉनिटरिंग के लिए दबिश टीमें तैयार की गई हैं। सभी ढाबे 24 घंटे दबिश टीम की निगरानी में रहेंगे। यदि किसी ढाबे पर अवैध रूप से शराब बिक्री के प्रमाण मिलते हैं तो ढाबे के संचालक को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ठेकेदार ने साफ कर दिया है कि शराब बक्री यदि होगी तो सिर्फ लाइसेंस वाली दुकान से। बताया जा रहा है कि इस दौरान ढाबों के संचालक चुपचाप फरमान सुनते रहे और उठकर चले गए।
ढाबों में सस्ती शराब मिलने से कई पेंच
इसमें कोई दो मत नहीं है कि करोड़ों रुपए खर्च कर ठेकेदार यदि दुकान के भरोसे रहता है तो नुकसान होने के 100 प्रतिशत चांस होते हैं। ठेकेदार की मजबूरी होती है कि उसे अपना माल दुकान के बजाए अन्य जगहों पर भी खपाना ही पड़ता है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ढाबों पर सप्लाई बंद होने से क्या ठेकेदार को नुकसान नहीं होगा। सूत्रों ने इसका जवाब कुछ इस तरीके से दिया है कि दुकानों पर प्रत्येक ब्रांड के रेट फिक्स कर दिए गए हैं।
एक नम्बर में बिकने वाली शराब के दाम आसमान पर पहुंचा दिए गए हैं। वहीं यदि यही शराब ढाबों पर सप्लाई की जाती है तो ढाबे संचालकों को थोक रेट यानी कम कीमत में सप्लाई देनी पड़ेगी, लेकिन प्रतिबंध के बाद यही शराब सुरा प्रेमी लाइसेंसी दुकान से खरीदता है तो ठेकेदार को शत प्रतिशत मुनाफा मिलेगा और नुकसान की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। जो भी है ठेकेदार ने दिमाग तो सही लगाया है, किंतु इसके बाद ढाबे संचालकों की नुकसान होना तय माना जा रहा है। यदि यह रूपरेखा काम कर गई तो आबकारी अधिकारियों का सिरदर्द भी खत्म हो जाएगा, क्योंकि आबकारी निरीक्षकों का काम ठेकेदार अपने कर्मचारियों से करवा लेंगे।