Betul Ki Khabar: केकडिय़ाकला में फर्जी फर्मों को लाखों का भुगतान
Betul Ki Khabar: Lakhs paid to fake firms in Kekdiakala

भीमपुर जनपद में एक और खुलासा, सरपंच और सचिव ने लगाया चूना, मुख्यालय से गायब रहने पर नहीं हुई कार्रवाई
Betul Ki Khabar: बैतूल। आदिवासी अंचल भीमपुर और चिचोली में करोड़ों का घोटाला हो जाने के बावजूद जांच के नाम केवल लिपा पोती हो रही है। एक पूर्व जनपद सदस्य ने तो सीधे मामले की जांच करने वाले अधिकारी पर ही सवाल उठाकर कठघरे में खड़ा कर दिया। इस बीच ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के मामले सामने आए है। भीमपुर की केकडिय़ां कला पंचायत में सचिव ने सरपंच और जनपद सदस्य के साथ मिलकर निर्माण कार्यों में लाखों रूपए का गोलमाल कर दिया। इस मामले में जिला पंचायत सीईओ को शिकायत होने पर तीनों को नाटिस जारी किए गए, लेकिन सूत्र बताते है कि सचिव भाजपा के एक जनप्रतिनिधि के खास होने के कारण पूरे मामले में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है।
आदिवासी अंचल भीमपुर और चिचोली स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में 13.21 करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारी उलझन में है। भले ही इस मामले में छोटे कर्मचारियों पर एफआईआर करवा दी है, लेकिन जनपद सीईओ पर कार्रवाई ना होने पर कई सवाल खड़े हो रहे है। सीईओ के निगरानी में सारे काम होने के बावजूद राजनीतिक दबाव के कारण जांच टीम ने भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इधर भीमपुर जनपद के ही केकडिय़ा कला पंचायत में लाखों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस फर्जीवाड़े की हकीकत है कि सचिव ने सरपंच और जनपद सदस्यों के साथ मिलकर लाखों रूपए का भुगतान कर लिया गया, मामले की जांच जिला पंचायत सीईओ को हुई तो उन्होंने नोटिस जारी कर संबंधितों से जवाब मांगे है।
सचिव पर कई गंभीर आरोप
जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन द्वारा मामले की जांच करवाएं जाने के बाद जांच में अनियमितता मिली है। इसके बाद उन्होंने केकडिय़ा कला के सरपंच अमरसिंह साईचर, सचिव जगदीश ठाकुर, मोबलाईजर लोकेश मोरसे को अनियमितता और अनुशासनहीनता पर स्पष्टिकरण मांगा है। सचिव जगदीश ठाकुर पर आरोप है कि यहां की उपसरपंच कविता तोमर ने निर्माण कार्य के संबंध में उनसे जानकारी मांगी तो असम्मानजनक शब्दों का उपयोग कर महिला जनप्रतिनिधि की छवि धूमिल की। सचिव केकडिय़ा कला पंचायत में 1 जनवरी से 6 फरवरी तक 14 दिन ही उपस्थित पाएं गए। इन 37 दिनों में से 12 दिनों की उपस्थिति अन्य स्थान पर दर्ज की गई। दो दिन जनपद मुख्यालय और 2 दिन ग्राम पंचायत में मौजूद रहे। इससे उनकी अनुपस्थित जांच में प्रमाणित पाई गई।
इन अनिमितताओं का भी खुलासा
जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन ने कराई जांच में मनरेंगा, अमृत सरोवर निर्माण, लगू तलाब निर्माण के तीन कार्यों में भी भुगतान नहीं किया गया। मनरेगा पोर्टल पर भी दादाजी कंट्रेक्शन को 10.42 लाख के बिल प्रस्तुत किए गए उसमें से 3.83 लाख रूपए का भुगतान खुद मोबलाईजर लोकेश मोरसे ने अपने खाते में कर लिया। शेष भुगतान आवंटन के अभाव में लंबित है। जिसमें से रू. 2.12 लाख के परिवहन तथा सामग्री का भुगतान ग्रामवासियों का एवं 5.27 लाख का भुगतान श्री वैष्णवी ट्रेडर्स दामजीपुरा (प्रो. प्रवीण कुमार जायसवल) से पास जीएसटी होने पर भी वास्तविक वेंण्डर के बिल ना लगाए जाना पाया गया। श्री दादाजी कन्सट्रक्शन के बिल लगाया जाना पाया गया है। जांच दल ने दादाजी कन्सट्रशन की कोई दुकान होना नहीं पाई गई है। इस मामले में कुल 3.83 लाख की वसूली निकाली गई।
सरपंच, सचिव और मोबलाईजर ने खूब लगाया चूना
जांचदल द्वारा की गई जांच में कई अनियमितता सामने आई है। लोकेश मोरसे मोबलाईजर ग्राम पंचायत बटकी के पद पर पदस्थ होते हुए शासन की बिना अनुमत्ति के अन्य राजनैतिक पद एवं व्यापार में संलग्न पाए गए। सचिव द्वारा निर्माण कार्य किये बिना देयक प्रस्तुत कर ग्राम पंचायत केकडियाकलां की राशि रु. 3.83 लाख का भुगतान प्राप्त किया गया है। इसी तरह स्टॉपडेम निर्माण कार्य कालका के खेत के पास 05वां वित्त आयोग स्वीकृत 9 लाख 88 हजार के विरुद्ध राशि रु. 9,00,880 का व्यय बिना उपयंत्री के मूल्यांकन के भुगतान किया गया है। यह भुगतान सरपंच-सचिव से वसूलने की अनुशंसा की है। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ को उनके मोबाईल पर कई बार कॉल किया लेकिन रिसीव नहीं करने के कारण चर्चा नहीं हो सकी।