Betul Samachar: नपा में सब इंजीनियरों का टोटा, कामकाज बुरी तरह प्रभावित
Betul News: There is a shortage of sub engineers in the municipality, work is badly affected

जरूरत 5 की, केवल 2 सब इंजीनियरों से चल रहा जिला मुख्यालय की नपा का काम
Betul Samachar: बैतूल। बैतूल नगरपालिका केवल कहने की ही जिला मुख्यालय की नपा रह गई है। दरअसल यहां पर स्टाफ की इतनी कमी है कि कामकाज बेपटरी हो गया है। अधीनस्थ अमला सब इंजीनियर के अभाव में हाथ पर हाथ धरा बैठा रहता है। वर्तमान में केवल दो सब इंजीनियरों के भरोसे चल रही है। इनमें से भी एक सब इंजीनियर दुर्घटना के बाद डेढ़ वर्षों से कार्यालय नहीं आ पा रहे हैं। एक मात्र सब इंजीनियर ब्रजेश खानूरकर के भरोसे पूरी नपा का काम चल रहा है। यही वजह है कि सब इंजीनियरों की कमी के कारण नपा में ठेेकेदार समेत अन्य लोग बुरी तरह परेशान हो गए हैं।
बैतूल नपा में पिछले 4-5 वर्षों से सब इंजीनियरों की कमी चल रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए कोई ठोस उपाए अब तक नहीं हो पाने के कारण पूरा काम भगवान भरोसे ही चल रहा है। पूर्व में सब इंजीनियर नगेंद्र वागद्रे को शासन ने उनकी मूल पदस्थापना चिचोली भेज दिया था। इसके पहले सब इंजीनियर श्री वराठे को बैतूल पदस्थ करने के बाद वापस सारणी भेज दिया। इसके बाद से ही सब इंजीनियरों की बेहद कमी चल रही है। इससे कामकाज बेपटरी होते जा रहे हैं।
अधीनस्थ अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा
नपा में हालात यह हो गए हैं कि लोक निर्माण शाखा में भारी भरकम अमला मौजूद है, लेकिन एक सब इंजीनियर ब्रजेश खानूरकर के पास खुद की अलावा जल शाखा का भी प्रभार है। कुछ दिनों पहले उन्हें स्वच्छता शाखा का भी प्रभारी बना दिया गया। एक ही सब इंजीनियर को सारी जिम्मेदारी देने से लोक निर्माण शाखा में उनके हस्ताक्षर के लिए कर्मचारियों को इंतजार करना पड़ता है। हालत यह है कि जिस दिन वे लोक निर्माण शाखा में जाकर बैठते हैं, वहां हस्ताक्षर की फाइलों का अंबार लग जा रहा है। चूंकि गर्मी शुरू हो गई है, उन्हें जलशाखा का भी महत्वपूर्ण काम देखना पड़ता है, इसलिए एक सब इंजीनियर के भरोसे नपा का का बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। पार्षद और ठेकेदार भी इस समस्या सभी को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
राज्य शासन को भेजा प्रस्ताव, टाय-टाय फिस
नगरपालिका ने कई माह पहले सब इंजीनियरों की कमी के बाद नपा में पदस्थ रहे रिटायर सब इंजीनियर धीरेंद्र राठौर और मुलताई नपा के पूर्व सब इंजीनियर को अस्थाई तौर पर पदस्थ करने के लिए राज्य शासन को पत्र लिखा था, लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने इस पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। यदि इन दो सब इंजीनियरों को बैतूल में पदस्थ कर दिया जाता है तो शायद हालात सुधर गए होते। इसके अलावा चिचोली के सब इंजीनियर नगेंद्र वागद्रे को भी पूर्व की तरह दोनों जगह के काम लिए जाते तो भी व्यवस्था सुधर सकती थी।
इनका कहना…..
सब इंजीनियरों की कमी का मामला मेरे संज्ञान में है। मैं सतत इसके लिए प्रयास कर रहा हूं। बहुत जल्द नपा को सब इंजीनियर मिल जाएंगे।
हेमंत खंडेलवाल, विधायक बैतूल
एक सब इंजीनियर के कारण व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई है। एक अन्य सब इंजीनियर लंबे समय से अवकाश पर चल रहे हैं। हमने तीन सब इंजीनियर पदस्थ करने के लिए पत्राचार किया है।
सतीष मटसेनिया, सीएमओ नपा बैतूल