Dr Yogesh Pandagre: दूसरे धड़े के नेताओं को साधकर एक तीर से दो शिकार
सारणी में विधायक डॉ पण्डाग्रे ने विधायक प्रतिनिधियों की नियुक्तियां शुरू की, कहीं मण्डल अध्यक्ष की लिस्ट शॉर्ट करने का प्रयास तो नहीं?

Dr Yogesh Pandagre : बैतूल/सारणी। आमला-सारणी से दूसरी बार विधायक चुने गए डॉ योगेश पंडाग्रे अब राजनीति में परिपक्व हो गए हैं। मौके पर चौका मारने पर वे भी अब पीछे नहीं रहते हैं। पिछले दिनों उनके क्षेत्र में उनके ही विधायक प्रतिनिधि पर पार्टी के उपाध्यक्ष की आत्महत्या के लिए उकसाने का संगीन आरोप लगाने से पार्टी की छवि को नुकसान होने के बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। पार्टी हाईकमान से चर्चा कर विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह और मंडल महामंत्री प्रकाश शिवहरे को पार्टी से हटाने के बाद नए नेताओं को चार माह बाद नियुक्ति देकर उन्होंने बता दिया है कि काम करने वालों को ही क्षेत्र में तवज्जों दी जाएगी। पिछले दो दिनों में उन्होंने क्षेत्र के नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए एक के बाद एक प्रतिनिधि के लिए नियुक्ति पत्र जारी कर सामंजस्य स्थापित करने के अच्छे प्रयास किए हैं।
सूत्र बताते हैं कि क्षेत्रीय विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे ने एक ही पद को अनेकों कार्यकर्ताओं में बांटने की शुरुआत की थी। इसके पहले एक ही कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे प्रतीत हो रहा है कि विधायक ने बढ़ती नाराजगी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व में क्षेत्र के नेत्र रंजीत सिंह को विधायक प्रतिनिधि बनाया था। उनके ही पार्टी के एक नेता की आत्महत्या के मामले में छुट्टी कर दी गई। इसके बाद से सारणी क्षेत्र में पद से हटाए गए रंजीत सिंह और मंडल महामंत्री प्रकाश शिवहरे के उत्तराधिकारी के रूप में अच्छे चेहरे को सामने लाने के प्रयास हो रहे हैं। चर्चा है कि विधायक इन नामों पर पिछले कई दिनों से मंथन कर रहे हैं।
सुधा के नियुक्ति से हुई शुरुआत
विधायक डॉ पंडाग्रे ने सबसे पहले रंजीत सिंह के स्थान पर पूर्व मंडल अध्यक्ष सुधा चंद्रा को सारणी नपा में अपना प्रतिनिधि बना दिया। इस संबंध में उन्होंने सीएमओ को पत्र लिखकर अपनी अनुपस्थिति में नपा में होने वाली बैठकों में चंद्रा को आमंत्रित कर शासकीय योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही। सुधा की नियुक्ति की खबर सारणी में आग की तरह फैली। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर इस नियुक्ति को लेकर हर्ष मना रहे थे, तभी अचानक पद के लिए कतार में लगे अन्य नेताओं ने भी मोर्चा खोल दिया। इससे भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई। हालांकि विधायक ने मंझेे हुए खिलाड़ी की तरह सभी को संतुष्ट करने का आश्वासन दिया।
मंडल अध्यक्ष की लिस्ट शार्ट करने के प्रयास!
जानकार सूत्र बताते हैं कि सुधा की नियुक्ति के बाद सारणी में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी होने लगी। यह जानकारी जैसे ही विधायक को मिली तो सारणी भाजपा में दखल रखने वाले जीपी सिंह को सारणी थाने में अपना प्रतिनिधि बना दिया। इसके ठीक एक दिन बाद क्षेत्र के सक्रिय और वरिष्ठ नेता संजय अग्रवाल को मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी में विधायक प्रतिनिधि नियुक्त कर उनकी नाराजगी भी खत्म कर दी गई। इस बीच चर्चा है कि सारणी में अभी मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हुई है। यह नियुक्ति कई मायने रखती है। दरअसल सारणी भाजपा मंडल अध्यक्ष बनने के लिए कई वरिष्ठ कार्यकर्ता कतार में है। यह नियुक्ति करने में संगठन को पसीना छूट रहा है, इससे चर्चा बढ़ रही है कि कहीं मंडल अध्यक्ष की लिस्ट शार्ट तो नहीं की जा रही है।