Prashasnik Kona : प्रशासनिक कोना: किस साहब को प्रभार मिलने से तेवर बदले?? कौनसे साहब कार्यवाही के साथ प्लानिंग में नए कीर्तिमान बना रहे??? इनकी आमद के साथ आन द रिकार्ड, ऑफ द रिकार्ड के क्या मायने??? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम प्रशासनिक कोना में…..
Prashasnik Kona: Administrative Corner: Which sir's attitude changed after getting the charge??

साहब को मिला प्रभार तो बदला रूतबा
एक बड़े साहब लंबी छुट्टी पर गए तो उनका प्रभार 2 नंबर वाले साहब को दिया गया है। प्रभारी मिलते ही फं्रट फूट पर आ गए। अब तक वे शांत स्वभाव के कारण जाने जाते थे, लेकिन जिम्मेदारी मिलते उनके तेवर तीखे हो गए। भले ही वे प्रभार मिलने के बाद एक भी दिन चेंबर में नहीं पहुंचे लेकिन अपने कार्यालय से ही जो आदेश निकाल रहे है, इस पर पूरा महकमा चल रहा है। चर्चा है कि कुछ मामले में वे जरा सी बात पर नाराज हो जा रहे है इससे उनके स्वभाव को कोई समझ नहीं पा रहा है। थोड़ी-थोड़ी बात में उनका नाराज होने से अधिकारी भी सहमे हुए है कि साहब को आखिर क्या हो गया? यह भी चर्चा है कि साहब का मुंड देख कर अधिकारी फाईल लेकर जाने की जहमत उठा पाते है।
कार्यवाही और प्लानिंग में बन रहे कीर्तिमान
वर्दी वाले विभाग में एक बड़े साहब की कार्यवाही और प्लानिंग के अधीनस्थ मुरीद हो रहे है। दरअसल कुछ माह से साहब ने अपनी वर्किंग मोड ऐसी बदली की लोग लो-प्रोफाईल रहने वाले मातहमों की में हड़कंप मच गया है। बैठकों में भी अवैध गतिविधियों की शिकायत पर साहब के तेवर इतने तीखे रहते है कि सभी को अपनी कार्यप्रणाली बदलने पर मजबूर होना पड़ गया है। पिछले दिनों उन्होंने पूरे जिले के कवाड़ियों पर नखेल कस अनुठा अभियान चलाया, अब तक संयुक्त रूप से ऐसी कार्यवाही किसी भी ने नहीं चलाई। दरअसल कबाड़ियों से क्षेत्र के लोग भी परेशान है। बड़े साहब की इस कार्यवाही से आस-पास के रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है।
दोनों धु्रव को साधने की तैयारी
एक अनुविभाग में यूनिफार्म वाले अधिकारी की आमद हुई है। लंबे समय से यहां किसी की पदस्थापना नहीं हुई थी कई नाम सामने आए लेकिन पूर्व में यह पदस्थ रहे प्रमोटेड अधिकारी की प्रतिस्थापना हो गई, चूंकि जिस क्षेत्र में जहां उनकी पदस्थापना हुई है, वहां राजनीति में दो ध्रुव देखे जाते है। कहा जा रहा है कि जिसकी नोटशीट पर साहब आए है, उन्हें ऑन द रिकार्ड और जिनसे पुराने संबंध है, उन्हें ऑफ द रिकार्ड मैंटेन करना किसी चुनौती से कम नहीं है। चर्चा है कि ऑफ द रिकार्ड वाले जनप्रतिनिधि से फोन पर बात भी हो गई है। इसके बाद करीबियों को अनुविभाग के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पदस्थ करने पर सहमति बनने के आसार है।