Betul News: सिविल सर्जन का आवास चमकाने लाखों का मिथ्या खर्च

Betul News: False expenditure of lakhs on polishing the civil surgeon's house

लोक निर्माण विभाग को सौंपा जिम्मा, बाउंड्रीवाल की मेट को देखकर मंत्रियों के बंगले की याद आई

Betul News: बैतूल। पद मिलने के बाद सुख-सुविधाओं में इजाफा होना लाजमी है। बैतूल में कई अधिकारी ऐसे हैं जो बंगले की साज सज्जा में लाखों रुपए खर्च कर सरकार धन का दुरुपयोग करने से बाज नहीं आ रहा है। ताजा मामला जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के विकास नगर स्थित शासकीय आवास से जुड़ा है। यहां पर पद के अनुसार बंगले की मरम्मत में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन और बंगले की सजावट पर लोक निर्माण विभाग और ठेकेदार पर अपने अनुसार काम करने के लिए कह रहे हैं।

इस मामले में सिविल सर्जन का मानना है कि जब से बंगला आवंटित हुआ है, तब से रिनीवल नहीं हुआ था। विधिवत आवेदन देकर रीनिवल करवाया जा रहा है, जबकि क्षेत्र में ही रहने वाले अन्य लोग आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। दरअसल उन्होंने भी अपने बंगले के रिनीवल के लिए वर्षों से आवेदन दे रखा है, लेकिन आज तक पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की आंखें नहीं खुली है।

सामान्य तौर पर सरकारी नुमाइंदों को शासकीय आवास की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। इनमें से कुछ अधिकारी ऐसे रहते हैं, जिन्हें बड़ा पद मिल जाए तो विलासिता भी बदल जाती है। जिला अस्पताल में कुछ माह पहले ही सिविल सर्जन बनाए गए डॉ जगदीश घोरे के साथ भी यही हुआ।

उन्हें जिम्मेदारी मिलने को कुछ दिन ही हुए हैं कि पद और स्वभाव के विपरित उन्होंने अपने विकास नगर स्थित शासकीय आवास के रिनीवल के लिए लाखों रुपए खर्च करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। कहा जा रहा है कि शासकीय बंगले के रीनिवल के लिए लोक निर्माण विभाग ने जिम्मेदारी लेते हुए ठेकेदार को सौंपा है।

Betul News: सिविल सर्जन का आवास चमकाने लाखों का मिथ्या खर्च

मेट से लेकर पेविंग ब्लाक तक सबकुछ नया

वर्षों से बंगले का रिनीवल के नाम से नए सिविल सर्जन अपना रूतबा दिखा रहे हैं। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक शिकायतकर्ता का कहना है कि सिविल सर्जन के निकटम रिश्तेदार भोपाल में पीडब्ल्यूडी में किसी बड़े पद पर है। उन्हीं के माध्यम से बैतूल के पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बंगले के रिनीवल के निर्देश मिले हैं। बड़े अधिकारी का फोन घनघनाते ही बंगले के रंगरोगन के लिए लाखों रुपए फूंके जा रहे हैं।

सरकारी धन का दुरुपयोग कर यह रुपए बंगले पर लाखों रुपए की मेट लगाकर मेट के साथ लोहे की जाली लगाकर पूरी की जा रही है। पेविंग ब्लाक के अलावा बंगले के अंदर भी शान शौकत का ख्याल रखा जा रहा है। अंदर टाइल्स लगाने और शौचालय -बाथरूम की भी साज सज्जा की तैयारियां की जा रही हैं।

खबर यह भी है कि जो मेट सिविल सर्जन के निवास पर लगाई गई है, उसकी कीमत मंत्रियों के आवसा पर लगने वाली मेट से कम नहीं है। करीब 3 से 4 लाख रुपए केवल मेट पर ही खर्च किए गए हैं। बंगले परिसर में पेविंग ब्लाक पर भी 3 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

भुगतान को लेकर असमंजस्य

सांझवीर की पड़ताल में सामने आया है कि सिविल सर्जन के बंगले की साज सज्जा के लिए लगभग 7 से 8 लाख रुपए खर्च किए जा सकते हैं। मेट और पेविंग ब्लाक पर ही करीब 6 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। ऐसे में शासकीय धन का दुरुपयोग खुलेआम सामने आ रहा है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर विकास नगर की अन्य कालोनी के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।

उनका कहना है कि पहले से आवेदन दे रखा है, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने उनके सरकारी आवास का रिनीवल नहीं किया। इधर सिविल सर्जन के निकटतम रिश्तेदार पीडब्ल्यूडी में बड़े पद पर होने के रूतबे का फायदा उठाकर लाखों रुपए का मिथ्या खर्च किया जा रहा है, जिसकी सर्वत्र आलोचना हो रही है।

इनका कहना…

सरकारी आवासों के रिपेयर के लिए हम भोपाल प्रस्ताव भेजते हैं। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद रिनीवल करते हैं। सिविल सर्जन के आवास पर भी काम हो रहा है, लेकिन 7-8 लाख रुपए का रिनीवल होने की बात गलत है।

प्रीति पटेल, ईई पीडब्ल्यूडी बैतूल

हमारा आवास काफी पुराना है। इसकी मरम्मत के लिए पहले आवेदन दिया था। उसी के आधार पर काम हो रहा है। मेट और थोड़ा बहुत काम कराया जा रहा है। पेविंग ब्लाक लगाए जाने की बात गलत है।

डॉ जगदीश घोरे, सिविल सर्जन बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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