Kayakalp Yojana: कायाकल्प योजना की सड़कों के मरम्मत कार्य में तकनीकी पेंच
Kayakalp Yojana: Technical glitches in the repair work of roads under Kayakalp Yojana

स्टेशन रोड पर हालात बदलने तक नहीं टिक पाएगी सड़क, ठेकेदार बोले- ड्रेनेज सिस्टम से बिगड़ रहे हालात
Kayakalp Yojana: बैतूल। शहर में कायाकल्प योजना के तहत बनी सड़को की मरम्मती कार्य में कुछ सड़कों की मरम्मत तो कर दी गई है, लेकिन स्टेशन और आबकारी की सड़कों की मरम्मत में तकनीकी पेंच फंस चुका है। पूर्व में ठेकेदार को इन सडकों की मरम्मतीकरण कार्य सौंपकर यह चेतावनी दी गई थी कि 15 दिवस के भीतर सड़कों का मरम्मतीकरण कर दिया जाए अन्यथा कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।
ठेकेदार सभी सड़कों की मरम्मत कर चुका है, लेकिन सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि स्टेशन रोड पर तकनीकी फाल्ट जब तक नजरअंदाज होते रहेंगे। सड़क बनती भी रहेगी और उखड़ती भी रहेगी और जनता का पैसा इसी तरह बारिश की भेंट चढ़ता चला जाएगा। ऐसी स्थिति में नगरपालिका एड़ी चोटी का जोर लगा ले, लेकिन ठेकेदार को ब्लेक लिस्ट नहीं कर सकती, क्योंकि जब तक विस्तृत कार्ययोजना बनाकर सड़कों का निर्माण नहीं कराया जाता तब तक गुणवत्ता पर इसी तरह सवाल खड़े होते रहेंगे।
ड्रेनेज की नजरअंदाजी और अतिक्रमण कर रहे सड़कों का सत्यानाश
इस पूरे मामले में नपा की इंजीनियरिंग पूरी तरह फेल नजर आ रही है, क्योंकि स्टेशन और आबकारी के सामने ड्रेनेज सिस्टम के न होने का सीधा नुकसान बार -बार बनाई जा रही सड़कों को झेलना पड़ रहा है। सड़क खराब होते ही इसका ठीकरा सबसे पहले ठेकेदार पर फोड़ा जाता है, लेकिन नपा अपनी कमियों को नजरअंदाज कर देती है। स्टेशन के सामने ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने और अतिक्रमण के चलते बारिश का पानी सड़कों पर ही जमा होता है।
सड़क उखड़ने के बाद सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने शुरू हो जाते हैं। यह जिम्मेदारी नपा के इंजीनियरों की है कि वे मौके की नजाकत को देखते हुए इसकी बकायदा पुख्ता प्लानिंग करें। यदि ऐसा किया जाता तो बार बार सड़क उखड़ने से मुक्ति तो मिल ही जाती साथ ही मरम्मत के नाम पर बार बार जनता के लाखों रुपए खर्च किए जाने से भी बचा जा सकता है।
स्थिति देख ठेकेदार ने भी खड़े किए हाथ
काया कल्प योजना के तहत सड़क मरम्मत को लेकर बालाजी कन्स्ट्रक्शन कम्पनी के संचालक आशीष अग्रवाल से जब चर्चा की गई तो उन्होंने स्थिति स्पस्ट करते ह बताया कि कायाकल्प योजना के अंतर्गत उन्हें सड़क बनाने नहीं बल्कि मरम्मत किए जाने का ठेका दिया गया था। चिन्हित सड़कों में से अधिकांश सड़कों की मरम्मत कर दी है, लेकिन स्टेशन के सामने औऱ आबकारी के पास तकनीकी पेंच फंसा हुआ है। दोनों ही जगहों पर पानी निस्तारी की कोई भी व्यवस्था नहीं है।
ऐसे में इन सड़कों की मरम्मत कर भी दी जाए तो सड़क ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगी और बदनामी का ठीकरा कम्पनी के सिर फोड़ा जाएगा। इस संबंध में नपा अधिकारियों के साथ चर्चा हो चुकी है।
अधिकारियों को ड्रेनेज सहित सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण का विकल्प दिया है। इस पर पुनर्विचार के लिए पुन: बैठक होनी है। शहर में सड़क उत्कृष्ट बने औऱ लम्बे समय तक टिकाऊ रहे इसकी प्लानिंग की जाएगी।
ड्रेनेज को नपा दे रही पहली प्राथमिकता
पूरे मामले को लेकर अब नपा के रवैय्ये में गम्भीरता नजर आ रही है ताकी अब तक जो हुआ वह आगे देखने को न मिले, सीएमओ ने बताया कि, इस मामले पर गम्भीरता से विचार विमर्श किया जा रहा है।
शहर की कई सड़के ड्रेनेज के अभाव में बार बार उखड़ रही हैं। चूंकि ड्रेनेज के लिए फंड की समस्या भी सामने आ रही है। यह तय किया जा रहा है कि शहर की किसी भी सड़क का निर्माण हो पहली प्राथमिकता ड्रेनेज को ही दी जाएगी। ताकि सड़कें कम से कम 8 से 10 सालों तक टिकाऊ रह सकें। बजट आते ही इसका प्रावधान सुनिश्चित करेंगे।
इनका कहना….
ड्रेनेज का अभाव सड़कों पर साफ नजर आ रहा है। यह तय किया गया है कि बिना ड्रेनेज के सड़कों का निर्माण नहीं किया जाएगा। बजट मिलते ही इसका प्रावधान सुनिश्चित करेंगे।
सतीश मटसेनिया, सीएमओ नपा बैतूल
स्टेशन के सामने सड़क का मरम्मतीकरण छोड़ा गया है, क्योंकि यहां पानी निस्तारी की व्यवस्थाएं नहीं है। नपा के अधिकारियों से चर्चा चल रही है।
आशीष अग्रवाल, बालाजी कन्स्ट्रक्शन कम्पनी