Betul News: हंसराज, मधु और रश्मि में से कोई एक होगा भाजपा का नया जिला अध्यक्ष!
Betul News: One of Hansraj, Madhu and Rashmi will be the new district president of BJP!

विजय भवन में पर्यवेक्षक और जिला प्रभारी की मौजूदगी में हुई घंटों रायशुमारी
Betul News: बैतूल। भाजपा के संगठन चुनावों के बीच अब सबकी नजर अगला जिला अध्यक्ष कौन होगा? इस पर लगी हुई है। जिस तरह से भाजपा ने अपना क्राइटेरिया सर्वजनिक कर रखा है, उससे पता चला है कि अध्यक्ष का नाम दिल्ली से ही तय होगा। यहां से सिर्फ रायशुमारी के बाद तीन नामों के पैनल का लिफाफा दिल्ली भेजा जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि अध्यक्ष आखिर कौन होगा?
राजनीति के जानकारों के मुताबिक जिला पंचायत चुनाव में अचानक उभरे आदिवासी वर्ग के हंसराज धुर्वे की दावेदारी सशक्त मानी जा रही है तो पिछड़ा वर्ग से मधु पाटनकर और महिला कोटे से रश्मि साहू का नाम अंतिम पेनल में दिल्ली भेजे जाने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। फिलहाल चुनाव प्रभारी सुदर्शन गुप्ता की अगुवाई में भाजपा कार्यालय विजय भवन में रायशुमारी चल रही है। सम्भवत: 31 दिसम्बर तक जिला भाजपा को नया अध्यक्ष भी दे दिया जाएगा।
तीन नामों के पैनल में हंसराज, साबित हो सकते हैं तुरुप का इक्का
भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए संगठन ने यह तय किया है कि अध्यक्ष पद के लिए आदिवासी बाहुल्य जिले से किसी एक प्रभावशाली आदिवासी नेता और महिला का नाम अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग के किसी एक नेता का भी शामिल होना जरूरी है। हालांकि पूर्व विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके मंगल सिंह धुर्वे का नाम दावेदारी में शामिल तो है, लेकिन इस नाम पर विरोध होने की भी संभावना दिख रही है।
ऐसे में एक मात्र नाम बचता है, वह हैं जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे का। जिला पंचायत चुनावों के दौरान यह नाम अचानक सुर्खियों में आया था। हंसराज धुर्वे आदिवासी समाज मे एक मिलनसार व्यक्तित्व के रूप में काफी चर्चित है। संगठनात्मक क्षमता में भी कहीं कोई कमी अभी तक नजर नहीं आई है। आदिवासी बाहुल्य जिले में भाजपा के लिए यह आदिवासी नेता तुरूप का इक्का साबित हो सकता है।
महिला वर्ग को मिला नेतृत्व तो रश्मि होगी परफैक्ट
पिछड़ा वर्ग समाज से आने वाली भाजपा नेत्री रश्मि साहू राजनीति के क्षेत्र में परिचय की मोहताज नहीं है। पिछले कई वर्षों से भाजपा से जुड़ी रश्मि भाजपा के प्रत्येक कार्यक्रम और गतिविधियों में अपना योगदान देते नजर आई हैं। यही वजह है कि वर्तमान में वह जिला उपाध्यक्ष के पद का सफल निर्वहन कर रही हैं तो पूर्व में वे जिला पंचायत सदस्य सहित भाजपा महिला मोर्चे के जिला अध्यक्ष जैसे पदों पर भी रह कर अपनी राजनीतिक क्षमता का परिचय दे चुकी हैं।
महिलओं के बीच काफी लोकप्रिय रश्मि का नाम भी राजनीतिक गलियारों में पूरी वजनदारी के साथ लिया जा रहा है। रश्मि का एक प्लस प्वाइंट यह भी है कि वे भाजपा की राजनीति में खासा दखल रखने वाले बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल की भी गुड लिस्ट में शामिल हैं।
मधु की दावेदारी पर भी लग सकती है मुहर
भाजपा संगठन चुनाव में वैसे तो दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग समाज और बहुसंख्यक कुनबी समाज से ताल्लुक रखने वाले के मधु पाटनकर का नाम भी पैनल में शामिल होना बताया जा रहा है। भाजपा जिला मंत्री एवं बैतूल विधान सभा प्रभारी मधु पाटनकर भाजपा मंडल अध्यक्ष की पूर्व में जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। राजनीति के जानकारों की माने तो जिला अध्यक्ष के चुनाव में मधु पाटनकर की दावेदारी शसक्त रूप से देखने को तो नहीं मिली, लेकिन जैसे ही भाजपा संगठन ने अन्य पिछड़ा वर्ग कैंडिडेट को क्राइटेरिया में शामिल किया।
वैसे ही जिला अध्यक्ष की दौड़ में बहुसंख्यक कुनबी समाज के मधु पाटनकर का नाम सुर्खिया बटोरने लगा। वैसे भी जिले की राजनीति में कुनबी समाज का खासा दखल है। हालांकि भाजपा भवन में रायशुमारी का दौर शुरू है ऊंट किस करवट बैठेगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
अंतिम समय में चौकाने वाला भी नाम आ सकता है सामने
अनुशासित भाजपा में संगठन चुनाव को लेकर नेताओं को दावेदारी किए जाने की पूरी छूट दी गई है। यही वजह है कि अध्यक्ष पद के लिए इस चुनाव में एक नहीं, बल्कि कई दावेदारों के नाम सामने आए हैं। पूर्व विधायक मंगल सिंह धुर्वे, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेश आहूजा, नागरिक बैंक अध्यक्ष अतीत पवार, पूर्व नपा अध्यक्ष सुधाकर पवार, पूर्व नपा उपाध्यक्ष रेखा शिवहरे जैसे अन्य नाम भी सुर्खियों में आए, लेकिन राजनीतिक गलियारों में आदित्य बबला शुक्ला और पूर्व विधायक अलकेश आर्य के नाम भी इस चुनावों में खासे चर्चा में बने हुए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
इन दोनों नामों पर भी चुनावी गणित अंतिम समय तक लगते रहे हैं। राजनीति के जानकारों ने स्थिति स्पष्ट करते हुए आंकलन किया है कि भाजपा की रणनीति हमेशा चौकाने वाली रही है। कब कौन अर्श से फर्श पर और फर्श से अर्श पर पहुंच जाए।
इस पर भरोसा किया जाना काफी मुश्किल है। मौजूदा रायशुमारी में भले ही जो भी निर्णय लिया जाए, लेकिन अंतिम नाम पर मुहर दिल्ली स्थित केंद्रीय संगठन को ही लगानी है। ऐसे में इस बात की भी प्रबल संभावनाएं बन रही हैं कि अध्यक्ष पद के लिए आने वाला बहुप्रतीक्षित नाम चौकाने वाला भी हो सकता है। वो चाहे अलकेश का हो या बबला का या फिर किसी और का।