Betul News: तीन लाख किसान उपज बेचने दो मंडियों पर निर्भर, बैतूल मंडी में बिगड़ रहे हालात
Betul News: Three lakh farmers depend on two markets to sell their produce, situation is worsening in Betul Mandi.

मुलताई मंडी और आमला की उप मंडी वर्षों से बंद, जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का भी नहीं गया ध्यान
Betul News: बैतूल। जिले में वैसे तो तीन कृषि उपज मंडियां है, लेकिन तीन मंडियों में से एक मंडी वर्षों से बंद पड़ी है। दो मंडियां ही सुचारू रूप से संचालित है। पूरे जिले भर के किसान उपज लेकर बैतूल मंडी पहुंच रहे हैं। जिसके कारण बैतूल मंडी के हालत हमेशा बिगड़ते रहते हैं। आवक इतनी अधिक हो जा रही है कि किसानों को उपज डालने के लिए स्थान नहीं मिल पाता। जिले की सभी मंडियों और उप मंडियों के संचालन को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंडी और उप मंडियों में खरीददारी अच्छे से हो पाती तो बैतूल मंडी में किसानों की अधिक भीड़ नहीं होती।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में तीन मंडियां है। एक बैतूल, भैंसदेही और मुलताई शामिल है। इन तीन मंडियों में बैतूल और भैंसदेही की मंडी में उपज की खरीदी हो रही है। मुलताई की मंडी वर्षों से बंद पड़ी है। मुलताई क्षेत्र के किसानों को लंबी दूरी का सफर तय करके उपज बेचने के लिए बैतूल आना पड़ता है। मुलताई की मंडी सुचारू रूप से संचालित होती तो मुलताई क्षेत्र के किसानों को उपज बेचने के लिए बैतूल नहीं आना पड़ता और बैतूल मंडी में किसानों की भीड़ नहीं होती। मुलताई मंडी के सुचारू रूप से संचालित होने को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में मुलताई कृषि मंडी बंद है जबकि मुलताई क्षेत्र में हजारों किसान है जो उपज बेचने के लिए बैतूल मंडी आते हैं।
बताया जा रहा है कि कृषि उपज मंडी मुलताई में उपज की खरीदी के लिए कोई व्यापारी ही नहीं है। क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा मंडी में खरीदी न कर किसानों से सीधे गांव में पहुंचकर खरीदी कर लेते हैं। इसमें किसानों को उपज लाने ले जाने की झंझट से निजात तो मिल रही हैं, लेकिन उपज के दाम कम मिल रहे हैं। जब व्यापारी सीधे घर से उपज की खरीदारी करते हैं तो उपज के कम दाम दिए जाते हैं। कई किसान अच्छे दाम के लिए कृषि मंडी में उपज बेचना चाहते हैं, लेकिन मुलताई में मंडी शुरू नहीं है, उन्हें बैतूल मंडी में उपज लाना पड़ता है।
भैंसेदही मंडी में खरीदारी, पर व्यवस्था ठीक नहीं
कृषि उपज मंडी भैंसदेही में उपज की खरीदारी तो की जा रही हैं, लेकिन यहां पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण आए दिन किसानों को परेशान होना पड़ता है। हालांकि राहत भरी खबर यह है कि इस मंडी में खरीदारी हो रही हैं और किसान भी पहुंचते हैं। अव्यवस्थाओं के कारण किसानों को जरूर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस मंडी को भी अभी तक अच्छे से डेवलप नहीं किया है। भैंसदेही क्षेत्र के भी कई किसान सीधे उपज लेकर बैतूल पहुंचते हैं। इस मंडी में भी सुविधाएं बढ़ाई जाती तो किसानों को बैतूल मंडी आने की जरूरत नहीं पड़ती।
आमला की उप मंडी वर्षों से बंद
आमला ब्लॉक में उप मंडी संचालित है लेकिन यहां की मंडी वर्षों से बंद पड़ी है। यहां उपज की खरीदी नहीं हो पा रही है। आमला क्षेत्र के किसान उप मंडी नहीं होने के पहले मुलताई कृषि मंडी उपज लेकर पहुंचते थे, लेकिन मुलताई की भी मंडी बंद है। अब आमला क्षेत्र के सैंकड़ों किसानों को उपज लेकर बैतूल मंडी पहुंचना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र की उप मंडी में उपज की खरीदी होती तो उन्हें लंबा सफर तय करके बैतूल नहीं जाना पड़ता। मजबूरी वश किसानों को बैतूल मंडी जाना पड़ रहा है।
चिचोली ब्लॉक की उप मंडी कागजों में सिमटी
चिचोली क्षेत्र में उप मंडी बनाने का प्रस्ताव है लेकिन यह प्रस्ताव सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गया है। जानकारी के मुताबिक उप मंडी बनाने की प्रक्रिया पिछले तीन-चार वर्षों से चली आ रही हैं, लेकिन अभी तक मंडी का निर्माण कार्य तक शुरू नहीं हो सका। चिचोली क्षेत्र के किसानों को भी सीधे बैतूल आना पड़ता है। इधर, शाहपुर की उप मंडी में खरीदारी हो रही हैं, लेकिन यहां पर भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। बहुत कम किसान शाहपुर की उप मंडी में उपज बेचने के लिए पहुंचते हैं।
जिले में तीन लाख से अधिक किसान
जिले में प्रतिवर्ष किसानों की तदात बढ़ते जा रही हैं, लेकिन जिले की कृषि मंडियों में किसानों की संख्या को देखते हुए कोई सुविधाएं नहीं बढ़ रही। कई मंडियां और उप मंडियां शुरू होने की बजाए बंद पड़ी है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अभी लगभग 3 लाख 25 हजार किसानों की संख्या है। इसमें से अधिकतर किसान उपज लेकर सीधे बैतूल कृषि मंडी में पहुंचते हैं। इसलिए बैतूल मंडी में व्यवस्था बिगड़ जाती हैं। किसानों को उपज डालने के लिए स्थान नहीं मिल पाता है। हालात तो यह हो जाते हैं कि बैतूल मंडी प्रशासन को व्यवस्था बनाने में पसीने छूटते हैं।
इनका कहना
जिले में लगभग तीन लाख से अधिक किसानों की संख्या है। प्रति वर्ष किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है। बैतूल में तीन कृषि मंडी और कुछ ब्लॉकों में उप मंडियां संचालित हैं, लेकिन कितनी मंड़ियों में खरीदारी हो रही हैं इसकी जानकारी नहीं है।
रामबीर सिंह राजपूत, एसडीओ कृषि विभाग बैतूल।
यह सही बात है कि बैतूल कृषि उपज मंडी में उपज बेचने वाले किसानों की संख्या अधिक होने के कारण मंडी परिसर में जगह कम पड़ जाती हैं और व्यवस्था बिगड़ जाती है। हमारी तरह से हमेशा ही प्रयास रहता है कि सभी किसानों की उपज की खरीदारी अच्छे से हो सके।
शीला खातरकर, सचिव कृषि उपज मंडी बैतूल।




